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Ghaziabad Property News: गाजियाबाद में बढ़े प्रॉपर्टी के दाम, जीडीए की व्यावसायिक संपत्ति हुई महंगी

गाजियाबाद में व्यावसायिक संपत्ति अब महंगी हो गई है। शासन की उच्चस्तरीय समिति के निर्देशानुसार वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को भी जीडीए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। कुल 11 प्रस्ताव जीडीए की बोर्ड बैठक में रखे गए थे। सभी स्वीकृत हो गए हैं। वर्ष 2024-25 में जीडीए ने 1294 करोड़ रुपये आय व 1226 करोड़ व्यय का लक्ष्य रखा है।

By Vivek Tyagi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 12 Mar 2024 01:00 PM (IST)
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Ghaziabad Property News: गाजियाबाद में बढ़े प्रॉपर्टी के दाम, जीडीए की व्यावसायिक संपत्ति हुई महंगी
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिले में व्यावसायिक संपत्ति अब महंगी हो गई है। व्यावसायिक संपत्तियों की कीमत 8700 रुपये प्रति वर्गमीटर बढ़ गई है। वहीं शासन की उच्चस्तरीय समिति के निर्देशानुसार वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को भी जीडीए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। कुल 11 प्रस्ताव जीडीए की बोर्ड बैठक में रखे गए थे। सभी स्वीकृत हो गए हैं।

मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमार जे. की अध्यक्षता में सोमवार शाम चार बजे जीडीए की बोर्ड बैठक हुई। जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि संशोधित भवन उपविधि पर जीडीए बोर्ड की मुहर लगी। अब 300 वर्गमीटर से छोटे भूखंडों पर फ्लैट नहीं बन सकेंगे।

300 व उससे अधिक वर्गमीटर का भूखंड, जो 12 मीटर सड़क पर स्थित है। उस पर ही स्टिल्ट के साथ चार फ्लोर अनुमन्य होगा। 300 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड पर मकान में पार्किंग के लिए दो मीटर ऊंचाई के स्टिल्ट फ्लोर का निर्माण कराया जा सकेगा।

जीडीए ने रखा 1294 करोड़ रुपये आय का लक्ष्य

ऐसे में 10.50 से 12.50 मीटर ऊंचाई तक भवन का निर्माण कराया जा सकेगा। जीडीए का बजट भी बोर्ड बैठक में रखा गया। वर्ष 2024-25 में जीडीए ने 1294 करोड़ रुपये आय व 1226 करोड़ व्यय का लक्ष्य रखा है। प्राधिकरण की बेलेंस सीट की बोर्ड बैठक में पेश की गई।

प्राधिकरण के कोष में 122 करोड़ इजाफा

वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में प्राधिकरण के कोष में 122 करोड़ इजाफा हुआ है। प्राधिकरण से ठेका लेने के लिए ठेकेदार को कार्य का ठेका आवंटित होने के बाद 15 दिन से भीतर एग्रीमेंट करना होगा। ऐसा न करने पर ठेकेदार पर प्रतिदिन के हिसाब से एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।

इससे विकास कार्य तय समय पर पूरा हो सकेंगे। इसके अलावा अब जीडीए बिड कैपेसिटी के आधार पर भी ठेका आवंटित करेगा। जितनी रकम का ठेका है उतने का हैसियत प्रमाण पत्र ठेकेदार को जमा करना होगा।

शेल्टर फीस के खाते में जमा धनराशि दूसरे मद में प्रयोग करने, प्राधिकरण के प्रवर्तन कार्य व अतिक्रमण मुक्त कराने एवं प्राधिकरण की संपत्ति की सुरक्षा के लिए होम गार्ड रखने, एक कर्मचारी व एक मृत कर्मचारी की पत्नी के चिकित्सा बिल का भुगतान करने का जीडीए बोर्ड में मंजूरी दी।

जीडीए उपाध्यक्ष व डीएम गाजियाबाद इन्द्र विक्रम सिंह, जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कोर्डिनेटर प्लानर एससी गौड, जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल व अन्य मौजूद रहे।

इसलिए महंगी करनी पड़ी व्यावसायिक संपत्तियां 

दरअसल, गरीबों के लिए जीडीए ने शासन के निर्देशों पर कई साल पहले प्रताप विहार व राजेंद्र नगर में ईडब्ल्यूएस भवन बनाए थे। भवन दो लाख रुपये में आवंटित किए गए थे लेकिन लागत ज्यादा आई थी। करीब 27 करोड़ रुपये का भार प्राधिकरण पर पड़ा था।

इस पर कैग ने आडिट आपत्ति लगाई थी। इस रकम की पूर्ति के लिए व्यावसायिक भूंखडों के रेट 8700 रुपये प्रति वर्गमीटर बढ़ाए गए हैं। जीडीए के विभिन्न योजनाओं में काफी भूखंड हैं। उनका कुल क्षेत्रफल 31500 वर्गमीटर है।

उन सभी के दाम में 8700 रुपये प्रति वर्गमीटर का इजाफा होगा। विभिन्न योजनाओं में अभी तक व्यावसायिक भूखंड का जो आरक्षित मूल्य है। उसमें 8700 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से जोड़कर अब यह भूखंड नीलाम किए जाएंगे।

विकास के साथ होगा निवेश, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

शासन की उच्च स्तरीय समिति ने मंथन के बाद पिछले दिनों बैंक गारंटी के रूप में जमीन बंधक रखकर वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को स्वीकृति देने का निर्णय लिया था। भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क के 401 करोड़ रुपये के एवज में इतनी कीमत की जमीन बैंक गारंटी के रूप में बंधक रखकर वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को मंजूरी दी गई है।

इससे क्षेत्र में विकास के साथ निवेश होगा और राेजगार के अवसर बढ़ेंगे। संशोधित डीपीआर 3786.79 एकड़ जमीन पर स्वीकृत की गई है। साथ ही वेव सिटी के ले-आउट को भी बोर्ड की स्वीकृत मिल गई है।

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