Ghaziabad: चार्जशीट लगाने के लिए दारोगा ने मांगे एक लाख रुपये, ऐसे सामने आया पुलिसवाले का भ्रष्टाचारी चेहरा
Ghaziabad Corruption Case घर में घुसकर मारपीट बलवा व हत्या की धमकी देने के मामले में चार्जशीट लगाने के लिए एक लाख रुपये की घूस मांगने के आरोप में दारोगा महेंद्र शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीड़ित खालिद ने शनिवार को पुलिस कमिश्नर ( Ghaziabad Police )अजय कुमार मिश्र से शिकायत की थी।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। Ghaziabad Corruption Case: घर में घुसकर मारपीट, बलवा व हत्या की धमकी देने के मामले में चार्जशीट लगाने के लिए एक लाख रुपये की घूस मांगने के आरोप में दारोगा महेंद्र शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
पीड़ित खालिद ने शनिवार को पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र से शिकायत की थी। कुछ ऑडियो भी दी थीं, जिनमें दारोगा पैसे लेन-देन की बात कर रहे हैं। प्राथमिक जांच में घूस मांगने के आरोप पुष्ट होने के बाद थाना कवि नगर में तैनात दारोगा महेंद्र शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
छह साल से अटका है मामला
कैला भट्टा के खालिद ने ससुर अलीमुद्दीन समेत सात ससुरालियों के खिलाफ नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सात जून 2017 को आरोपितों ने घर में घुसकर उन्हें पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। आरोपितों ने उनसे साढ़े चार लाख रुपये उधार लिए थे।
पैसे वापस मांगने पर मारपीट की गई थी। विवेचना के बाद मामले में आरोपितों को क्लीन चिट देकर फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी गई। कई बार विवेचक बदलने के बाद भी 10 जुलाई 2022 को फिर से एफआर लगाई गई तो पीड़ित ने कोर्ट में गुहार लगाई, जहां से पुनः विवेचना के आदेश हुए और विवेचना महेंद्र शर्मा को मिली।
विपक्षी एक लाख से अधिक देने को तैयार है
आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट लगाने को महेंद्र शर्मा ने पीड़ित को कवि नगर औद्योगिक क्षेत्र चौकी में बुलाकर एक लाख रुपये मांगे। खालिद ने 30 हजार रुपये देकर कहा कि उसके पास इतने ही पैसे हैं। आरोप है कि दारोगा ने कहा कि विपक्षी एक लाख रुपये से अधिक दे रहे हैं। तुम्हें अपने पक्ष में काम कराना है तो 80 हजार रुपये लगेंगे। पीड़ित ने 20 हजार रुपये और देने को कहा, लेकिन दारोगा नहीं माने। इसके बाद दारोगा ने दो बार में पीड़ित के दिए 30 हजार रुपये लौटा भी दिए।
आलाधिकारी चक्कर लगवाते रहे
खालिद ने बताया कि वह कई माह तक उच्चाधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन सुनवाई सिर्फ पुलिस कमिश्नर ने की। आरोप है कि एसीपी कोतवाली निमिष पाटील, डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल और एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी के समक्ष कई बार साक्ष्य रखे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
रिपोर्ट इनपुट- आयुष गंगवार
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