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गाजियाबाद कचहरी में लाठीचार्ज के विरोध में आज वकील हड़ताल पर, हंगामे के आसार को लेकर पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर

धोखाधड़ी के आरोपितों की जमानत पर जल्दी सुनवाई करने या किसी दूसरी कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की मांग को लेकर गत मंगलवार को जिला जज और अधिवक्ताओं के बीच नोकझोंक के बाद अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में गाजियाबाद के अधिवक्ताओं में रोष है। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने चार नवंबर को प्रदेश भर के अधिवक्ताओं से हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

By Vivek Tyagi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 04 Nov 2024 08:58 AM (IST)
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कचहरी के बाहर पुलिसकर्मी तैनात। फोटो- जागरण।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। धोखाधड़ी के आरोपितों की जमानत पर जल्दी सुनवाई करने या किसी दूसरी कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की मांग को लेकर गत मंगलवार को जिला जज और अधिवक्ताओं के बीच नोकझोंक के बाद अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में गाजियाबाद के अधिवक्ताओं में रोष है। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ के आह्वान पर गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश में अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे।

कचहरी में हंगामा होने के पूरे आसार

गाजियाबाद बार एसोसिएशन अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि सोमवार को आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी व मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया जाएगा।

सोमवार को कचहरी में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। इसके चलते पुलिस-प्रशासन ने भी कमर कस ली है। वहीं यूपी बार काउंसिल द्वारा गठित समिति भी मामले की जांच के लिए सोमवार को ही गाजियाबाद आएगी और जांच कर आख्या यूपी बार काउंसिल को सौंपेगी।

बनाई जाएगी आंदोलन की रणनीति

इसी दिन अधिवक्ता गाजियाबाद कचहरी में बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। वहीं अधिवक्ताओं के वाट्सएप ग्रुप पर अत्याचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहने, जज व पुलिसवालों पर कार्रवाई न होने के हड़ताल करने जैसे संदेश अधिवक्ताओं द्वारा भेजे जा रहे हैं। वकीलों और जज में हुई नोकझोंक का मामला तूल पकड़ेगा। लाठीचार्ज से अधिवक्ताओं में गुस्से का गुबार भरा है जो चार नवंबर को फट सकता है।

कब तक रहेगी वकीलों की हड़ताल?

बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि गाजियाबाद के जिला जज का तबादला व उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस वालों का तबादला और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने तक अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे।

इसके अलावा इस प्रकरण में अधिवक्ताओं पर दर्ज दोनों एफआइआर को खारिज किया जाए और चोटिल अधिवक्ताओं दो-दो लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाए। इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया जाएगा।

क्या है वकीलों की मांग?

धोखाधड़ी के आरोपितों की जमानत पर जल्दी सुनवाई करने या किसी दूसरी कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की मांग को लेकर मंगलवार को जिला जज और अधिवक्ताओं के बीच नोकझोंक के बाद अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में गाजियाबाद के अधिवक्ताओं में रोष है।

बार एसोसिएशन अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि जिला जज व लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के तबादले की मांग पर अधिवक्ता अडिग हैं। तबादला न होने तक गाजियाबाद में अधिवक्ताओं हड़ताल पर रहेंगे।

मंगलवार को यह हुई थी घटना

मंगलवार सुबह जिला जज अनिल कुमार-10 की कोर्ट में धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपितों की जमानत पर सुनवाई होनी थी। शिकायतकर्ता की तरफ से कोर्ट में मौजूद अधिवक्ता नाहर सिंह यादव का कहना था कि मामले की जल्दी सुनवाई के लिए जिला जज से अनुरोध किया गया था।

उनसे कहा था कि यदि वह नहीं सुन पा रहे हैं तो किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर कर दें। इसी बात पर दोनों पक्षों में नोकझोंक शुरू हो गई। विवाद बढ़ता देख जिला जज अपने कक्ष में चले गए, लेकिन वकील उनकी कोर्ट में मौजूद रहे। पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया। उन्हें दौड़ाकर पीटा व कुर्सियां फेंकी गई।

इस दौरान 10 से ज्यादा वकील घायल हुए। लाठीचार्ज के कारण वकील और वादकारियो में भगदड़ मच गई। मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल ने स्थिति नियंत्रण में ली। कचहरी में दोपहर करीब दो बजे तक वकीलों ने चैंबर बंद कर दिए। गुस्साए अधिवक्ताओं ने कचहरी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर सामान में आग लगा दी थी।

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