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Ghaziabad Fire Incident: मां और दो बेटियां सो गईं मौत की नींद, तीन लोग झुलसे; खाना बनाते समय लगी थी आग

टीला मोड़ थाना क्षेत्र के भोपुरा की डिफेंस कॉलोनी में रविवार को निर्माणाधीन मकान के कमरे में खाना बनाने के दौरान गैस रिसाव से आग लग गई। आग से मां और दो बेटियों की मौत हो गई। पिता पुत्र और घर में काम कर रहे कारपेंटर का दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों ने आग बुझाकर सभी को बाहर निकाला।

By Hasin Shahjama Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 23 Jun 2024 11:47 PM (IST)
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भोपुरा की डिफेंस कालोनी के इसी मकान में लगी थी आग।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। टीला मोड़ थाना क्षेत्र के भोपुरा की डिफेंस कॉलोनी में रविवार को निर्माणाधीन मकान के कमरे में खाना बनाने के दौरान गैस रिसाव से आग लग गई। आग से मां और दो बेटियों की मौत हो गई। पिता, पुत्र और घर में काम कर रहे कारपेंटर का दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों ने आग बुझाकर सभी को बाहर निकाला। आग बुझाने में मकान मालिक भी गिरकर घायल हो गया।

डिफेंस कॉलोनी में नत्थूलाल का मकान बन रहा है। मकान में पांच कमरे बन चुके हैं। मकान में पत्थर और फर्नीचर का काम चल रहा है। नत्थूलाल ने अपने साले 48 वर्षीय मुकेश को इस मकान में किराये पर कमरा दे रखा था। इस कमरे में मुकेश अपनी पत्नी 45 वर्षीय भगवती, 15 वर्षीय बेटा अंकित, 16 वर्षीय बेटी प्रियंका व 17 वर्षीय बेटी हिमानी के साथ रहते थे।

गैस में रिसाव से लगी आग

मुकेश सब्जी बेचने का काम करते हैं। भगवती कूकर बनाने की फैक्ट्री में काम करती थीं। रविवार को उनकी छुट्टी थी। सभी लोग कमरे में मौजूद थे। कमरे की अंदर से कुंडी लगी हुई थी। भगवती कमरे में गैस चूल्हे पर खाना बना रही थीं। सुबह लगभग 11:30 बजे कमरे में सिलेंडर में गैस रिसाव से आग लग गई।

गैस का गुबार बना, आग से झुलसे

कमरे में गैस का गुबार बन गया। इसकी चपेट में आकर सभी झुलस गए। उन्हें कमरे की कुंडी खोलकर बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। आग की लपटे कमरे से बाहर निकल आईं और पूरे मकान में धुआं भर गया। पड़ोसी और वहां काम कर रहे लोग आग बुझाने में जुट गए।

गेट तोड़कर सभी को बाहर निकाला

कमरे के बाहर लकड़ी का काम कर रहे कारपेंटर सोनू भी झुलस गए। गेट तोड़कर सभी को कमरे से बाहर निकाला। आग बुझाने में नत्थूलाल भी जुट गए थे। उनका पैर फिसल गया। जिससे उनके सिर में चोट लग गई।

स्थानीय लोग निजी वाहन से सभी झुलसे लोगाें को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों ने भगवती, प्रियंका और हिमानी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने रिश्तेदारों को बताया कि मुकेश और अंकित भी 90 प्रतिशत जल गए हैं। वहीं सोनू भी 50 प्रतिशत झुलस गए हैं।

एक अन्य महिला ने दो बेटियों के साथ भागकर बचाई जान

नत्थूलाल ने एक दूसरा कमरा राजू नामक व्यक्ति को किराये पर दे रखा था। आग लगने के दौरान राजू घर पर मौजूद नहीं थे। राजू पत्नी संध्या, आठ वर्षीय बेटी कनक, पांच वर्षीय दिव्या कमरे में मौजूद थीं। संध्या ने दोनों बेटियों के साथ धुएं के बीच से बाहर निकलकर जान बचाई। पूरे घर में धुआं भर चुका था।

गैस सिलेंडर में रिसाव से कमरे में भर गई। जिससे आग लग गई। 12 बजे अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। रास्ते में गाड़ी पहुंची थी तो काल आई की आग बुझा ली गई है। टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था। वेंटिलेशन नहीं होने की वजह से कमरे से गैस बाहर नहीं निकल सकी थी। -राहुल पाल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी।

आग लगने के दौरान सात लोग घायल हुए थे। तीन की अस्पताल में मौत हो गई। चार का अस्पताल में इलाज चल रहा है। खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में रिसाव से आग लगी थी। -सिद्धार्थ गौतम, सहायक पुलिस आयुक्त, शालीमार गार्डन।

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