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Kamakshi Sharma: यूपी की बेटी ने साइबर वर्ल्ड में रचा इतिहास, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में कामाक्षी का नाम

Kamakshi Sharma कामाक्षी ने 10वीं व 12वीं की पढ़ाई गाजियाबाद के निजी स्कूलों से की। इसके बाद बीटेक गढ़वाल यूनिवर्सिटी से किया। यहां पढ़ाई के दौरान उन्होंने इथिकल हैकिंग की परीक्षा पास की थी जिसके बाद से वह लगातार साइबर क्राइम पर काम करती रहीं।

By Jp YadavEdited By: Updated: Sun, 25 Oct 2020 08:13 PM (IST)
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गाजियाबाद की रहने वालीं कामाक्षी की फाइल फोटो।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। Kamakshi Sharma: दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर की रहे वालीं कामाक्षी शर्मा का साइबर एक्सपर्ट के तौर पर इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज होने के बाद अब एशिया बुक आफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक 30 से अधिक शहरों में 35 हजार से अधिक अफसर व पुलिसकर्मियों के अलावा 18 हजार से अधिक छात्रों को साइबर क्राइम व ठगी से बचने के निश्शुल्क टिप्स दे चुकी हैं। मूलरूप से मेरठ के बुढ़ाना गेट की रहने वाली कामाक्षी शर्मा इन दिनों परिवार के साथ पुरानी पंचवटी में रहती हैं। उनके पिता रघु शर्मा दिल्ली की एक निजी कंपनी में सुपरवाइजर हैं।

कामाक्षी के मुताबिक, उन्होंने 10वीं व 12वीं की पढ़ाई गाजियाबाद के निजी स्कूलों से की। इसके बाद बीटेक गढ़वाल यूनिवर्सिटी से किया। यहां पढ़ाई के दौरान उन्होंने इथिकल हैकिंग की परीक्षा पास की थी, जिसके बाद से वह लगातार साइबर क्राइम पर काम करती रहीं। गृह मंत्रालय से उन्हें नेशनल पुलिस ग्रुप नाम का एक मिशन मिला, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 30 से अधिक शहरों में उन्होंने विभिन्न राज्यों में तैनात आइपीएस अफसरों और 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम की ट्रेनिंग दी। इसका मकसद पुलिस द्वारा साइबर क्राइम पर लगाम लगाना था।

कामाक्षी बताती हैं कि इस ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पुलिस अफसरों को आनलाइन ठगी पर टूल्स के इस्तेमाल की जानकारी दी, ताकि बदमाश उनकी गिरफ्त में आ सकें। इसके लिए उनका नाम करीब दो सप्ताह पूर्व ही इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया गया, जिसके बाद दो दिन पूर्व इस उपलब्धि को लेकर उनका नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए रिसर्च के आधार पर एशिया बुक आफ रिकार्ड के लिए चुना गया है।

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