भारतीय इंजीनियर दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को बेच रहा था सिम और बैंक खाते, गाजियाबाद में चार गिरफ्तार
एक आरोपी बीटेक इंजीनियर ने गरीब लोगों के नाम पर पांच हजार से ज्यादा सिम लिए और दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को बेच रहा था। इसके अलावा वह उन्हें बैंक खाता भी उपलब्ध कराता था। गाजियाबाद पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है इनमें बीटेक इंजीनियर भी शामिल है। आरोपी उनेस टेलिग्राम के जरिए संपर्क में रहते थे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नंदग्राम पुलिस की गिरफ्त में शनिवार को आए चार साइबर अपराधियों से पूछताछ और पुलिस की जांच में सामने आया है कि एक आरोपी बीटेक इंजीनियर गौरव कुमार ने अपने अन्य साथियों की मदद से गरीब लोगों के नाम पांच हजार से ज्यादा सिम लिए। फर्जी पहचान पर लिए गए मोबाइल सिम के आधार पर बैंक खाते खुलवाकर दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को बेच दिए गए। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह से जुड़े अपराधी विदेश में भी होने की जानकारी सामने आई है।
नंदग्राम पुलिस ने शनिवार को ही चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में एक पकड़ा गया आरोपी ग्रेटर नोएडा के आम्रपाली लेजर पार्क निवासी गौरव कुमार है। गौरव ने ग्रेटर नोएडा के निजी इंजीनयिरंग कॉलेज से वर्ष 2020 में बीटेक किया था।
26 हजार की कर रहा था नौकरी
बीटेक करने के बाद उसकी नौकरी 26 हजार रुपये महीने की लगी। इसी बीच वह इंटरनेट मीडिया के जरिए साइबर अपराधियों के संपर्क में आकर ठगी का संसाधन मुहैया कराने लगा। उसने टेलीग्राम और इंस्टाग्राम के जरिए साइबर अपराधियों को फर्जी पहचान पर लिए गए सिम और बैंक खाते बेचना शुरू किया।
टेलीग्राम के जरिए था संपर्क
पुलिस की जांच में सामने आया है कि गौरव दुबई में बैठे कई साइबर अपराधियों से टेलीग्राम के जरिए संपर्क में था। गौरव के अलावा पकड़े गए तीनों आरोपी फैजल, जॉनी और विशेष दिल्ली के रहने वाले हैं। तीनों गौरव कुमार के लिए फर्जी आईडी पर सिम एक्टिवेट कराते और फर्जी पहचान पर बैंक खाते खुलवा रहे थे।
दूसरे साथियों की तलाश जारी
दिल्ली के शाहदरा का रहने वाला हनी फैजल, जानी और विशेष के लिए काम करता है। इस गिरोह के एक सदस्य सूरत चौरसिया उर्फ सूर्या पांडेय की भी पुलिस तलाश कर रही है। गौरव सीधे साइबर अपराधियों को माल बेचने के साथ ही सूरत चौरसिया को भी खाते और सिम बेचता है।
पुलिस को हालांकि आरोपियों ने करीब 100 बैंक खाते ही साइबर अपराधियों को बेचने की जानकारी दी है, लेकिन पुलिस मान रही है कि आरोपितों ने 500 से ज्यादा बैंक खाते बेचे हैँ। इन बैंक खातों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम ट्रांसफर कराने में प्रयोग करते हैं।
राजनगर एक्सटेंशन का कनेक्शन नहीं तलाश पाई पुलिस
पुलिस अभी तक यह पता नहीं कर पाई है कि शनिवार को पकड़े गए चारों आरोपित राजनगर एक्सटेंशन में क्यों आए थे। एक सूचना के आधार पर आरोपितों को पकड़ा गया है। सूचना सटीक थी इसलिए आरोपित धरे गए, लेकिन दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के आरोपित राजनगर एक्सटेंशन में किसी से मिलने आए थे यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।
पकड़ा गया आरोपित बीटेक इंजीनियर गौरव कुमार विदेश में बैठे साइबर अपराधियों को ठगी का सामान उपलब्ध करा रहा था। मामले की जांच अभी जारी है। -रवि कुमार सिंह, एसीपी नंदग्राम