Move to Jagran APP

गर्मी का कहर: गाजियाबाद में 16 घंटे में 14 लोगों की मौत, डॉक्टरों की छुट्टी पर लगी रोक; बरतें ये सावधानी

गाजियाबाद में 16 घंटे में 14 और लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग का तनाव बढ़ गया है। आनन-फानन में जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की इमरजेंसी सेवाओं में अतिरिक्त चिकित्सकों संग स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए गए हैं। तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। वहीं जिले के रैन बसेरों में गर्मी से बचाव के इंतजाम नहीं है।

By Madan Panchal Edited By: Abhishek Tiwari Published: Thu, 20 Jun 2024 11:31 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2024 11:31 AM (IST)
हरनंदी मोक्ष स्थल के सभी प्लेटफार्म पर जलती चिताएं। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिले में 16 घंटे में 14 और लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग का तनाव बढ़ गया है। आनन-फानन में जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की इमरजेंसी सेवाओं में अतिरिक्त चिकित्सकों के साथ स्वास्थ्य कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

चिकित्सकों के अवकाश पर रोक

तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन मौतों को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन भीषण गर्मी की वजह से लोग बेहोश होकर गिर रहे हैं और अस्पताल पहुंचने पर उनको मृत घोषित किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें-

नोएडा में भीषण गर्मी और लू का कहर, पोस्टमार्टम हाउस में 2 दिन में तीन गुना शव पहुंचे

अधिकारी मौतों को लेकर कह रहे हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण पता चल पाएगा। जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि खोड़ा में दो दिन पहले 28 वर्षीय अंशुमन त्रिपाठी की मौत हो गई थी।

तीन दिन में 45 लोगों की मौत के बाद हडकंप

सीएमएस ने बताया कि आठ लोगों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में केवल अंशुमन त्रिपाठी की मौत की लू लगने से पुष्टि हुई है। जिले में यह लू से पहली मौत है। आडिट समिति इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को भेजेगी। अकेले जिला एमएमजी अस्पताल में तीन दिन में 45 लोगों की मौत के बाद हडकंप मच गया है।

17 जून को 16, 18 जून को 18 और 19 जून को देर शाम तक 11 लोगों की मौत हुई है। प्रशासन ने बुधवार को सीएमएस से इसकी पूरी रिपोर्ट मांग ली, लेकिन बचाव को लेकर देर शाम तक अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं दिखे।

लोग दिन-रात गर्म सड़कों पर सोने को मजबूर है। रैन बसेरों में गर्मी से बचाव के इंतजाम नहीं है। इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ बढने के साथ ही मोर्चरी में शव रखने को जगह नहीं है। पोस्टमार्टम हाउस स्थित मोर्चरी में लगाए गए डीप फ्रीजर खराब होने से शवों को स्ट्रेचर और जमीन पर ही रखा जा रहा है। बुधवार देर रात तक 31 लोगों के पोस्टमार्टम होते रहे।

प्लेटफार्म हुए फुल, पुजारी की तबीयत बिगड़ी

हरनंदी मोक्ष स्थल पर बुधवार को शवों को अंतिम संस्कार कराने के दौरान सभी प्लेटफार्म फुल हो गए, हालांकि शवों की कतार यहां पर नजर नहीं आई।

मोक्ष स्थली के प्रभारी आचार्य मनीष पंडित ने बताया कि पांच दिन से अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या बढ़ गई है। इनमें लावारिस शव अधिक पहुंच रहे हैं। बुधवार को कुल 35 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। गर्मी में पुजारी विजय शर्मा की तबीयत भी बिगड़ गई।

बुखार के 321 मरीज पहुंचे

बुधवार को जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में बुखार के 321 और हीट स्ट्रोक के 63 मरीज पहुंचे। इनमें से 31 को भर्ती कराया गया है। बुखार के मरीजों में 24 बच्चों में से 10 को भर्ती किया गया है।

इमरजेंसी में पहुंचे 114 मरीजों में से उल्टी-दस्त के 29 मरीज पहुंचे। इनमें 14 बच्चे शामिल हैं और 18 मरीजों को भर्ती किया गया। इमरजेंसी में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। सीएमएस ने बताया कि ओपीडी में पहुंचे कुल 1415 में 654 महिला और 519 पुरुष मरीज शामिल हैं। 242 बीमार बच्चे पहुंचे।

आंखों में खुजली और जलन के 187 मरीज पहुंचे। त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. दिव्या द्विवेदी ने बताया कि घमौरी के मरीज बढ़ गए हैं। भर्ती मरीजों की संख्या 116 है। संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 873 मरीजों में 338 महिला,292 पुरुष और 54 बीमार बच्चे शामिल हैं। नौ बच्चों को भर्ती किया गया है।

सीएमएस द्वारा जारी रिपोर्ट

  • 17 जून को 10 लोगों को मृतावस्था में लाया गया और छह मरीजों की उपचार के दौरान मौत हुई।
  • 18 जून को नौ लोगों को मृतावस्था में लाया गया और नौ मरीजों की उपचार के दौरान मौत हुई।
  • 19 जून को 10 लोगों को मृतावस्था में लाया गया और एक मरीज की उपचार के दौरान मौत हुई।

गर्मी से बचाव को बरतें ये सावधानी

  • बाहर का खाना न खाएं।
  • सुबह 11 बजे से दोपहर के चार बजे तक बाहर निकलने से बचें। जरूरी हो तो छाता लेकर निकलें। सिर पर कैप लगाएं।
  • पानी का खूब सेवन करें। थकावट और बेहोश होने की स्थिति में चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
  • ओआरएस का पैकेट घर में जरूर रखें। ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
  • धूप में निकलने से पहले आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे जरूर लगाएं।
  • धूल से बचाव जरूर करें। बिना चिकित्सक की सलाह के कोई आई ड्राप न डाले। बार बार पानी से धोएं।
  • यदि कुछ देर काम करने पर थकावट होती है और पसीने अधिक आते हैं तो समझ लो कि हीट वेव की चपेट में आने वाले हैं।
  • इससे बचाव के लिए आम का पना, बेल का शरबत, नीबू पानी, दही और नारियल का सेवन करना है।
  • लू से बचाव के लिए खान-पान, रहन-सहन, व्यायाम, दिनचर्या और वस्त्रादि पहनने में सावधानी जरूरी है।
  • धूप में कम से कम बाहर निकलें। बाहर का खाना कतई न खाएं।
  • सुबह-शाम व्यायाम जरूर करें। सुबह को जल्दी उठने और रात को जल्दी सोने की आदत डाल लें।
  • शरीर को ढ़कने वाले सूती कपड़े पहनें। खुले शरीर धूप में न निकलें, खासकर खुले सिर व नंगे पैर धूप में बाहर कतई न जाएं।
  • अगर धूप में बाहर निकलना ही पड़े तो सिर अवश्य ढंके।
  • आंखों पर सनग्लासेस लगाएं और हो सके तो सफेद या हल्के रंग के काटन के कपड़े ही पहनें।
  • अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं।

यहां करा सकते हैं इलाज

स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी के लिए डिप्टी सीएमओ डॉ. आरके गुप्ता को 8090002018 और सीएमओ डॉ.भवतोष शंखधर के मोबाइल 8077305574 पर कॉल करें।

जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी लोनी, डासना, भोजपुर, बम्हैटा, मोदीनगर, मुरादनगर के अलावा 97 उप स्वास्थ्य केंद्र और 54 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर निश्शुल्क इलाज करा सकते हैं। एंबुलेंस के लिए 102 और 108 नंबर मिला सकते हैं।

इमरजेंसी में मृतावस्था में पहुंचे लोगों का डेथ आडिट कराया जा रहा है। इसके लिए डैथ आडिट समिति का गठन कर दिया गया है। समिति में डा. आलोक रंजन, डा.एके विश्वकर्मा और ईएमओ डॉ. शैलेंद्र सिंह को शामिल किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जांच के बाद ही मौत का अंतिम कारण पता चलेगा। पानी की कमी महसूस हाेने ,पैरों में दर्द होने,और चक्कर आने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में दिखाए और अपने स्वास्थ्य के साथ लापरवाही न बरतें। घर पर चीनी, पानी और नमक का घोल पीना चाहिए। ताजा फल,सब्जी और खाना ही खाएं।

- डॉ. राकेश कुमार सिंह, सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.