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381 करोड़ हुए खर्च फिर भी व्यवस्थाएं राम भरोसे, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में त्रिफला चूर्ण से हो रहा मरीजों का इलाज

यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कमला नेहरू नगर में 10 एकड़ जमीन पर 381.42 करोड़ की लागत से बनाए गए राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में एक साल बाद भी सुविधाओं का अभाव है। परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेडिकल कालेज भी बनाया गया है लेकिन पढ़ाई शुरू नहीं हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavPublished: Wed, 01 Nov 2023 10:36 AM (IST)Updated: Wed, 01 Nov 2023 10:36 AM (IST)
381 करोड़ हुए खर्च फिर भी व्यवस्थाएं राम भरोसे।

मदन पांचाल, गाजियाबाद। प्राचीन यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कमला नेहरू नगर में 10 एकड़ जमीन पर 381.42 करोड़ की लागत से बनाए गए राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में एक साल बाद भी सुविधाओं का अभाव है।

मसाज सेंटर संचालन को नियुक्त किए गए चार मसाजर ओपीडी काउंटर पर मरीजों की पर्ची बनाने का काम कर रहे हैं। कपिंग थेरेपी का वार्ड बनाया गया है, लेकिन बंद पड़ा है। 200 बेड का इंतजाम हैं लेकिन एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया है। कोई जांच नहीं होती है। परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेडिकल कालेज भी बनाया गया है, लेकिन पढ़ाई शुरू नहीं हुई है।

मरीजों को दिया जा रहा है त्रिफला चूर्णा

ओपीडी में त्रिफला चूर्ण से लेकर कफ सिरप देकर मरीजों को जरूर ठीक किया जा रहा है। भर्ती करने का पूरा इंतजाम हैं, लेकिन चिकित्सक नहीं है। संविदा पर रखे गए छह चिकित्सकों में से कई बाहर की दवाएं लिखकर यूनानी चिकित्सा का झंडा बुलंद कर रहे हैं। उद्घाटन से शुरू हुई राजनीतिक रार के साथ ही यहां तैनात स्वास्थ्यकर्मियों में दो गुट बन गए हैं। तीन महीने पहले संस्थान की रार पुलिस थाने तक पहुंच गई थी। एमआरआइ सेंटर शुरू नहीं हुआ है।

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पिछले साल हुआ था ओपीडी का उद्घाटन

ओपीडी एक नवंबर को शुरू करने के बाद इसका उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल किया था। संस्थान में मुख्य रूप से गठिया, सफेद दाग, एग्जिमा, अस्थमा, माइग्रेन, मलेरिया एवं फाइलेरिया, पेट की समस्या और हड्डी रोगों का इलाज हो रहा है।

एक नवंबर 2022 से लेकर 31 अक्टूबर 2023 तक इस संस्थान में गाजियाबाद के अलावा फरीदाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, मुरादाबाद और गुरुग्राम तक के कुल 2.22 लाख मरीजों ने पहुंचकर इलाज कराया है। नवंबर 2022 में जहां 15 हजार मरीजों ने ओपीडी में पंजीकरण कराया वहीं पर अक्टूबर 2023 में 21949 मरीज इलाज कराने पहुंचे। भवन का 70 प्रतिशत हिस्सा ही निर्माण कंपनी वैपकास ने आयुष विभाग को हैंडओवर किया है।

  • संविदा पर रखे गए हैं छह चिकित्सक मरीजों की तुलना में कम है संख्या
  • मरीजों को भर्ती करने की सेवाओं का नहीं हुआ संचालन
  • कपिंग थेरेपी और मसाज सेंटर की फाइल दिल्ली में अटकी

राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में व्यवस्थाएं राम भरोसे

वर्तमान में संविदा पर छह चिकित्सकों समेत 38 स्वास्थ्यकर्मी तैनात है, जो संस्थान की ओपीडी के सापेक्ष कम है। स्थायी चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। मरीजों को भर्ती करने का निर्णय मंत्रालय स्तर से होगा। भवन का 70 प्रतिशत हिस्सा निर्माण कंपनी ने हैंडओवर कर दिया है। मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लगातार प्रयास जारी हैं।- मोहम्मद जुल्किफ्ल,ओएसडी राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान

संविदा पर कार्यरत चिकित्सक

  • डॉ. जमालुददीन
  • डॉ.सलमा
  • डॉ.उजमा
  • डॉ. फातमा जबीन
  • डॉ.जहीर अहमद
  • डॉ.शहनंशा वली मोअजम

संस्थान की OPD का एक साल का विवरण

महीने कुल मरीज महिला पुरुष पुराने मरीज नए मरीज
दिसंबर 19510 7363 6779 8287 9194
जनवरी 17368 9858 7510 7981 9376
फरवरी 18875 11343 7531 8568 10403
मार्च 18718 9114 10736 9114 9604
अप्रैल 14476 7907 6569 6980 7596
मई 21760 8840 12920 12220 9640
जून 7389 3758 3685 2300 5089
जुलाई 20209 11789 8576 11503 8705
अगस्त 23582 13778 9854 12763 11122
सितंबर 23140 13594 9441 11577 11562

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