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खुशखबरी! अब गाजियाबाद में होगी यूनानी चिकित्सा में एमडी और एमएस की पढ़ाई, 49 सीटें आवंटित

राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में इलाज कराने को मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2023 से सितंबर 2024 तक ओपीडी में कुल 362271 मरीज पहुंचे हैं। इनमें गाजियाबाद के अलावा दिल्ली फरीदाबाद मेरठ हापुड बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के मरीज भी शामिल हैं। कमर हाथ पैर और घुटनों के साथ जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर मरीज ओपीडी में पहुंच रहे।

By Madan Panchal Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 08 Oct 2024 08:52 AM (IST)
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नवंबर के पहले सप्ताह से पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। अब गाजियाबाद में भी होगी यूनानी चिकित्सा में एमडी और एमएस की पढ़ाई होगी। नेशनल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिकल ने 49 सीट आवंटित कर दी है। सीट आवंटित होने के साथ ही ऑनलाइन काउंसिल शुरू हो गई है।

संभावना है कि नवंबर के पहले सप्ताह से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पढ़ाई के साथ शोध का कार्य भी होगा। कमला नेहरूनगर में 10 एकड़ जमीन पर 381.42 करोड़ की लागत से बनाए गए राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में यूनानी पद्धति में परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेडिकल कॉलेज भी बनाया गया है।

इसका उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल किया था। संस्थान में पहुंच रहे बीमार लोगों को उम्मीदों के मुताबिक राहत मिल रही है। संस्थान में मुख्य रूप से गठिया, सफेद दाग, एग्जिमा, अस्थमा, माइग्रेन, मलेरिया एंव फाइलेरिया, पेट की समस्या, और हड्डी रोगों का इलाज हो रहा है।

अस्थि रोगों के उपचार में यूनानी चिकित्सा पद्धति कारगर

संस्थान के ओएसडी का कहना है कि यूनानी चिकित्सा पद्धति में औषधियां जड़ी-बूटियों और खनिज पदार्थों से बनती हैं। बीमारियों की जांच नब्ज और मरीज को देखकर की जाती है। उनका दावा है कि अस्थि रोगों के उपचार में यूनानी चिकित्सा पद्धति कारगर बन रही है।

खासकर आर्थराइटिस, स्पांडिलाइसिस, सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस, मांसपेशी संबंधी, रीढ़ संबंधी विकार और परेशानी के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति के तहत दी जाने वाली दवाओं से जल्द राहत मिलनी शुरू हो जाती है।

जोड़ों में दर्द के लिए रोगन बाबूना तेल की मालिश से काफी राहत मिलती है। उनका कहना है कि मानसून के सीजन में नमी बढ़ने पर हड्डी रोग बढ़ने लगते हैं।जोड़ों में दर्द की परेशानी पुरुषों के सापेक्ष महिलाओं को अधिक हो रही है।

बढ़ रही मरीजों की संख्या

त्वचा रोग,पेट दर्द और सांस रोग का इलाज कराने को भी अनेक मरीज पहुंच रहे हैं। संस्थान ने फिजियोथैरेपी कराने की शुल्क 50 रुपये तय कर रखी है।

30 से 45 वर्ष के सबसे अधिक मरीज फिजियोथैरेपी करवा रहे हैं। स्टीम बाथ और कपिंग थैरेपी कराने वालों की भी संख्या में वृद्धि हो रही है। रोज पांच से 10 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। चिकित्सकों की संख्या बढ़ने और संसाधनों का दायरा बढ़ने पर मरीजों की संख्या इससे अधिक होने की संभावना है।

माइनर आपरेशन किये जा रहे हैं। जल्द ही मेजर आपरेशन शुरू करने की योजना है। यूनानी पद्धति के साथ एलोपैथी में बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का प्रयास तेज कर दिया गया है। कई नए चिकित्सकों के आने से विभिन्न विभागों की ओपीडी संचालित कर दी गई है।

ओपीडी में रोज 1200 से 1700 मरीज पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन औसतन 858 से 910 मरीज पहुंच रहे हैं।मरीजों को भर्ती करके भी इलाज किया जा रहा है। दिमागी मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है। एमडी और एमएस की 49 सीट आवंटित हो गई हैं। काउंसलिंग जारी है। नवंबर से पढाई एवं शोध कार्य शुरू होगा।

- डॉ. सैययद शाह आलम,ओएसडी राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान

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