चार महीने पहले खरीदी थी फॉर्च्यूनर, मौत के बाद नहीं मिली घर की देहरी; दोस्तों ने कार में जिंदा जलाकर मारा
दुस्साहसिक तरीके से मंगलवार की रात लुटेरों ने गाजियाबाद निवासी प्रॉपर्टी डीलर पहले लूटा और फिर हत्या करने के बाद ग्रेटर नोएडा में बाइक से पेट्रोल निकालकर फॉर्च्यूनर कार के अंदर ही जला दिया। आग की लपटें उठतीं देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दमकल को बुलाया तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद/ग्रेटर नोएडा। दादरी में कार में जिंदा जलाकर मारे गए बिल्डर संजय यादव के शव को मौत के बाद घर के देहरी भी नसीब नही हुई है। उनके शव को शरीर का ज्यादातर हिस्सा जल जाने के कारण गौतमबुद्ध नगर में पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए घर लाने के बजाय सीधे बृजघाट ले जाया गया है।
जिस फॉर्च्यूनर कार में उनको जलाया गया है, वह चार माह पहले ही उन्होंने खरीदी थी। इस वारदात से परिवार में गम और गुस्सा है। जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, उसको देखते हुए परिवार का ढांढस बंधाने पहुंचे लोगों ने हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग सरकार से की है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपित। फोटो- जागरण
भाटिया मोड़ के पास दूध की डेयरी चलाते थे पिता
संजय यादव का पैतृक गांव गौतमबुद्ध नगर स्थित पतवाड़ी है। शादी के बाद उनके पति धरमी यादव बम्हैटा गांव में आकर परिवार के साथ रहने लगे थे, गांव में उनकी जमीन थी। परिवार को जमीन का मुआवजा भी मिल चुका है। उनके पिता भाटिया मोड़ के पास दूध की डेयरी चलाते थे।छह भाइयों में सबसे छोटे थे संजय
छह भाइयों में संजय सबसे छोटे थे, तीन भाइयों की पहले ही मौत हो चुकी है। सभी भाइयों का परिवार अलग - अलग रहता है। भाई बबलू ने बताया कि संजय की शादी बागपत के बलेनी गांव में रहने वाली पूनम यादव से हुई थी, उनके एक बेटी और एक बेटा है।संजय ने नेहरू नगर में पांच साल पहले ही मकान खरीदा है। वह सबसे पहले ब्याज पर रुपये देने का काम करते थे, बाद में प्रॉपर्टी डीलिंग के कार्य से जुड़े। वर्तमान में वह ब्याज पर रुपये देने के साथ ही बतौर बिल्डर कार्य कर रहे थे, गौतमबुद्ध नगर सहित अन्य जगह वह फ्लैट बनवाकर बेचते थे।
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