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गाजियाबाद के इस क्षेत्र में घर बनाना हुआ महंगा, नए मास्टर प्लान को मिली मंजूरी

गाजियाबाद के नए मास्टर प्लान-2031 को शनिवार को जीडीए बोर्ड से हरी झंडी मिल गई। शासन से स्वीकृति मिलते ही गाजियाबाद लोनी मुरादनगर व मोदीनगर की 62817.87 हजार हेक्टेयर भूमि पर नियोजित विकास हो सकेगा। नया मास्टर प्लान लागू होने से मोदीनगर व मुरादनगर में नमो भारत के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभाव क्षेत्र में गाजियाबाद का विकास शुल्क लगेगा।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 26 Nov 2023 08:33 AM (IST)
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गाजियाबाद के इस क्षेत्र में घर बनाना हुआ महंगा, नए मास्टर प्लान को मिली मंजूरी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद के नए मास्टर प्लान-2031 को शनिवार को जीडीए बोर्ड से हरी झंडी मिल गई। शासन से स्वीकृति मिलते ही गाजियाबाद, लोनी, मुरादनगर व मोदीनगर की 62,817.87 हजार हेक्टेयर भूमि पर नियोजित विकास हो सकेगा।

नया मास्टर प्लान लागू होने से मोदीनगर व मुरादनगर में नमो भारत के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभाव क्षेत्र में गाजियाबाद का विकास शुल्क लगेगा। लिहाजा मोदीनगर, मुरादनगर के उक्त क्षेत्र में नक्शा पास कराना महंगा हो जाएगा। लोगों को चार हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की दर पर विकास शुल्क देकर नक्शा पास कराना होगा।

नमो भारत के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र में नक्शा पास कराने से पूर्व जीडीए में एनसीआरटीसी की एनओसी लेनी होगी। इस क्षेत्र में नक्शा पास कराने का शुल्क आधा जीडीए को मिलेगा और आधा एनसीआरटीसी को। शासन की मंशा के अनुरूप लोनी में ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाएगा व औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र बढ़ाया गया है।

मेरठ में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में शनिवार को जीडीए की बोर्ड बैठक हुई। बैठक में सिर्फ मास्टर प्लान का प्रस्ताव रखा गया था। 62,817.87 हजार हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, ग्रीन, मनोरंजन व अन्य घोषित हो जाएगा। नया मास्टर प्लान 2031 लागू होने से जीडीए के कोष में हजारों करोड़ रुपये आने की राह खुलेगी।

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गाजियाबाद के नए मास्टर प्लान पर एक नजर

  • आवासीय 35.7, व्यावसायिक 2.09, औद्योगिक 10.1, मिश्रित भू-उपयोग 2.4, मनोरंजन 19.8, पब्लिक/सेमी पब्लिक उपयोग के लिए 9.2, परिवहन 16.8 प्रतिशत क्षेत्र रहेगा।
  • यातायात की सुगम व्यवस्था के लिए हाईवे के किनारे ट्रक-बस टर्मिनल बनाए जाएंगे। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मानकों के अनुरूप भविष्य की योजनाओं के तहत मार्गों पर काम होगा।
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अनेक स्थानों पर शहर से दूर प्रोसेसिंग साइट प्रस्तावित की गई हैं।
  • औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे दो लाजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे।
  • पर्यावरण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विकास क्षेत्र में मानक से अधिक हरित क्षेत्रों प्रस्तावित किया गया है।

नमो भारत का टीओडी जोन व विशेष विकास क्षेत्र बढ़ा

नए मास्टर प्लान में नमो भारत का टीओडी जोन व विशेष विकास क्षेत्र बढ़ गया है। दुहाई डिपो को स्टेशन के रूप में नोटिफाइ किए जाने से यहां विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र बढ़ा है। एनसीआरटीसी की मांग पर संशोधित मास्टर प्लान में नमो भारत के दुहाई डिपो के पास प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है।

इसके अलावा नमो भारत के दुहाई डिपो व दुहाई स्टेशन के पास प्रभाव क्षेत्र में पहले से प्रस्तावित कृषि भू-उपयोग की जमीनों को टीओडी नीति के तहत मिश्रित भू-उपयोग किया गया है। पहले नमो भारत के गुलधर स्टेशन के पास 510 हेक्टेयर व दुहाई स्टेशन के पास 549 हेक्टेयर में विशेष विकास क्षेत्र चिह्नित किया गया था, लेकिन अब संशोधित मास्टर प्लान में दुहाई डिपो के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र भी करीब 500 हेक्टयेर बढ़ा है।

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