गाजियाबाद में आवारा कुत्तों का आतंक, लोगों ने जनप्रतिनिधियों पर खड़े किए सवाल
आवारा कुत्तों का आतंक बड़ी समस्या है। घरों के बाहर कुत्ते रहते हैं ऐसे में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। बच्चों के घर से बाहर निकलने में डर लगा रहता है। निकाय चुनाव में भी यह प्रमुख मुद्दा रहा जिससे निजात दिलाने का दावा कर दावेदारों ने चुनाव में जीत हासिल की। अब तक इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है।
गाजियाबाद, अभिषेक सिंह। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बड़ी समस्या है। निकाय चुनाव में भी यह प्रमुख मुद्दा रहा, जिससे निजात दिलाने का दावा कर दावेदारों ने चुनाव में जीत हासिल की। अब तक इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है। ऐसे में लोगों ने जनप्रतिनिधियों पर सवाल खड़े किए हैं।
उनका कहना है कि यदि जल्द ही समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो विरोध जताएंगे। दैनिक जागरण द्वारा आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। रविवार को 25 से अधिक लोगों ने फोन कर कुत्तों के कारण होने वाली परेशानी के बारे में जानकारी दी।
आकाश नगर के अमर ने बताया कि कॉलोनी में कुत्तों की समस्या बढ़ रही है। घरों के बाहर कुत्ते रहते हैं, ऐसे में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। बच्चों के घर से बाहर निकलने में डर लगा रहता है। प्रताप विहार से देवेश ने फोन कर बताया कि दिन प्रतिदिन आवारा कुत्तों का डर बढ़ रहा है।
घरों में काम करने के लिए आने वाली दो घरेलू सहायिका को कुत्तों ने पिछले दिनों काट लिया था। शालीमार गार्डन मेन में रहने वाली संगीता ने बताया कि क्षेत्र में नगर निगम की टीम द्वारा आवारा कुत्तों का बंध्याकरण नहीं किया जा रहा है।
विजयनगर के गौरव भदौरिया ने बताया कि विजयनगर में कुत्तों की समस्या है, यहां पर आए दिन किसी न किसी व्यक्ति को कुत्ते काट लेते हैं, जबकि नगर निगम द्वारा कुछ ही स्थानों पर कुत्तों का बंध्याकरण किया जा रहा है।
यहां दे कुत्तों से समस्या की जानकारी
यहां पर करें फोन यदि आपके परिवार के किसी सदस्य या जानकार को कुत्ता काटता है तो उसकी सूचना दैनिक जागरण को मोबाइल नंबर 9871314388 पर फोन कर दें। आपके क्षेत्र में कुत्तों की समस्या को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया जाएगा, जिससे कि वहां पर नगर निगम की टीम जाकर कुत्तों का बंध्याकरण करे।
सिद्धार्थ विहार में कुत्तों का आतंक है, पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। समस्या से निजात दिलाने के लिए जनप्रतिनिधियों आवश्यक कदम उठाएं।
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