Ghaziabad: रेबीज से व्यक्ति की मौत, तड़प-तड़पकर निकली जान; जिले में 24 घंटे में 200 लोगों को कुत्तों ने काटा
रेबीज से एक और मौत का मामला सामने आया है। चिपियाना बुजुर्ग के रहने वाले 35 वर्षीय रविंद्र सिंह की 28 अगस्त को रेबीज से मौत हो गई है। उसे दो महीने पहले आवारा कुत्ते ने काटा था जिसे नजरअंदाज कर दिया और एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई। 25 अगस्त को हालत खराब होने और तेज बुखार होने पर रविंद्र ने एंटी रेबीज की पहली डोज प्राइवेट अस्पताल में लगवाई।
By Madan PanchalEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 10 Sep 2023 01:23 AM (IST)
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। रेबीज से एक और मौत का मामला प्रकाश में आया है। चिपियाना बुजुर्ग के रहने वाले 35 वर्षीय रविंद्र सिंह की 28 अगस्त को रेबीज से मौत हो गई है। उसे दो महीने पहले आवारा कुत्ते (पिल्ला) ने काटा था, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया और एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई।
25 अगस्त को हालत खराब होने और तेज बुखार होने पर रविंद्र ने एंटी रेबीज की पहली डोज प्राइवेट अस्पताल में लगवाई। भाई टीटू इंदौरिया ने बताया कि पानी देखकर डरने और व्यवहार में तेजी से बदलाव होने पर जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में 27 अगस्त को दिखाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने रविंद्र को कई इंजेक्शन लगाए। दवाएं भी दी।
नहीं संभाल पा रहे थे कई लोग
टीटू ने बताया कि रात को हालत ज्यादा खराब होने पर दिल्ली के तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन वहां चिकित्सकों ने रेबीज बताते हुए वापस घर भेज दिया। टीटू ने बताया कि मौत से पहले रविंद्र को काबू करना बहुत ही मुश्किल हो गया था। पांच से दस लोग भी नहीं संभाल पा रहे थे।28 अगस्त को रविंद्र की मौत हो गई। रविंद्र ई-रिक्शा चलाता था। मृतक की पत्नी वंदना, बेटा प्रिंस, बेटी सेजल और इशानी की सेहत को लेकर विभाग गंभीर है। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। इस प्रकरण की जांच कराते हुए मृतक की बीमारी की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
510 ने लगवाई एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी)
शनिवार को अलग-अलग क्षेत्रों में आवारा कुत्तों ने 21 बच्चों समेत 200 लोगों को काट लिया। इनमें नौ बच्चों के हाथ और पैरों में गहरे घाव हो गए। जिला एमएमजी अस्पताल और संयुक्त अस्पताल स्थित एंटी रेबीज क्लीनिक में पहुंचकर इन सभी लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई है। कुत्ते के काटने पर 200 ने पहली डोज और 310 ने दूसरी व तीसरी डोज लगवाई।कुत्ते के काटने पर तुरंत लगवाएं एआरवी
रेबीज से किशोर की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बचाव और रोकथाम के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिला सर्विलांस अधिकारी डा.आरके गुप्ता ने बताया कि रेबीज के अधिकतर मामले 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में होते हैं। बच्चों में अधिकतर कुत्तों के काटने, चाटने, खरोंचने या लार के त्वचा, आंख, नाक और मुंह के संपर्क में आने के केस नजरअंदाज हो जाते हैं।
रेबीज कुत्ते, बंदर, बिल्ली, चमगादड़, बबून, खरगोश व नेवला आदि के काटने से फैलता है। इस बीमारी का बचाव सौ फीसदी संभव है लेकिन रोग के लक्षण आने पर इलाज संभव नहीं है और इसमें मृत्यु दर भी सौ फीसदी है। ऐसे में बीमारी से बचाव के लिए कुत्तों का टीकाकरण किया जाना आवश्यक है। कुत्ते के काटने पर तुरंत एआरवी लगवाना ही इसका बचाव है।
रोग के लक्षण हल्का तापमान, भूख का कम लगना, रोशनी से डर लगना, पानी से डरना, कुत्ते जैसे भौंकने की आवाज निकालना, मुंह की मांसपेशियों के पक्षाघात से मुंह खुला रहना, दांत पीसना, निगलने व पानी पीने में तकलीफ होना, अस्थिर अवस्था में रहना है।
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