Move to Jagran APP

Ghaziabad Durga Puja : इंदिरापुरम में बनारसी साड़ी में विराजेंगी ‘मां दुर्गा’, देंगी स्वदेशी का संदेश

पिछले दो साल से कनावनी पुश्ता रोड स्थित रायल डायमंड फार्म हाउस में दुर्गा पूजा आयोजित की जा रही है। इस बार पूरा पंडाल ही अल्पना से सजा होगा।कोलकाता से आए 12 आर्टिस्ट अल्पना बना रहे हैं।आर्टिस्ट ने बताया कि दिमाग में बनी कल्पना से अल्पना तैयार की जाती है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 05:30 PM (IST)
Hero Image
अल्पना के बीच बिराजमान होंगी मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय।
साहिबाबाद [धनंजय वर्मा]। Ghaziabad Durga Puja: लोग भारतीय सभ्यता व पहनावा छोड़ पश्चिमी देशों की सभ्यता और पहनावे की ओर बढ़ रहे हैं। इस बार इंदिरापुरम में प्रांतिक कल्चरल सोसायटी की ओर से आयोजित दुर्गा पूजा में मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती बनारसी साड़ी में हजारों साल हजारों साल से बनाई जा रही कल्पना के बीच विराजमान होंगी। यहां सब कुछ स्वदेशी होगा। विभिन्न आयोजनों के जरिए भी लोगों को स्वदेशी सामानों और भारतीय सभ्यता के प्रति प्रेरित किया जाएगा।

हजारों साल पुराना है अल्पना का इतिहास

प्रांतिक कल्चरल सोसायटी की ओर से पहले शिप्रा माल के पास मैदान में दुर्गा पूजा आयोजित की जाती थी। पिछले दो साल से कनावनी पुश्ता रोड स्थित रायल डायमंड फार्म हाउस में दुर्गा पूजा आयोजित की जा रही है। इस बार पूरा पंडाल ही अल्पना से सजा होगा। कोलकाता से आए 12 आर्टिस्ट अल्पना बना रहे हैं। आर्टिस्ट तापस मैती ने बताया कि दिमाग में बनी कल्पना से अल्पना तैयार की जाती है। अल्पना का इतिहास हजारों साल पुराना है। पुराणों के मुताबिक एक राजा के पुरोहित का बेटा मर गया। ब्रह्मा ने राजा से कहा वह लड़के का रेखाचित्र जमीन पर बना दे ताकि उस में जान डाली जा सके। राजा ने ज़मीन पर कुछ रेखाएं खींची यहीं से अल्पना की शुरुआत हुई। रामायण में राम- सीता के विवाह मंडप में भी अल्पना बनाने का वर्णन है। यहां मां दुर्गा की मूर्ति अल्पना के बीच होगी, जो पारंपरिक कला के प्रति लोगों को प्रेरित करेगी।

कोलकाता में तैयार हो रही मां की साड़ी

प्रांतिक कल्चरल सोसायटी के संस्थापक सदस्य अभिजीत राय ने बताया कि मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के लिए कोलकाता में बनारसी साड़ी बनाने का आर्डर दिया गया है। भगवान गणेश और कार्तिकेय के लिए धोती बनवाई जा रही है। दुर्गा पूजा में स्वदेशी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा, जिससे की देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो। साथ ही लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता के बारे में भी जानें। 29 सितंबर से पांच अक्टूबर तक चलने वाली दुर्गा पूजा में बंगाल के कलाकार विभिन्न प्रस्तुतियां देंगे। विभिन्न आयोजन भी किए जाएंगे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।