Ghaziabad: भूमि विवादों का वरासत अभियान से होगा समाधान, जमीन को लेकर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर लगेगी रोक
भूमि विवादों के लिए होने वाली आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए वरासत अभियान आरंभ किया गया है जो 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। अपने व परायों के बीच भूमि विवाद का समय पर निस्तारण नहीं होने के कारण कई बार यह खूनी विवाद में तब्दील हो जाते हैं। ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसी वजह से यह अभियान शुरू किया गया है।
शाहनवाज अली, गाजियाबाद। भूमि विवादों के लिए होने वाली आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए वरासत अभियान आरंभ किया गया है, जो 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। अपने व परायों के बीच भूमि विवाद का समय पर निस्तारण नहीं होने के कारण कई बार यह खूनी विवाद में तब्दील हो जाते हैं।
ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसी वजह से यह अभियान शुरू किया गया है। जिले की सदर, मोदीनगर और लोनी तहसील स्तर पर बड़ी संख्या में भूमि विवादों के मामले लंबित चले आ रहे हैं। इनमें सीमांकन, निर्विवाद वरासत, नामांतरण और बंटवारे के लंबित मामले शामिल हैं। लंबित मामलों के चलते भूमि विवाद में आपसी झगड़े होते हैं जो बड़ी घटनाओं का रूप ले लेते हैं। कई मामलों में लोग एक-दूसरे की जान तक ले चुके हैं।
वरासत अभियान के तहत संबंधित लंबित सभी मामलों का निस्तारण किया जाएगा। वरासत अभियान के दौरान संबंधित लंबित सभी मामलों का निस्तारण न होने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। समयावधि में कारण विशेष से किसी प्रकरण का निस्तारण न होने पर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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इस संबंध में जिलाधिकारी, राकेश कुमार सिंह ने कहा-
तहसील दिवस में भूमि विवादों को लेकर काफी शिकायतें मिल रही हैं। कई बार भूमि विवाद बड़ी घटनाओं का भी रूप ले रही हैं। शासन की मंशा के अनुरूप इन विवादों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित एसडीएम को निर्देशित किया गया है।
जमीनी विवाद में रिश्ते भी तार-तार
- सात अक्टूबर 2023: विजय नगर में भूमि विवाद को लेकर दो भाइयों के बीच विवाद में बड़े भाई ने छोटे भाई को गोली मार दी।
- दो अक्टूबर 2023: मुरादनगर के गांव मकरेड़ा में रिश्ते के भाई ने जमीनी विवाद के चलते भाई को बुलाकर गोली मार दी।
- आठ जनवरी 2023: लोनी के खानपुर गांव में जमीनी विवाद में दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे और पत्थरबाजी हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए
- लंबित मामले निस्तारित न होने पर अफसरों की जवाबदेही होगी तय, भूमि विवाद में खूनी घटनाएं रोकने को पहल
लेखपालों की स्थिति
तहसील | तैनात | पद |
मोदीनगर | 29 | 43 |
सदर | 18 | 24 |
लोनी | 12 | 16 |
कुल | 59 | 83 |
नोट: कुछ लेखपालों को कार्यालयों में भी अटैच किया गया है।
लेखपला संघ के जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन सरकारी योजनाओं को पूरा करने की समयसीमा निर्धारित है। लेखपाल इन योजनाओं के अलावा राजस्व के अन्य कार्य भी कर रहे हैं। एक-एक लेखपाल के पास 14 से 15 गांव का कार्य है। खसरा, रियल टाइम खतौनी का पोर्टल काफी धीमा है। रात-रात भर इंतजार कर कार्य को समयावधि में पूरा करते हैं। वर्ष 2016 से लेखपालों की भर्ती नहीं हुई। संचालित योजनाओं को समयसीमा के भीतर पूरा करने में पसीना छूट रहा है।
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