गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में अनिश्चिकालीन धरना प्रदर्शन, जिला जज को बर्खास्त करने की मांग
गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है। वकील जिला जज को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। 29 अक्टूबर को जिला जज कोर्ट रूम में जमानत के मामले को लेकर वकीलों और जिला जज के बीच हुई नोंकझोंक के बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसके बाद से ही वकीलों में आक्रोश है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला जज कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में वकीलों का धरना चल रहा है। आज से अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। मंगलवार को जिला जज कोर्ट में जमानत के मामले की पहले सुनवाई को लेकर वकीलों और जिला जज अनिल कुमार के बीच शुरू हुई नोंकझोंक के बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। उसके बाद से ही वकीलों में आक्रोश है।
दीवाली की छुट्टियों के बाद आज कोर्ट खुली है, लेकिन वकील हड़ताल पर हैं। वकील किसी मामले में कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं। कोर्ट खुली हैं और न्यायिक अधिकारी भी बैठे हुए हैं। लेकिन वकील कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं। कोर्ट में अपने मामलों में आने वाले वादकारियों को तारीख मिल रही है।
बार अध्यक्ष ने कहा- अनिश्चितकालीन है हड़ताल
बार अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि वकीलों की हड़ताल उनकी मांग माने जाने तक जारी रहेगी। बार काउंसिल की समिति से उन्होंने मांग की है कि जिला जज को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। वकीलों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लाठीचार्ज में घायल वकीलों को मुआवजा मिले और वकीलों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।हाइकोर्ट में याचिका दाखिल
बार एसोसिएशन अध्यक्ष दीपक शर्मा ने वकीलों की तरफ से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि जो मांग उन्होंने बार काउंसिल के समक्ष रखी हैं उन्ही मांगो को लेकर याचिका दाखिल की गई है।
कई जिलों से मिला रहा समर्थन
गाजियाबाद के वकीलों को प्रदेश के कई जिलों की बार एसोसिएशन से समर्थन मिल रहा है। सोमवार को आगरा और ग्रेटर आगरा बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने धरने पर पहुचकर समर्थन दिया।वकीलों की हड़ताल कब तक रहेगी ?
बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि गाजियाबाद के जिला जज का तबादला व उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस वालों का तबादला और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने तक अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे।
इसके अलावा इस प्रकरण में अधिवक्ताओं पर दर्ज दोनों एफआईआर को खारिज किया जाए और चोटिल अधिवक्ताओं दो-दो लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाए। इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया जाएगा।
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