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Ghaziabad: कमीशनखोरी और लापरवाही की दास्तां बयां कर रहा व्हीकल फ्री जोन, पांच करोड़ की लागत से हुआ था तैयार

गाजियाबाद में बड़े व्यावसायिक हब आरडीसी में पांच करोड़ की लागत से बनाया गया व्हीकल फ्री जोन बनने के बाद से ही बदहाल पड़ा है। शाम होते ही पूरे जोन में अंधेरा पसर जाता है। यह सभी व्हीकल फ्री जोन के निर्माण में हुए कमीशनखोरी के खेल को उजागर कर रहे हैं। शहर की शान बनने के बजाए व्हीकल फ्री जोन बदनुमा दाग बनकर रह गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 20 Aug 2023 12:54 PM (IST)
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कमीशनखोरी और लापरवाही की दास्तां बयां कर रहा व्हीकल फ्री जोन
गाजियाबाद, विवेक त्यागी। गाजियाबाद जिले में बड़े व्यावसायिक हब आरडीसी में पांच करोड़ की लागत से बनाया गया व्हीकल फ्री जोन बनने के बाद से ही बदहाल पड़ा है।

व्हीकल फ्री जोन में लगाई गईं बैंच टूटने के साथ ही लगाई गईं आकर्षक लाइटें खराब हो चुकी हैं। शाम होते ही पूरे जोन में अंधेरा पसर जाता है। जोन में लगाया गया फव्वारा दो साल से चोक पड़ा है, उसे ठीक कराने की किसी ने सुध नहीं ली है। जोन में लगाए गए क्योस्क भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। यह सभी व्हीकल फ्री जोन के निर्माण में हुए कमीशनखोरी के खेल को उजागर कर रहे हैं।

व्हीकल फ्री जोन बनाकर GDA ने बहाए पैसे

गाजियाबाद निवासी भी खुलकर कह रहे हैं कि व्हीकल फ्री जोन बनाकर जीडीए ने पांच करोड़ रुपये पानी में बहाने का काम किया। कमीशनखोरी के लिए इतनी बड़ी धनराशि बेकार कर दी गई। शहर की शान बनने के बजाए व्हीकल फ्री जोन बदनुमा दाग बनकर रह गया है।

आलम यह है कि यहां चारों तरफ गंदगी का ढेर लगा है। क्योस्क के साथ उक्त जोन में फव्वारे व बेंच पर धूल जमी हुई है। आरडीसी जिले के बड़े व्यावसायिक हब में से एक हैं। यहां कई नामी कंपनियों में दफ्तर व शोरुम हैं। काफी संख्या में लोगों व वाहनों का आवागमन होता है।

Ghaziabad

आरडीसी में वाहनों का दबाव कम करने व प्रदूषण की रोकथाम के मद्देनजर जीडीए ने वर्ष 2018 में व्हीकल फ्री जोन का निर्माण कराया गया था, लेकिन व्हीकल फ्री जोन बनने के बाद ही बदहाल है। जोन का निर्माण जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा, सचिव संतोष राय व मुख्य अभियंता विवेकानंद सिंह के कार्यकाल में हुआ था।

शराबियों व असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है क्षेत्र 

आरडीसी के व्हीकल फ्री जोन में लाइटें नहीं हैं। यह सभी लाइटें भी लगने के कुछ दिन बाद ही खराब हो गई थीं। दिन ढलते ही व्हीकल फ्री जोन में अंधेरा छा जाता है। जिस कारण यह शराबियों व असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है। अक्सर अंधेरे में फब्तियां कसने और छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती ही रहती हैं। शराबियों को जमावड़ा तो यहां हर दिन की बात है।

जीडीए में भ्रष्ट तंत्र

  • प्रदूषण व वाहन मुक्त जोन बनाने के लिए जीडीए ने खर्च किए थे पांच करोड़ रुपये, लेकिन आज यह क्षेत्र बदहाल पड़ा है।
  • टूटी बेंच, खराब हुई लाइट, शाम होते ही व्हीकल फ्री जोन में पसर जाता है अंधेरा जिससे लोग जाने से डरते हैं।
जीडीए, मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने कहा- व्हीकल फ्री जोन की सफाई व प्रकाश व्यवस्था और सुंदरीकरण के लिए जल्द टेंडर आवंटित काम शुरू कराया जाएगा। क्योस्क की सफाई कर इन्हें नीलामी में लगाया जाएगा।

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