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Lok Sabha Elections: पश्चिमी यूपी की सभी सीटों को साधने की कोशिश, भाजपा ने पहली बार खेला ये बड़ा दांव

भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में 400 के पार सीटें जीतने के लक्ष्य की ओर काम कर रही है। भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों को साधने के लिए एक बड़ा दांव खेला है। इसके अलावा अपने खास दांव के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले से मजबूत स्थिति बनाने के लिए रालोद से गठबंधन किया है।

By aditya tripathi Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Tue, 12 Mar 2024 07:08 PM (IST)
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चुनाव से पहले BJP ने पहली बार खेला ये बड़ा दांव

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रधानमंत्री की कुर्सी तक जाने का रास्ता उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों से होकर जाता है। उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने जिस दल को अपना आशीर्वाद दिया, केंद्र में सरकार उसी की बनी है। भाजपा यह बात जानती है, यही वजह है कि वह चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले ऐसा माहौल तैयार करने में जुटी है कि प्रदेश के मतदाता लगातार तीसरी बार उनको अपना आशीर्वाद दें।

यह वजह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले से मजबूत स्थिति बनाने के लिए रालोद से गठबंधन किया है। भाजपा चाहती है कि जैसे पिछले 10 साल में गाजियाबाद में सांसद व विधायकों की कुर्सी पर भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है, उसी मॉडल पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों में भी धाक जमाई जाए। यही वजह है कि पहली बार गाजियाबाद में तीन नेताओं को मंत्री बनाया गया है।

पहले एक साथ नहीं बने 3 मंत्री

वर्ष 1976 में गाजियाबाद जिला बना। इसके बाद से अब तक यहां से केंद्र और प्रदेश में एनडीए की सरकार न होने पर मंत्री तो बने, लेकिन एक साथ तीन मंत्री कभी नहीं रहे। वर्तमान में सांसद वीके सिंह यहां से केंद्रीय राज्यमंत्री हैं, तो नरेन्द्र कश्यप उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। भाजपा ने हाल ही में सुनील शर्मा को उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बनाया है।

इससे पहले गाजियाबाद से दीपा कौल, राजपाल त्यागी निवाड़ी, बालेश्वर त्यागी, बलदेव राज शर्मा, राजेंद्र चौधरी, अतुल गर्ग को मंत्री और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया गया है, लेकिन कभी भी ऐसा अवसर नहीं आया कि गाजियाबाद से तीन नेता मंत्री बने हों।

इन लोगों को साधने की कोशिश

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रत्येक सीट पर ओबीसी, ब्राह्मण, क्षत्रिय मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। क्षत्रिय समाज से आने वाले वीके सिंह, ओबीसी वर्ग के नरेंद्र कश्यप व ब्राह्मण समाज के सुनील कुमार शर्मा को मंत्री बनाकर भाजपा ने इन तीनों समाज के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया है।

इसके साथ ही रालोद के साथ गठबंधन कर भाजपा ने एक ओर किसानों तो दूसरी ओर जाट वर्ग को साधने का प्रयास किया है। भाजपा की कोशिश है कि वह हर वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाए और लोकसभा चुनाव में 400 का आंकड़ा पार कर सकें।

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