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दिल्ली में खर्च हो रहा गाजियाबाद के विद्यार्थियों का शिक्षा बजट, अच्छे शिक्षण संस्थानों की कमी है वजह

बच्चों को दूर जाना पड़ता है और किराए में भी अच्छी खासी रकम खर्च हो जाती है। यही हाल गाजियाबाद का है जहां हर साल करीब 30 हजार विद्यार्थी 12वीं की कक्षा पास करते हैं।करीब आठ हजार बच्चे पढ़ाई के लिए दिल्ली की ओर रुख करते हैं। वर्ष 2023 में भी न तो गाजियाबाद को सरकारी विश्वविद्यालय मिला और न ही अच्छे शिक्षण संस्थान ही खुले।

By tripathi aditya Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 24 Dec 2023 12:15 PM (IST)
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दिल्ली में खर्च हो रहा गाजियाबाद के विद्यार्थियों का शिक्षा बजट

आदित्य त्रिपाठी, गाजियाबाद। शिक्षा के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार तो बजट जारी करती हैं, लेकिन हर परिवार अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए एक बजट हर माह खर्च करता है।

उनकी परेशानी उस वक्त और बढ़ जाती है जब घर के आसपास तो छोड़िए शहर अथवा जिले में सरकारी विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थानों का अभाव हो।

हर साल करीब 30 हजार विद्यार्थी करते हैं 12वीं पास

ऐसी स्थिति में बच्चों को दूर जाना पड़ता है और किराए में भी अच्छी खासी रकम खर्च हो जाती है। यही हाल गाजियाबाद का है, जहां हर साल करीब 30 हजार विद्यार्थी 12वीं की कक्षा पास करते हैं। इनमें करीब सात से आठ हजार बच्चे पढ़ाई के लिए दिल्ली की ओर रुख करते हैं।

अफसोस इस बात का है वर्ष 2023 में भी न तो गाजियाबाद को सरकारी विश्वविद्यालय मिला और न ही अच्छे शिक्षण संस्थान ही खुले। शिक्षा के लिए ये विद्यार्थी जो शुल्क दिल्ली विश्वविद्यालय में जमा करते वह जिले के विश्वविद्यालय में जमा करते, जिससे जिले के राजस्व में वृद्धि और यह पैसा उनके विकास पर खर्च होता। धरातल की बात छोड़िए सरकारी कागजों में भी विश्वविद्यालय के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए।

नहीं हैं अच्छे कोचिंग संस्थान

जिले में सिविल की तैयारी कराने का एक भी अच्छा कोचिंग संस्थान नहीं है। सिविल की परीक्षा की तैयारी करने के लिए हर बच्चे को दिल्ली जाना पड़ता है। इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए शहर में मात्र दो संस्थान हैं।

यदि शहर में ही अच्छे संस्थान होते तो इन विद्यार्थियों को दिल्ली का रुख नहीं करना पड़ता। शुल्क के तौर पर जो पैसे यह विद्यार्थी इन संस्थानों में जमा करते और उनसे मिलने वाला राजस्व भी शहर के विकास में खर्च हाेता।

  • जिले में सीसीएसयू से संबद्ध एडेड नौ डिग्री कॉलेज हैं।
  • एक राजकीय डिग्री कालेज है।
  • जिले में स्नातक की चार हजार सीटें हैं
  • परास्नातक की करीब साढ़े तीन हजार सीटें हैं।
  • जिले में करीब 20 प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज हैं। इन कालेजों में करीब दस हजार सीटें हैं।
  • जिले में दो निजी विश्वविद्यालय हैं। इनमें करीब सात हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।
  • शहर के इन इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ने के लिए हजारों छात्र अन्य शहरों से आते हैं।

60 प्रतिशत का भी नहीं हुआ दाखिला

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा चार चरण में लाटरी के माध्यम से आरटीई के तहत दाखिलों के लिए 5,841 बच्चों का चयन किया गया था।

इनमें से विभाग द्वारा 60 प्रतिशत बच्चों का भी दाखिला निजी विद्यालयों में नहीं कराया जा सका। कुल 3,310 बच्चों को आरटीई के तहत दाखिला मिल सका। कुल 2,531 बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित रह गए। इस तरह केवल 56.66 प्रतिशत बच्चों को ही आरटीई के तहत आवंटित सीटों पर दाखिला मिल सका है।

43.34 प्रतिशत बच्चे स्कूलों की मनमानी के आगे शिक्षा के अधिकार से वंचित रह गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग एवं प्रशासन भी इन बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं करा सका।

पीएमश्री में काम नहीं हो सका शुरु

जिले के तीन परिषदीय विद्यालयों का चयन पीएमश्री के लिए हुआ था। वहीं दो माध्यमिक विद्यालय का चयन हुआ था। लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण अभी तक इन विद्यालयों में काम शुरु नहीं हो सका है।

वहीं अभ्युदय योजना के अंतर्गत चयनित चार विद्यालयों को हाईटेक बनाने का काम शुरु हो चुका है और मई तक काम पूरा होने की उम्मीद है। इनमें मकनपुर, सिहानी, मधुबनबापूधाम व खोड़ा के परिषदीय विद्यालय शामिल हैं। योजना के अंतर्गत पुनर्निमाण कर विद्यालय की संरचना को हाईटेक बनाया जाएगा। ये विद्यालय जिले के माडल स्कूल होंगे। जो अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणास्त्रोत होंगे।

अलंकार प्रोजेक्ट के तहत विद्यालयों को मिलीं सौगात

जिले के 13 विद्यालयों में प्रोजेक्ट अलंकार के तहत विद्यालयों को संवारने का कार्य होना है। इनमें छह विद्यालयों में काम चल रहा है। इनमें चार विद्यालयों में लाइब्रेरी बनाई गई हैं।

तीन विद्यालयों को फर्नीचर मिला है। सभी विद्यालयों को सोलर पैनल, टाइलीकरण, मल्टीपर्पज हाल, पेयजल, शौचालय आदि 16 बिंदुओं पर काम कराया जाना है। वहीं माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत चार विद्यालयों में कंप्यूटर लैब बनाने का कार्य चल रहा है।

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