गाजियाबाद शहर के विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। इसके लिए गाजियाबाद नगर निगम ने साल 2024-25 के लिए 1795 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। इस बजट में विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा नगर निगम ने सड़कों पर लगने वाले पैठ बाजार के लिए नियमावली बनाने का भी फैसला किया गया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शहर के विकास को रफ्तार देने के लिए नगर निगम साल 2024-25 में 1795 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसके अलावा विभिन्न मदों में 1592 करोड़ आय प्रस्तावित है। बुधवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक में साल 2024-25 का बजट भी पेश किया गया, जो सर्वसम्मति से पास हुआ। दरअसल, पिछले साल के बजट से 508 करोड़ निगम कोष में बचे हुए हैं।
इस साल आय 1592 करोड़ प्रस्तावित है। इस तरह निगम के कोष में 2100 करोड़ की धनराशि होगी। इसमें में 1592 करोड़ विभिन्न विकास कार्यों में खर्च करने बाद 304 करोड़ निगम के कोष में शेष बचेंगे। साल 2024-25 के बजट में निर्माण विभाग को 194 करोड़ 40 लाख, जलकल विभाग को 139 करोड़ 60 लाख, प्रकाश विभाग को 33 करोड़ से ज्यादा का बजट मिला।
लोन भुगतान के लिए 80 करोड़ बजट आवंटित
स्वास्थ्य विभाग एवं नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर सबसे अधिक 213 करोड़ 40 लाख, उद्यान विभाग को 60 करोड़ 50 लाख, शिक्षा, खेल कूद के लिए सात करोड़, संपत्ति एवं प्रवर्तन विभाग को 2.36 करोड़ 65 लाख, विधि विभाग को 2.50 करोड़, सामान्य प्रशासन कार्मिक नजारत लेखा कार्य के लिए 149 करोड़ 85 लाख, ऋण भुगतान के लिए 80 करोड़ व शासकीय अनुदान व अन्य मदों के लिए 911 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
सड़कों पर पैठ बाजार के लिए नियमावली बनाएगा निगम
बोर्ड बैठक में मेयर सुनीता दयाल की अनुमति के बाद एजेंडे के अतिरिक्त प्रस्ताव रखे गए, जो सर्वसम्मति से पास हुए। एक प्रस्ताव सड़कों पर लगने वाले पैठ बाजार के लिए नियमावली बनाने का था। इस पर मेयर ने कहा कि निगम की चौड़ी सड़क पर अतिक्रमण कर पैठ बाजार लगाए जाते हैं। पैठ बाजार में बेंच डालने वाली वसूली करते हैं। इसके लिए पैठ बाजार नियमावली बनाई जाएगी।
अतिक्रमण की समस्या पर रहा जोर
इससे कब-कब, कहां बाजार सड़कों पर लगेगा। इसकी अनुमति निगम देगा। इसके अलावा पैठ बाजार में बेंच डालने का काम करने वालों को भी निगम से लाइसेंस लेना होगा। सभी पार्षदों ने सहमति दी, जिसके बाद यह प्रस्ताव पास हो गया। चिरंजीव विहार के पार्षद मनोज त्यागी, शास्त्रीनगर के पार्षद अमित त्यागी व रजापुर की पार्षद ने क्षेत्र में सड़कों पर ठेली वालों के अतिक्रमण का मुद्दा सदन के सामने रखा।
इसके अलावा हापुड़ रोड़ व हरसांव के बाहर से प्रशासन द्वारा हटाए गए फल वालों द्वारा शास्त्री नगर के विभिन्न मार्गो पर ठेली खड़ी कर रास्ता जाम करने व लोगों को होने वाली परेशानी से अवगत कराया। इसके संबंध में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर इन्हें हटाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में उठा शिक्षकों को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव
वहीं शिप्रा सनसिटी इंदिरापुरम के पार्षद संजय सिंह ने नगर निगम के स्कूलों में 60 वर्ष की आयु पार कर चुके शिक्षकों के पढ़ाने का मुद्दा उठाते हुए 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव रखा। मेयर व पूरे सदन ने इस पर सहमति जाहिर करते हुए कहा कि शासन के नियमों को अनुसार 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को सेवानिवृत्त किया जाएगा।
सड़कों पर बिल्डिंग मैटिरियल रखकर बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में पास हुआ। वहीं पार्षद अमित त्यागी ने शास्त्री नगर के अलावा शहर के अन्य श्मशानों पर निगम कर्मचारियों के तैनात न होने के कारण अंतिम संस्कार के पंजीकरण में अनियमितता होने का मुद्दा उठाया।
पार्षद ने उठाया बैठक को हाईजैक करने को मुद्दा
उन्होंने कहा कि पंजीकरण न होने के कारण लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या होती है। इस पर नगर आयुक्त व मेयर ने व्यवस्था दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया। वहीं पार्षद नरेश जाटव ने कुछ पार्षदों द्वारा बोर्ड बैठक को हाईजैक करने को मुद्दा उठाया।
इस पर भाजपा पार्षदों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। मेयर व कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों को अपनी बात रखने का अधिकार है। इसीलिए सभी को मौका दिया जाता है। हालांकि उन्होंने महिला पार्षदों को अपनी बात रखने के लिए कहा।
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