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वीसी साहब, कब खत्म होगा नौ साल से आशियाने की बाट जोह रहे लोगों का इंतजार; अधिकारियों की लापरवाही खून के आंसू रो रहे बायर

वीसी साहब बिल्डर प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस व एलआईजी फ्लैटों को आवंटित हुए नौ साल बीत चुके हैं लेकिन हजारों लोगाें का आशियाने का इंतजार आज तक खत्म नहीं हुआ। परेशान आवंटी बिल्डरों के कार्यालय व प्राधिकरण में चक्कर काटकर तंग आ चुके हैं। मगर आशियाने का कब्जा नहीं मिल सका है। इसके लिए सीधे तौर पर प्राधिकरण के अधिकारी जिम्मेदार हैं।

By Vivek Tyagi Edited By: Pooja Tripathi Updated: Tue, 26 Dec 2023 06:00 PM (IST)
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बिल्डर प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस व एलआईजी फ्लैटों को आवंटित हुए नौ साल बीत चुके हैं। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वीसी साहब, बिल्डर प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस व एलआईजी फ्लैटों को आवंटित हुए नौ साल बीत चुके हैं लेकिन हजारों लोगाें का आशियाने का इंतजार आज तक खत्म नहीं हुआ।

परेशान आवंटी बिल्डरों के कार्यालय व प्राधिकरण में चक्कर काटकर तंग आ चुके हैं। मगर आशियाने का कब्जा नहीं मिल सका है। इसके लिए सीधे तौर पर प्राधिकरण के अधिकारी जिम्मेदार हैं।

अगर अधिकारी प्रकरण को लेकर गंभीरता से काम करते तो आवंटियों को कब का कब्जा मिल गया होता। वर्ष 2014 में ड्रा के जरिए हजारों लोगों को ईडब्ल्यूएस व एलआईजी फ्लैटों का आवंटन हुआ था।

कई अधिकारी आए गए पर नहीं मिला फ्लैट का कब्जा

तब से लेकर अब तक जीडीए में कई अधिकारी आए और चले गए, लेकिन आवंटियों को फ्लैटों का कब्जा दिलाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

मयंक कुमार ने बताया के उनके पिता के नाम ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित हुआ था। उन्हें अभी तक कब्जा नहीं मिला है। शनिवार को वह जीडीए कार्यालय पहुंचे और बिल्डर द्वारा मनमानी करने व कब्जा न देने की शिकायत की।

इसी तरह कुसुमलता भी एलआईजी फ्लैट का कब्जा दिलाने की मांग को लेकर 50 से ज्यादा चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन उनकी समस्या का भी समाधान नहीं हो रहा है।

यह दो मामले तो सिर्फ उदाहरण मात्र हैं। प्रतिदिन काफी संख्या में सफल आवंटी जीडीए कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराते हैं। मगर कार्रवाई के नाम पर हर बार सिर्फ आश्वासन देकर उन्हें वापस लौटा दिया जाता है।

यह है मामला

बिल्डर अपने प्रोजेक्ट पूरा कर लोगों को बेचते देते थे लेकिन नियमानुसार उन्हें स्वीकृत फ्लैटों के एवज में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस व एलआइजी फ्लैट नहीं बनाते थे। वर्ष 2013 में तत्कालीन जीडीए उपाध्यक्ष संतोष यादव ने बिल्डरों पर सख्ती करते हुए फ्लैटों का निर्माण शुरू कराया था।

गरीब लोगों की आवासीय जरूरत को पूरा करने के मद्देनजर उन्होंने बिल्डरों से सूची लेकर योजना लांच कराई। 3700 लोगों को आवंटन भी किया गया, लेकिन उनका तबादला होने के बाद जीडीए अधिकारियों ने सुध नहीं ली। वहीं पैसा जमा न करने पर उप्पल चड्ढा समूह 111 व अग्रवाल एसोसिएट्स 144 लोगों का आवंटन निरस्त कर चुका है।

ईडब्ल्यूएस व एलआइजी फ्लैट बनाने वाले सभी बिल्डरों को स्पष्ट निर्देश हैं कि सफल आवंटियों को बिना देरी किए कब्जा दें। जो बिल्डर निर्देशों का पालन नहीं करेंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।- सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव जीडीए।

इतने बनाने थे ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फ्लैट और बनाए हैं इतने

बिल्डर - प्रस्तावित फ्लैटों की संख्या - निर्मित

उप्पल चड्ढा

 ईडब्ल्यूएस - 1635 - 1008

एलआईजी - 1635 - 932

सनसिटी

ईडब्ल्यूएस - 384 - शून्य

एलआईजी - 384 - शून्य

क्रासिंग रिपब्लिक

ईडब्ल्यूएस - 2239 - 496

एलआईजी - 2239 - 468

असंल प्रापर्टीज

ईडब्ल्यूएस - 424 - 128

एलआईजी - 424 - 132

अग्रवाल एसोसिएट्स

ईडब्ल्यूएस - 540 - 236

एलआइजी - 540 - 240

मैसर्स यूटिलिटी

ईडब्ल्यूएस - 569 - 24

एलआईजी - 569 - 24

मैसर्स एसएमवी एजेंसीज

ईडब्ल्यूएस - 576 - 272

एलआईजी - 576 - 244

सारे समग

ईडब्ल्यूएस - 360 - 360

एलआईजी - 360 - 306

लैंडक्राफ्ट

ईडब्ल्यूएस - 303 - 167

एलआईजी - 303 - 74

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