एक ही कॉरिडोर पर चलेंगी मेरठ मेट्रो और रैपिड ट्रेन, पहला ट्रेनसेट दुहाई NCRTC डिपो पहुंचा
देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी। मेरठ मेट्रो ट्रेन सेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट 23 किमी लंबा है। कुल 13 स्टेशन बनेंगे। मेट्रो ट्रेन की अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेन सेट मंगलवार रात दुहाई स्थित एनसीआरटीसी डिपो पहुंचा। मेरठ मेट्रो के तीन डिब्बों का ये ट्रेनसेट गुजरात के सावली से लाया गया है। अब इसे जोड़कर टेस्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। अत्याधुनिक डिजाइन वाला यह ट्रेन सेट पूरी तरह भारत में निर्मित है व मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत बनाया गया है।
120 KM है मेरठ मेट्रो की अधिकतम स्पीड
मेरठ मेट्रो का यह ट्रेन सेट ऊर्जा कुशल तो हैं ही, साथ ही अच्छे ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा, स्वचालित ट्रेन नियंत्रण, स्वचालित ट्रेन संचालन की सुविधा है। मेरठ मेट्रो ट्रेन की अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है। मेरठ मेट्रो मेरठ के निवासियों के लिए सुरक्षित, तीव्र और आधुनिक परिवहन साधन की शुरुआत करने जा रहा है।
RRTS के बुनियादी ढांचे पर चलेंगी मेट्रो और रैपिड ट्रेन
मेरठ मेट्रो ट्रेन सेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट 23 किमी लंबा है। कुल 13 स्टेशन बनेंगे। वर्तमान में मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से जारी है और इसके सभी स्टेशन आकार ले रहे हैं। यह देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी।मेरठ मेट्रो के डिज़ाइन में यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग व अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं। मेरठ मेट्रो में भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने की बेहतर व्यवस्था होगी। सभी स्टेशनों पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके।