Lok Sabha Elections: गाजियाबाद सीट पर वापसी की कोशिश में कांग्रेस, इन पर लगा सकती है दांव
गाजियाबाद लोकसभा सीट से अभी किसी भी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सपा गठबंधन के साथ कांग्रेेस अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी। ध्यान देने वाली बात है कि कांग्रेस इस सीट पर 14 वर्ष से अधिक से वनवास काट रही है। यहां अपने खोये हुए वैभव को पाने के लिए तमाम जद्दोजहद के बीच इस बार दलित चेहरे पर दांव खेल सकती है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में आई है। कांग्रेस इस सीट पर 14 वर्ष से अधिक से वनवास काट रही है। यहां अपने खोये हुए वैभव को पाने के लिए तमाम जद्दोजहद के बीच इस बार दलित चेहरे पर दांव खेल सकती है।
दलित मजबूत चेहरे में यहां कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीपी मौर्य की पुत्री डॉ. अनुला मौर्य और पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. चंद्रपाल का नाम शामिल हैं। इसके अलावा ब्रा़ह्मण, वैश्य और मुस्लिमों के नाम भी टिकट की दौड़ में हैं।
गाजियाबाद से किसी पार्टी ने नहीं खोले पत्ते
गाजियाबाद लोकसभा सीट से अभी किसी भी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सपा गठबंधन के साथ कांग्रेेस अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी। यहां पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने ब्राह्मण प्रत्याशी डोली शर्मा के रूप में चुनाव लड़ा था, जो तीसरे स्थान पर रहीं थीं। इस बार सपा से गठबंधन के बाद मुस्लिमों के साथ कांग्रेस दलित वोटर को साधने के लिए दलित कार्ड खेल सकती हैं।गाजियाबाद लोकसभा में इस समय दलित-मुस्लिम मतदाता करीब 10 लाख से अधिक हैं। कांग्रेस में गाजियाबाद सीट पर दलित प्रत्याशी के तौर पर उनके पास अभी दो नाम सबसे ऊपर हैं। एक नाम पूर्व कैबिनेट मंत्री बीपी मौर्या की पुत्री शिक्षाविद डॉ. अनूला मौर्या का है, जो अगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर रही हैं।
ये नाम चर्चा में सबसे आगे
उन्हें देश-विदेश में विभिन्न सम्मान मिल चुके हैं। दूसरा नाम पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. चंद्रपाल का है, जो पूर्व में आगरा से अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ चुके हैं और अब कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर उनका नाम चल रहा है। वहीं, ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की पूर्व लोकसभा प्रत्याशी डॉली शर्मा और डॉ. संजीव शर्मा के अलावा पूर्व महापौर प्रत्याशी पुष्पा रावत और वैश्य समाज से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल के पुत्र सुशांत गोयल का नाम शामिल हैं।मुस्लिम प्रत्याशी के नाम पर एकमात्र अभी पूर्व प्रदेश सचिव नसीम खान का नाम चर्चा में है, लेकिन पार्टी मुस्लिम पर दांव बहुत मुश्किल से लगाएगी। इसका एकमात्र कारण चुनाव में वोटों का एकतरफा ध्रुवीकरण होना है। पार्टी जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश महासचिव बिजेंद्र यादव ने बताया कि अभी हाइकमान स्तर पर मंथन जारी है। चुनाव अधिसूचना के बाद प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है।
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गाजियाबाद लोस सीट पर 2009 से भाजपा काबिज है। भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 2009 में कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल को और 2014 मे भाजपा प्रत्याशी रिटायर जनरल डा. वीके सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर, 2019 में डा. वीके सिंह ने सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी सुरेंद्र गोयल को हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी डाेली शर्मा तीसरे स्थान पर रहीं थीं।लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट मिले | मत प्रतिशत |
भाजपा | डॉ. वीके सिंह | 9,44,503 | 62.26 |
सपा-बसपा | सुरेश बंसल | 4,43,003 | 29.2 |
कांग्रेस | डॉली शर्मा | 1,11,944 | 7.38 |