Ghaziabad News: किसानों ने घेरा जीडीए कार्यालय, चार घंटे जाम से जूझे लोग; पुलिस ने डायवर्ट किया ट्रैफिक
किसानों के जीडीए कार्यालय के बाहर धरने पर बैठने के कारण पहले हापुड़ रोड पर जाम लग गया। पुराने बस अड्डे लेकर लेकर आइएमटी कट तक जाम की स्थिति बनी रही थी। पुलिस ने पुराने बस अड्डे से ट्रैफिक को डायवर्ट किया तो अंबेडकर रोड पटेल मार्ग मेरठ रोड़ के अलावा शहर की अंदरुनी सड़कों पर भी चार घंटे जाम की स्थित रही।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वेव सिटी, सनसिटी व जीडीए की मनमानी के विरोध में बुधवार सुबह 11 बजे किसान जीडीए कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। इसके साथ ही उन्होंने जीडीए कार्यालय के बाहर ट्रैक्टर व कारें खड़ी कर रास्ता बंद कर दिया।
इस कारण हापुड़ चुुंगी से ठाकुर द्वारा फ्लाइओवर की तरफ जाने वाले मार्ग पर लंबा जाम लग दिया। करीब चार घंटे लोग जाम से जूझे। सूचना पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोपहर तीन बजे एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह काे किसानों ने ज्ञापन सौंपा। रोस्टर बनाकर मांगों के संबंध में बिल्डर के प्रतिनिधियों से वार्ता कराने के आश्वासन के बाद दिया। इसके बाद ही किसान वापस लौटे।
किसानों ने जीडीए पर लगाए गंभीर आरोप
किसानों का आरोप था कि जीडीए बिल्डरों के साथ मिलकर किसानों को बर्बाद करने का काम कर रहा है। जबरन किसानों की जमीन पर बिल्डर कब्जा कर रहा है। वर्ष 2014 में वेव सिटी और सनसिटी के साथ हुए किसानों के समझौते को आज तक लागू नहीं किया गया है।किसानों की जमीन सर्किल रेट से कम दर पर लेकर धोखाधड़ी की गई। उनकी मांग थी कि 64.7 प्रतिशत बढ़ा मुआवजा व सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा किसानों का दिया जाए। सभी किसानों को हाइटेक सिटी में आ रही जमीन के एवज में 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड दिए जाए।
वेव सिटी व सनसिटी से जो जमीन संशोधित डीपीआर में बाहर की जा रही है वह किसानों को निश्शुल्क वापस लौटाई जाए। वेव सिटी व सनसिटी योजना से प्रभावित गांवों में भूमिहीनों को 120 वर्गमीटर के भूखंड निश्शुल्क दिए जाएं। किसानों की अध्यक्षता भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने की।
सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक जब तक जाम नहीं खुला एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह, एसीपी नंदग्राम रवि कुमार, एसएचओ सिहानी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे।
वहीं जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह, ओएसडी सुशील चौबे भी धरना समाप्त होने तक प्राधिकरण कार्यालय में ही मौजूद रहे। दरअसल, किसानों को जानकारी थी कि बुधवार को जीडीए की बोर्ड बैठक होगी। बोर्ड बैठक में अडंगा डालने के लिए ही धरना करने का निर्णय लिया गया था।
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