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UP News: ...जब भाजपा प्रत्याशी पर चली थी गोली, शहर में फैल गया था तनाव; अब यहां फिर होना है उपचुनाव

UP By-Election 2024 गाजियाबाद में 20 साल पहले हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल पर गोली चली थी। इस घटना ने चुनाव में तनाव पैदा कर दिया था। सुनीता ने मजबूती से चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। अब इस सीट पर फिर से उपचुनाव होने जा रहा है। आगे विस्तार से जानिए आखिर उस समय क्या-क्या हुआ था।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 08 Nov 2024 04:29 PM (IST)
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सुनीता दयाल, महापौर का फाइल फोटो l जागरण
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। एक वक्त था, जब चुनाव के दौरान हिंसक वारदातें भी होती थीं। गाजियाबाद भी इससे अछूता नहीं रहा है। 20 साल पहले गाजियाबाद में हुए उपचुनाव के दौरान भी ऐसा हुआ था, यहां पर भाजपा से विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी सुनीता दयाल के ऊपर गोली चलाई गई थी। इससे चुनाव में तनाव की स्थिति बन गई थी।

इसके बाद चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के अतिरिक्त इंतजाम किए गए। सुनीता ने मजबूती से चुनाव लड़ा, वह तीसरे स्थान पर रहीं। 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद शहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र गोयल को जीत मिली थी। कांग्रेस ने दो साल बाद ही 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र गोयल को गाजियाबाद से लोकसभा प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत हासिल की और विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया।

2004 में हुआ था उपचुनाव

इसके बाद इस सीट पर वर्ष 2004 में ही उपचुनाव हुआ। उस वक्त भाजपा संगठन में प्रदेश मंत्री का पद संभाल रहीं सुनीता दयाल को भाजपा ने पहली बार टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने सतीश त्यागी को, सपा ने सुरेंद्र मुन्नी को और बसपा ने मुनीश शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। पुराने दिनों को याद करते हुए सुनीता दयाल बताती हैं कि उस वक्त चुनाव में माहौल अलग था, प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।

कंधे को छूते हुए दीवार में जा लगी थी गोली

गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट क्षेत्र में धौलाना से साहिबाबाद तक का क्षेत्र आता था, चुनाव के दौरान वह धौलाना के ऊंचावनीपुर में गईं थीं, वहां पर वह एक गली में थीं और गांव के लोग उनके साथ थे। इस दौरान ही उनके सामने आपराधिक छवि का व्यक्ति युद्धवीर बाटा अचानक सामने आ गया। उसने रिवाल्वर दिखाते हुए कहा कि वापस जाओ, प्रचार मत करो। वह उसकी धमकी से नहीं डरीं और अड़ गईं, उन्होंने कहा कि इसी गली से जाऊंगी, उन्होंने कदम आगे बढ़ाया तो आरोपित ने उनके ऊपर गोली चला दी, गोली उनके कंधे को छूते हुए दीवार पर जा लगी। सुनीता दयाल जख्मी हो गईं।

मजबूती से लड़ा था चुनाव

उनका कहना है कि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जीत न मिले, इस वजह से ही राजनीतिक द्वेष भावना से उनके ऊपर गोली चलवाई गई थी। इसके बाद भी वह चुनाव में डटी रहीं, मजबूती से चुनाव लड़ा। जिसमें वह तीसरे नंबर पर रहीं। वह आज भी गांव के उन लोगों को याद कर शुक्रिया बोलती हैं, कहती हैं कि गांव के लोग उनके साथ रहे। उन्होंने भी अपने कदम पीछे नहीं हटाए थे।

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उनका कहना है कि चुनाव में हार-जीत अलग बात है, लेकिन हिंसक वारदातें नहीं होनी चाहिए। युद्धवीर अब इस दुनिया में नहीं है, उसने वारदात के बाद गलती मानते हुए कहा था कि डराने के उद्देश्य से उसने गोली चलाई थी। उपचुनाव के बाद सुनीता दयाल को भाजपा संगठन में महिला मोर्चा में राष्ट्रीय महामंत्री का पद मिला, वह लगातार राजनीति में सक्रिय रहीं और वर्तमान में गाजियाबाद में महापौर के पद पर कार्यरत हैं। 2004 के बाद जिले में 2007, 2012, 2017, 2022 में विधानसभा चुनाव हुए। इस दौरान प्रदेश में सपा, बसपा और भाजपा की सरकार भी रही, लेकिन कभी इस तरह की घटना नहीं हुई।

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