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Ghaziabad: GDA नगर नियोजक के रसूख का तिलिस्म टूटा, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण में हुआ तबादला

GDA गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक राजीव रतन शाह के रसूख का तिलिस्म आखिरकार टूट ही गया। अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने जीडीए से उनका तबादला हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के लिए कर दिया है। वहीं हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक प्रोभात कुमार पॉल का तबादला आगरा विकास प्राधिकरण में कर दिया है। उस वक्त उनके रसूख का असर भी हुआ और उनका तबादला रूक गया।

By Vivek TyagiEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 27 Nov 2023 03:16 PM (IST)
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Ghaziabad: GDA नगर नियोजक के रसूख का तिलिस्म टूटा, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण में हुआ तबादला।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक राजीव रतन शाह के रसूख का तिलिस्म आखिरकार टूट ही गया। अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने जीडीए से उनका तबादला हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के लिए कर दिया है।

वहीं, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक प्रोभात कुमार पॉल का तबादला आगरा विकास प्राधिकरण के लिए किया है।

दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय से जीडीए के नगर नियोजक राजीव रतन शाह का तबादला वाराणसी विकास प्राधिकरण के लिए होने के आदेश हुए थे।

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय से तबादले के आदेश की फाइल आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में पहुंची तो अनुभाग-छह में तैनात समीक्षा अधिकारी श्याम लाल ने शासन की गोपनीय सूचना लीक करते हुए राजीव रतन शाह को उनके तबादले की सूचना दे दी थी।

इसके बाद राजीव रतन शाह ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए तबादला रुकवाने के लिए पूरी ताकत झाेंक दी और लखनऊ में डेरा डाल दिया। उस वक्त उनके रसूख का असर भी हुआ और उनका तबादला रूक गया।

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सूचना लीक करने वालों पर हुई कार्रवाई

मुख्यमंत्री कार्यालय से तबादले की फाइल दोबारा विचार करने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से वापस मंगा ली गई थी। शासन की गोपनीय सूचना समीक्षा अधिकारी श्याम लाल द्वारा लीक करने की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्चाधिकारियों व अपर मुख्य सचिव को हुई तो समीक्षा अधिकारी का तत्काल प्रभाव से दूसरे अनुभाग में तबादला किया गया।

वहीं, सात-आठ साल से जीडीए में जमे होने और सेटिंग कर तबादले की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय वापस मंगाने का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्चाधिकारियों व अपर मुख्य सचिव के संज्ञान में आया तो शासन में हड़कंप मच गया। अपर मुख्य सचिव ने नगर नियोजक के रसूख का तिलिस्म तोड़ते हुए उनका तबादला जीडीए से हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के लिए किया।

शासन ने शुरू की जांच

मुख्यमंत्री कार्यालय से तबादले की जो फाइल दोबारा विचार करने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से वापस मंगाई गई थी। उनमें किन-किन अधिकारियों व लोगों की भूमिका थी इसकी भी उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है। शासन में बैठे नगर नियोजक के आकाओं पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।

इसके अलावा कई अवर अभियंता व सहायक अभियंता ऐसे हैं तो बीते आठ-नौ साल से जीडीए में ही तैनात हैं। नियमानुसार प्रोन्नति के बाद उनका तबादला होना चाहिए, लेकिन शासन में सेटिंग होने के चलते वह जीडीए में ही जमे हुए हैं और मलाई काट रहे हैं।

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