कांवड़ यात्रा यात्रा को देखते 300 बसों का होगा डायवर्जन, अंतिम रूट मैप तैयार; 50 हजार यात्रियों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
गाजियाबाद सहित कई जिलों में 22 जुलाई की आधी रात से भारी वाहनों का रूट डायवर्जन शुरू ( Kanwar Yatra Route Diversion) हो जाएगा। इन भारी वाहनों में बसें भी शामिल हैं। परिवहन विभाग ने रोडवेज बसों के लिए अंतिम रूट मैप तैयार कर लिया है। अब इसका असर 50 हजार यात्रियों पर सीधा पड़ेगा। इतना ही नहीं इन यात्रियों को किराया भी ज्यादा देना होगा।
राहुल कुमार, साहिबाबाद। (Ghaziabad News Hindi) गाजियाबाद समेत अन्य विभिन्न जिलों में 22 जुलाई रात 12 बजे के बाद भारी वाहनों का डायवर्जन शुरू हो जाएगा। परिवहन निगम ने रोडवेज बसों के डायवर्जन के लिए अंतिम रूट मैप तैयार कर लिया है।
रूट में बदलाव होने से रोजाना करीब 50 हजार यात्रियों पर अतिरिक्त किराए का भार पड़ेगा। वहीं, वर्तमान रूटों के बीच में पड़ने वाले शहर के यात्रियों को रोडवेज बस सेवा का लाभ नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
डायवर्जन शुरू (Kanwar Yatra Route Diversion) होने पर कौशांबी डिपो से गढ़मुक्तेश्वर, संभल, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, धामपुर व कालागढ़ के लिए संचालित बसों का रूट बदलेगा। वहीं, गाजियाबाद डिपो से बुलंदशहर, खुर्जा, अलीगढ़ व मेरठ के लिए संचालित बसों का रूट बदलेगा।
इन शहरों के लिए संचालित 300 से अधिक बसों के रूट बदलने से किलोमीटर भी बढ़ जाएगा। साधारण बस की एक किलोमीटर दूरी बढ़ने पर 1.30 रुपये के हिसाब किराए में वृद्धि कर दी जाएगी। इसी तरह एसी बसों का किराया भी प्रति किलोमीटर के हिसाब से बढ़ेगा।
अकेले कौशांबी डिपो से बरेली मार्ग पर पांच रीजन की करीब 100 बसों से रोजाना 20 हजार यात्री सफर करते हैं। इसी तरह धामपुर व कालागढ़ के लिए करीब छह से सात हजार यात्री रोजाना सफर करते हैं।
यानी कुल मिलाकर रोजाना 50 हजार से अधिक यात्रियों को अतिरिक्त किराया चुकाना होगा। अधिकारियों का मानना है कि लंबे रूट की बसों में 50 से 100 रुपये तक किराए की वृद्धि हो सकती है। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक टिकिट मशीन (ईटीएम) को अपडेट कराया जाएगा।
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