यूपी में चिट्ठी ने खोला कमीशन का बड़ा खेल, बिजली विभाग के 41 करोड़ के टेंडर में कैसे हुई धांधली?
गाजियाबाद बिजली विभाग में ठेकेदारों से कमीशन लेकर तबादले कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुरादाबाद में तैनात अधिशासी अभियंता संगम लाल यादव ने मुख्यमंत्री को भेजी चिट्ठी में 41 करोड़ के ठेके में 6% कमीशन लेकर 10 लाख रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इस मामले ने पूरे बिजली विभाग में हड़कंप मचा दिया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
चिट्ठी से दौड़ने लगा 11 हजार वोल्ट का करंट
इस चिट्ठी के बाद पूरे बिजली विभाग में 11 हजार वोल्ट से भी अधिक का करंट ठेके की फाइलों में दौड़ने लगा है। अधिकारी फिलहाल ऐसी फाइलों से दूर भाग रहे हैं। इतना ही नहीं 41 करोड़ के दिए गए ठेके को लेकर कई उच्च अधिकारियों को भी इस पत्र के अनुसार सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।कमीशन की ढाई करोड़ की रकम का भी जिक्र
रुपये देकर तबादले का आरोप
पत्र में आरोप लगाया गया है कि ठेकेदारों से छह प्रतिशत के हिसाब से कमीशन लेकर निदेशक कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन एसक पुरवार के माध्यम से पश्चिमांचल की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन को 10 लाख रुपये रिश्वत के देकर उनका (संगम लाल यादव, अधिशासी अभियंता) का तबादला मुरादाबाद करा दिया गया।मुख्य अभियंताओं की उड़ी नींद
पता चला है कि इस चिट्ठी में प्रबंध निदेशक का नाम सामने आने पर पश्चिमांचल में तैनात एसडीओ, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंताओं की नींद उड़ गई है। इनको डर है कि इनके स्तर से जारी किए गए टेंडर भी कहीं जांच के घेरे में न आ जाएं। उधर चिट्ठी के सामने आने के बाद से ही पूरे बिजली विभाग में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।क्या बोले जिम्मेदार?
अधिशासी अभियंता संगमलाल यादव द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत और आधारहीन हैं। अधिशासी अभियंता संगमलाल पूर्व में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे। ठेकेदारों से उनके रिश्वत मांगते ऑडियो भी जांच के दौरान सामने आए। अपने बेटे को चालक के रूप में सरकारी वेतन दिलाने की शिकायत इनके खिलाफ थी। शासन की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रबंध निदेशक द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई पूर्व में की गई है। इससे बौखलाकर ही वह इस तरह की मनगढंत झूठी शिकायतें कर रहे हैं। भविष्य में भी भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। -एचके सिंह, पीआरओ, पीवीविएनएल
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नियमों के विपरीत जाकर स्थानांतरण करने की शिकायत की जांच की मांग की गई है। शिकायती पत्र में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में जारी किये गए टेंडर और ठेकेदारों से एकत्र किये गए छह प्रतिशत कमीशन की रकम का भी जिक्र किया गया है। पत्र में प्रबंध निदेशक को 10 लाख रुपये देकर स्थानांतरण कराये जाने का आरोप लगाया गया है। ट्रांसफर निरस्त करने अथवा प्रयागराज में करने की अर्जी भी प्रबंध निदेशक द्वारा खारिज कर दी गई। - संगम लाल यादव, अधिशासी अभियंता