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कांग्रेस का साथ मिला तो अखिलेश ने दोबारा चली पुरानी पुरानी चाल, UP की इस सीट पर मजेदार होगा उपचुनाव

Ghaziabad By-Election 2024 भाजपा को छोड़कर ज्यादातर बड़ी पार्टियों ने गाजियाबाद विधानसभा सीट के उपचुनाव में अनुसूचित समाज से प्रत्याशी बनाया है। वहीं अखिलेश यादव ने फिर से अनुसूचित समाज से आने वाले सिंह राज जाटव को प्रत्याशी बनाया है। क्या यह उनकी पुरानी चाल काम करेगी? जानिए इस बार की रणनीति और अन्य दलों के उम्मीदवारों के बारे में।

By Abhishek Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 27 Oct 2024 07:06 PM (IST)
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कांग्रेस का साथ मिला तो अखिलेश ने दोबारा चली पुरानी पुरानी चाल।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। Ghaziabad Vidhan Sabha Seat Upchunav: गाजियाबाद शहर विधानसभा की जनरल सीट पर होने वाले उपचुनाव में दोबारा सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अनुसूचित समाज से आने वाले सिंह राज जाटव को प्रत्याशी बनाया है। अपनी इस चाल से उन्होंने बसपा (BSP) के वोट बैंक में भी सेंध लगाने की कोशिश की है।

यह उनकी दो साल पुरानी चाल है, जिसमें उनको कामयाबी नहीं मिली थी। इस बार कांग्रेस (Congress) का साथ सपा को मिला है, इसलिए पुरानी चाल पर ही भरोसा जताते हुए उन्होंने इस बार जीत के लिए रणनीति तैयार की है।

सीट पर साढ़े 4 लाख से ज्यादा मतदाता

गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कुल 4.63 लाख मतदाता हैं। इनमें प्रमुख रूप से अनुसूचित वर्ग, मुस्लिम वर्ग, ब्राह्मण वर्ग, वैश्य वर्ग के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunav) में गाजियाबाद शहर विधानसभा की जनरल सीट पर उन्होंने अनुसूचित समाज के विशाल वर्मा को प्रत्याशी बनाया था।

इस बार कांग्रेस के वोटर्स भी सपा के

इस चुनाव में सपा (Samajwadi party) और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। विशाल वर्मा को चुनाव में शिकस्त मिली थी। इसके बाद छह माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन था, गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारा था। ऐसे में मुस्लिम मतदाताओं का साथ भी कांग्रेस प्रत्याशी को मिला था।

मुस्लिम और अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं को पाले में लाने की रणनीति

हालांकि, भाजपा का गढ़ माने जाने वाली गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग ने जीत हासिल की। सपा की रणनीति इस बार विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुस्लिम मतदाताओं और अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं के साथ पार्टी के समर्पित वोटरों के सहारे जीत हासिल करने की है। अब देखना यह है कि इस रणनीति में कितनी सफलता मिलती है।

AIMIM ने भी उतारा प्रत्याशी

इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने रवि गौतम को अपना प्रत्याशी बनाया है। रवि गौतम भी अनुसूचित वर्ग से हैं, एआईएमआईएम ने भी सपा की तरह ही इस सीट पर रणनीति के तहत मुस्लिम और अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं को साधने की कोशिश की है, इससे मुख्य तौर पर सपा और बसपा दोनों की चिंता बढ़ी हुई है।

बसपा ने भी अपनाई 2012 की रणनीति

बसपा ने इस सीट पर वैश्य वर्ग के प्रत्याशी को मैदान में उतारकर 2012 में हुए विधानसभा चुनाव की तरह जीत हासिल करने की रणनीति तैयार की है, बसपा अपने वोट बैंक के अलावा वैश्य समाज के मतदाताओं को साधने की कोशिश में है। इस सीट पर आजाद समाज पार्टी ने सत्यपाल चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है।

आजाद समाज पार्टी भी आजमा रही किस्मत

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने नगीना लोकसभा सीट पर छह माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, जबकि बसपा को प्रदेश में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई है। ऐसे में आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी को इस उपचुनाव में कितने मतदाताओं को साथ मिलता है, यह भी देखने लगाया होगा।

भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे पर लगाया दांव

उधर, भाजपा ने ब्राह्मण समाज से आने वाले संजीव शर्मा को टिकट देकर मैदान में उतारा है। भाजपा ने वैश्य और ब्राह्मण वोटरों को साधने का प्रयास किया है। इसके अलावा केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं से दूसरे वर्गों के जो लोग लाभांवित हुए हैं, उनसे भी संपर्क करने में भाजपा कार्यकर्ता जुटे हैं, जिससे कि दूसरे दलों के वोट बैंक में सेंधमारी की जा सके।

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वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव

कुल मतदान 2,44,908
पुरुष मतदाताओं ने किया मतदान 1,36,406
महिला मतदाताओं ने किया मतदान 1,07,588

चुनाव परिणाम

भाजपा अतुल गर्ग 1,50,205
सपा विशाल वर्मा 44,668
बसपा कृष्ण कुमार 32,691
कांग्रेस सुशांत गोयल 11,818
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