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गाजियाबाद में पुलिस ने किया अवैध तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़, एक आरोपी गिरफ्तार; साथी फरार

गाजियाबाद के अशोक विहार क्षेत्र में छापेमारी कर आशियाना सिटी के एक मकान में चल रही अवैध तमंचा फैक्ट्री का लोनी पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया। आरोपित पिछले दाे महीने से यहां तमंचे बना रहा था। मुजफ्फरनगर के अपने साथी से उसने एक साल पहले तमंचा बनाना सीखा था। मुजफ्फरनगर से कच्चा माल यहां लोनी में लाकर तमंचा तैयार किया जाता था।

By Vikas VermaEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 13 Sep 2023 06:12 PM (IST)
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गाजियाबाद में पुलिस ने किया अवैध तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़
मोदीनगर, जागरण संवाददाता। लोनी पुलिस ने अशोक विहार क्षेत्र में छापेमारी कर आशियाना सिटी के एक मकान में चल रही अवैध तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया। मौके से छह तमंचे, तमंचे की बट, चार बैरल, 13 स्प्रिंग, आठ ग्राइडर, ड्रिल मशीन, आरी, छेनी समेत अन्य बरामद हुआ है।

दूसरे साथी तलाश में पुलिस 

आरोपित पिछले दाे महीने से यहां तमंचे बना रहा था। मुजफ्फरनगर के अपने साथी से उसने एक साल पहले तमंचा बनाना सीखा था। मुजफ्फरनगर से कच्चा माल यहां लोनी में लाकर तमंचा तैयार किया जाता था। पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया है। दूसरे साथी की पुलिस तलाश में जुटी है।

चोरी-छिपे बेच रहे थे तमंचे

डीसीपी ग्रामीण विवेक चंद ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित लोनी थाना क्षेत्र के आशियाना सिटी का राजू है। यह मूलरूप से मुजफ्फरनगर जिले के थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव कुटबा का रहने वाले है। इसका साथी सुहैब फिलहाल फरार है। पुलिस टीम उसकी तलाश में दबिश दे रही है। मुखबिर से सूचना मिली थी घर में चोरी-छिपे तमंचे बेचने का काम चल रहा है।

इसलिए पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया। जब पुलिस आरोपित के घर पहुंची तो राजू तमंचा ही तैयार कर रहा था। पुलिस को देख आरोपित भागने लगा, लेकिन पुलिस ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। आरोपित ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि समूचे दिल्ली-एनसीआर में उसका नेटवर्क फैला है।

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महज 15 सौ रुपये में वह तमंचा बेचता था। अब तक सौ से अधिक लोगों को तमंचा बेच चुका है। सुहैब ने ही उसे तमंचा बनाना सिखाया। दोनों साझेदारी में फैक्ट्री चला रहा थे। पुलिस उन लोगों की भी तलाश में जुटी है, जिन्होंने आरोपितों से तमंचा खरीदा था।

दस हजार नगद देकर किया पुरस्कृत

तमंचा फैक्ट्री पकड़ने वाली पुलिस टीम को डीसीपी ग्रामीण ने दस हजार रुपये नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। डीसीपी ने बताया कि फैक्ट्री पकड़े जाने से हथियार तस्करी रुकेगी। अपराध में कमी आएगी।

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