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Ghaziabad: 8वीं पास निकला बड़ा जालसाज, ओमान में तैनात गृह मंत्रालय के अधिकारी से ठगे 20 लाख

ओमान में तैनात गृह मंत्रालय के एक अधिकारी और उनकी पत्नी से हर्बल प्रोडक्ट के निर्यात में मदद कर व्यापार बढ़ाने के नाम 20 लाख रुपये की ठगी की गई है। थाना इंदिरापुरम में दर्ज इस मामले का पर्दाफाश कर रविवार को साइबर सेल ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर एक लाख रुपये ठगी के पैसों से खरीदी लग्जरी कार होंडा सिविक सात फोन दो पासबुक बरामद की हैं।

By Ayush GangwarEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 15 Oct 2023 09:26 PM (IST)
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8वीं पास निकला बड़ा जालसाज, ओमान में तैनात गृह मंत्रालय के अधिकारी से ठगे 20 लाख

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। ओमान में तैनात गृह मंत्रालय के एक अधिकारी और उनकी पत्नी से हर्बल प्रोडक्ट के निर्यात में मदद कर व्यापार बढ़ाने के नाम 20 लाख रुपये की ठगी की गई है। थाना इंदिरापुरम में दर्ज इस मामले का पर्दाफाश कर रविवार को साइबर सेल ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर एक लाख रुपये, ठगी के पैसों से खरीदी लग्जरी कार होंडा सिविक, सात फोन, दो पासबुक, दो चेकबुक, फर्जी आधार व पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 47 डेबिट कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड और मुहर बरामद की हैं।

एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने बताया तीनों आरोपी गोरखपुर के रहने वाले हैं। तिवारीपुर का आशीष जायसवाल मुख्य आरोपी है और गोरखनाथ का उमेश शुक्ला बैंक खाते उपलब्ध कराता है। खजनी का सत्यम कुमार गौड़ लोगों से संपर्क कर उनके फर्जी दस्तावेज बना खाते खुलवाकर उमेश को देता है।

एक विज्ञापन से हुई ठगी की शुरुआत

नीतिखंड के राजेंद्र यादव गृह मंत्रालय में अभियंता हैं और सीमा सुरक्षा के एक प्रोजेक्ट पर ओमान में काम कर रहे हैं। उनकी पत्नी हर्बल प्रोडक्ट का व्यापार करती हैं। जून में वह इंटरनेट पर व्यापार बढ़ाने के तरीकों के बारे में सर्च कर रही थीं। इसी दौरान एक विज्ञापन देखकर अपनी जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें ईमेल आया।

यूके में क्लाइंट बढ़ाने का दिया झांसा

व्यापार बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में माल खरीदने को कहा गया। जालसाजों ने कई बार उनसे बात की और कहा कि निर्यात की जिम्मेदारी उनकी होगी। यूके में कुछ क्लाइंट दिलाने का झांसा दिया और कई बार में राजेंद्र और उनकी पत्नी के खाते से 20 लाख रुपये मंगवा लिए। जालसाज और पैसे मांग रहे थे, जिसके बाद ठगी का अंदेशा होने पर उन्होंने पुलिस को शिकायत की।

ठगी के पैसों से कर रहा नेपाल में होटल का बिजनेस

एसीपी अपराध अजीत कुमार ने बताया कि आशीष आठवीं पास है और कॉल सेंटर में जॉब के दौरान उसने साइबर अपराध के तरीके सीखे। सात साल से वह अपराध कर रहा है और अभी तक 100 लोगों से ठगी कर चुका है। वह समय के साथ साथी बदलता रहता है।

तीन साल पहले इसी तरह लखनऊ के विभूतिखंड में एक अधिकारी से ठगी और 2018 में इंदौर में जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। उसने दिल्ली में जामा मस्जिद के पास कॉल सेंटर खोल रखा है। अकबर और शुभम फरार हैं, जिन्हें पुलिस तलाश कर रही है।

आशीष विभिन्न प्लेटफार्मों से डाटा इकट्ठा करता है और इंटरनेट मीडिया पर आयात और निर्यात को बढ़ाने के संबंध में विज्ञापन व पोस्ट के जरिए लोगों को झांसे में लेता है। ठगी के पैसों से उसने नेपाल में होटल खोला है और एक रेस्तरां भी खोलने की योजना है।

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कंडक्टर के नाम पर खुलवाए 32 खाते

सत्यम कुमार ने खजनी के ही अयोध्या नाम के कंडक्टर के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाकर कई बैंकों में 32 खाते खुलवा रखे हैं। उसे आरोपितों ने महज पांच हजार रुपये दिए हैं। हर खाते में जमा कराई जाने वाली रकम का 8-10 प्रतिशत हिस्सा उमेश को मिलता है, जिसमें से पांच प्रतिशत सत्यम को वह देता है।

आरोपितों से एक लाख रुपये मिलने के अलावा पुलिस ने एक खाते में 1.35 लाख रुपये फ्रीज कराए हैं। दो पासबुक में 70 लाख रुपये का लेनदेन सामने आया है।

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