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Ghaziabad: ट्रांसफर के बाद भी GDA में जमे हैं अधिकारी, बांदा और गोरखपुर जाने को तैयार नहीं अभियंता

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में मलाई काटने के बाद जीडीए के अभियंता शासन के आदेश के बाद भी प्राधिकरण छोड़ने को तैयार नहीं हैं। मामले को अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने गंभीरता से लेकर ऐसे अभियंताओं को स्वयं रिलीव करने के आदेश जारी करने शुरू कर दिए हैं। साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को आदेश दिए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavPublished: Sun, 08 Oct 2023 10:34 AM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2023 10:34 AM (IST)
Ghaziabad: ट्रांसफर के बाद भी GDA में जमे हैं अधिकारी।

विवेक त्यागी, गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में मलाई काटने के बाद जीडीए के अभियंता शासन के आदेश के बाद भी प्राधिकरण छोड़ने को तैयार नहीं हैं। मामले को अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने गंभीरता से लेकर ऐसे अभियंताओं को स्वयं रिलीव करने के आदेश जारी करने शुरू कर दिए हैं।

साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को आदेश दिए हैं कि किसी सूरत में सात अक्टूबर के बाद ऐसे अभियंताओं का वेतन जीडीए से जारी न किया जाए।

जीडीए के प्रवर्तन जोन-तीन में तैनात बीडी शुक्ला का तबादला गत 19 जुलाई को बांदा विकास प्राधिकरण और प्रवर्तन जोन-आठ में तैनात रमाकांत तिवारी का तबादला गत दो अगस्त को गोरखपुर विकास प्राधिकरण के लिए हुआ था, लेकिन उसके बाद भी यह दोनों शासन के आदेश को ठेंगे पर रखकर जीडीए में ही जमे हुए हैं।

शासन के तबादला करने के बाद भी दोनों ने कार्यभार नहीं छोड़ा। मामले में शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अगर यह दोनों अभियंता तबादला आदेश के अनुसार नई तैनाती के विकास प्राधिकरण में कार्यभार ग्रहण नहीं करते हैं तो इसे शासन के आदेश की अवहेलना मानते हुए इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों ने GDA में काटी है मलाई

शासन ने अभी तो सिर्फ दो मामलों में संज्ञान लिया है। जीडीए में ऐसे अवर अभियंता व सहायक अभियंताओं की पूरी फौज है, जिनका तबादला दूसरे प्राधिरकण के लिए हो गया है। लेकिन वह अपना कार्यभार छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इसी तरह जीडीए के तैनात एक अवर अभियंता ऐसे भी हैं, जिन्होंने सपा कार्यकाल में भी जीडीए में जमकर मलाई काटी।

शासन से उनका तबादला मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के लिए कर दिया तो तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास से सेटिंग कर खुद को गाजियाबाद से संबंद्ध करा लिया। नियमानुसार ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। अब वह वेतन भी जीडीए से ही ले रहे हैं।

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सड़कों का किया जाएगा चिह्नीकरण

नार्दन पेरिफेरल रोड व राजनगर एक्सटेंशन में मास्टर प्लान रोड का चिह्नीकरण किया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने प्रभारी मुख्य अभियंता को रोड चिह्निकरण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि चिह्नीकरण के बाद रोड के दोनों तरफ सीमेंट के खंभे लगवाए जाएंगे।

इससे यह फायदा होगा कि निवेशकों को पता होगा कि सड़क कहां तक है। सड़क से सटी कौन सी जमीन उनके किसी प्रोजेक्ट के लिए काम की है या नहीं। विशेष तौर पर जिले में निवेश बढ़ाने की कवायद के मद्देनजर ही ऐसा किया जा रहा है।

भू-उपयोग सारिणी मिलाने के लिए तीनों मास्टर प्लान किए जाएंगे एक

गाजियाबाद व लोनी में बढ़ी आबादी के हिसाब से मास्टर प्लान में आवासीय क्षेत्र चिह्नित नहीं किया गया है। मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की इस आपत्ति के बाद अब जीडीए के अधिकारी नए सिरे से मंथन कर रहे थे। आवासीय क्षेत्र की सारिणी के मिलान के लिए अब गाजियाबाद, मोदीनगर व लोनी के मास्टर प्लान को एक करते हुए सारिणी को ठीक किया जाएगा।

जीडीए अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि तीनों मास्टर प्लान को एक मानते हुए जब क्षेत्रफल का मिलान हो रहा है तो सारिणी लगभग ठीक बैठ रही है। इसीलिए शासन व मंडलायुक्त के निर्देशानुसार अब मास्टर प्लान को एक करने का काम चल रहा है।

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