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गाजियाबाद में वायु प्रदूषण रोकने को काम करेंगे सरकारी विभाग, कोई करेगा छिड़काव तो कोई लोगों को करेगा जागरूक

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर योजना तैयार कर ली है। इस बार 20 से ज्यादा विभाग मिलकर प्रदूषण को रोकेंगे। इसके लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कोई पानी का छिड़काव कराएगा तो कोई लोगों को जागरूक करेगा। इसमें केवल 12 दिन बचे हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 18 Sep 2023 09:02 AM (IST)
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गाजियाबाद में वायु प्रदूषण रोकने को काम करेंगे सरकारी विभाग।

गाजियाबाद/साहिबाबाद, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर योजना तैयार कर ली है। इस बार 20 से ज्यादा विभाग मिलकर प्रदूषण को रोकेंगे। इसके लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कोई पानी का छिड़काव कराएगा, तो कोई लोगों को जागरूक करेगा।

मौसम में बदलाव के साथ ही एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हवा जहरीली हो जाती है। इसे रोकने के लिए एक अक्टूबर से जिले में ग्रेप लागू हो जाएगा। इसमें केवल 12 दिन बचे हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हर साल प्रदूषण कम करने के इंतजाम किए जाते हैं।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों ने बताया कि 20 से ज्यादा विभागों को वायु प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। जल्द ही सभी को पत्र भी जारी कर दिया जाएगा। प्राधिकरण समय-समय पर अपने क्षेत्र में पानी का छिड़काव कराएंगे।

मशीनों से सड़कों की सफाई, धूल भरी सड़कों को ठीक कराने, निर्माण कार्यों में नियमों का पालन कराने, कूड़ा जलाने से रोकने, कूड़ा निस्तारण का इंतजाम करना होगा। एक क्विक रिस्पांस टीम भी गठित करनी होगी जो नियमों का पालन कराएगी।

प्रदूषण फैला रहे वाहनों पर होगी कार्रवाई

जाम भी प्रदूषण का एक मुख्य कारण है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन व 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का संचालन रोकना होगा। सभी एक्सप्रेस-वे पर भी इस नियम का पालन कराना होगा। फुटपाथ पर अतिक्रमण रोकना व शिकायतों का तत्काल निस्तारण करना होगा।पुलिस को जाम नहीं लगने देना है।

Air polluation

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प्रदूषण बोर्ड करेगा निगरानी

बोर्ड के अधिकारी वायु प्रदूषण बढ़ने-घटने की स्थिति पर नजर रखेंगे। नियमों का उल्लंघन कर रहे निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, उद्योग, स्टोन क्रेशर, हाट मिक्स प्लांट पर कार्रवाई करेंगे। रात में औचक निरीक्षण कर कूड़ा जलाने से रोका जाएगा।

जनरेटर पर रहेगी रोक

एक अक्टबर से बिना दोहरी ईंधन किट वाले डीजल के जेनरेटर के प्रयोग पर रोक रहेगी। केवल आपातकालीन सेवा में ही प्रयोग की अनुमति रहेगी। सीएनजी व पीएनजी संचालित जेनरेटर के प्रयोग की अनुमति रहेगी।

यह होगी विभागों की जिम्मेदारी

  • नगर निगम : धूल उड़ने वाले इलाकों में पानी का छिड़काव कराना व लोगों को जागरूक करना।
  • परिवहन विभाग : बस स्टैंड व डिपो में पानी का छिड़काव करना और पुराने वाहन का संचालन रोकना।
  • कृषि विभाग : फसल के अवशेष जलाने से रोकना व किसानों को जागरूक करना।
  • शिक्षा विभाग : स्कूलों में पटाखे नहीं जलाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
  • औषधि एवं खाद्य विभाग : होटल व अन्य भोजनालय पर कोयला व लकड़ी के प्रयोग पर रोक लगाना।
  • राजस्व विभाग : पटाखों की बिक्री रोकना व ग्राम पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम।
  • स्वास्थ्य विभाग : मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का पालन कराना व वायु प्रदूषण से शरीर पर होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना।
  • पीडब्ल्यूडी : मशीन से सड़कों को साफ कराना व पानी का छिड़काव, कूड़ा निस्तारण करना।
  • दमकल विभाग : आग लगने की घटना को रोकना व अति प्रदूषित क्षेत्र में पानी का छिड़काव करना।
  • पीवीवीएनएल : बिजली आपूर्ति सामान्य करनी रखनी होगी, जिससे कि जनरेटर का प्रयोग न हो सके।

इस बारे में जानकारी देते हुए यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी, विकास मिश्रा ने बताया कि प्रदूषण को रोकने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण फैलने से रोकने की जिम्मेदारी सभी विभागों की होगी।

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