Ghaziabad: आवारा कुत्तों पर कार्रवाई में लापरवाही बरत रहे हैं अधिकारी, अभी तक तैयार नहीं हुई DPR
गाजियाबाद में आवारा व पालतू कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। सोमवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में बुखार से अधिक कुत्ता काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने वालों की भीड़ उमड़ी। सुबह 10 बजे से दो बजे तक 55 बच्चों समेत 273 लोग एआरवी लगवाने पहुंचे। इनमें 22 बुजुर्ग भी शामिल हैं। चूहे के दो और बिल्ली के काटने पर तीन लोग एआरवी लगवाने पहुंचे।
गाजियाबाद, अभिषेक सिंह। गाजियाबाद में आवारा व पालतू कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। सोमवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में बुखार से अधिक कुत्ता काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने वालों की भीड़ उमड़ी। सुबह 10 बजे से दो बजे तक 55 बच्चों समेत 273 लोग एआरवी लगवाने पहुंचे।
इनमें 22 बुजुर्ग भी शामिल हैं। चूहे के दो और बिल्ली के काटने पर तीन लोग एआरवी लगवाने पहुंचे। नौ लोगों ने बंदर के काटने पर भी एआरवी लगवाई। वहीं 447 लोग ने दूसरी व तीसरी डोज लगवाई। सर्वाधिक शहरी क्षेत्र में लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। विजयनगर के 13 वर्षीय सुमित को आवारा कुत्तों ने पार्क में खेलते वक्त पैरों को कई जगह से काटकर जख्मी कर दिया।
55 बच्चों समेत 273 को कुत्तों ने काटा
गाजियाबाद शहर में आवारा कुत्तों का आतंक है। इससे परेशान होकर आए दिन लोग विरोध प्रदर्शन करते हैं। आवारा आतंक को रोकने के लिए शासन गंभीर है, पर जल निगम के अधिकारी लापरवाह बने हैं। ऐसा जब है, जब शासन से बजट जारी है, फिर भी जल निगम की सीएंडडीएस विंग के अधिकारी अब तक शहर में बनने वाले दूसरे एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार नहीं कर सके हैं।
इससे अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद पहला ऐसा जिला है, जहां पहले से एबीसी सेंटर होने के बाद भी दूसरा एबीसी सेंटर बनाने की मंजूरी शासन ने दी है। नगर नगम ने नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के पास जगह भी चिह्नित की है।
शासन की मंशा है कि अधिकाधिक कुत्तों का बंध्याकरण व टीकाकरण हो, ताकि लोगों को आवारा आतंक से निजात मिले। नए एबीसी सेंटर को 1.66 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है। नए एबीसी सेंटर में डाग केयर सेंटर बनाने के लिए 20 लाख रुपये अलग से देने की स्वीकृति मिली है। इनमें से पहली किस्त के 80 लाख रुपये भी शासन से जारी हो चुके हैं।
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एबीसी सेंटर के लिए डीपीआर बनाने का कार्य जल निगम की सीएंडडीएस विंग को करना है। इसके लिए नगर निगम ने कई बार जल निगम के अधिकारियों को रिमाइंडर भी भेजा है, पर डीपीआर तैयार नही है। डीपीआर तैयार होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर शासन से स्वीकृत धनराशि से एबीसी सेंटर का निर्माण शुरू होगा।
ये मिलेगी सुविधा
वर्तमान में महज 20-25 कुत्तों का प्रतिदिन बंध्याकरण हो रहा है। नया एबीसी सेंटर बनने के बाद प्रतिदिन 80-100 कुत्तों का बंध्याकरण व टीकाकरण हो सकेगा। इससे लोगों को आवारा कुत्तों के आतंक से जल्द निजात मिल सकती है।
जिले में कहां,कितनों ने लगवाई एआरवी
अस्पताल | नए | पुराने |
जिला MMG अस्पताल | 94 | 141 |
संयुक्त अस्पताल | 51 | 138 |
सीएचसी डासना | 23 | 31 |
सीएचसी मुरादनगर | 22 | 21 |
सीएचसी मोदीनगर | 21 | 35 |
सीएचसी लोनी | 21 | 32 |
सीएचसी भोजपुर | 17 | 22 |
संयुक्त अस्पताल लोनी | 24 | 27 |
बीते सात महीने में एआरवी लगवाने वाले
महीना | लगी ARV |
मार्च | 3640 |
अप्रैल | 3220 |
मई | 3328 |
जून | 3117 |
जुलाई | 2648 |
अगस्त | 3054 |
सितंबर | 3580 |
वहीं, 2 चूहे के और बिल्ली के काटने पर तीन लोग अस्पताल पहुंचे थे। साथ ही 447 लोगों ने एआरवी की दूसरी व तीसरी डोज लगवाई।
इस बारे में प्रोजेक्ट मैनेजर, सीएंडडीएस विंग, जल निगम, मेरठ यूनिट, रंजीत कुमार ने कहा कि डीपीआर के लिए सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के पास जहां एबीसी सेंटर बनना है, वह सड़क से नीचे हैं। वहां पर भराव के लिए मिट्टी चाहिए। मिट्टी की व्यवस्था यदि नगर निगम करने को तैयार हो जाए तो समस्या का निदान हो जाएगा। प्रयास है कि तीन-चार दिन में डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दिया जाए।
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