Meerut Metro है सबसे खास, स्वदेशी तकनीक से तैयार ट्रेन में यात्रियों को मिलेंगी लग्जरी सुविधाएं; जानें खासियत
मेरठ मेट्रो भारत की सबसे तेज मेट्रो है जिसकी अधिकतम गति 135 किमी प्रति घंटा होगी। यह स्वदेशी तकनीक से निर्मित है और यात्रियों को अधिकतम आराम और सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें वातानुकूलित ट्रेनें आरामदायक सीटें सामान रखने की रैक ग्रैब हैंडल यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा आदि हैं। मेरठ मेट्रो के ट्रेन सेट को आधुनिक तरीके से मेक इन इंडिया मुहिम के तहत तैयार किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी के लोगों को जल्द ही मेरठ मेट्रो की सौगात मिलनेवाली है। इसके जून 2025 में शुरू होने की संभावना है। मेरठ मेट्रो की अधिकतम स्पीड 135 किमी प्रति घंटे की होगी। इस मेट्रो का कॉन्ट्रैक्ट मेसर्स एल्सटॉम को दिया गया है। इस कॉन्ट्रैक्ट में 15 सालों तक रोलिंग स्टॉक का रखरखाव भी शामिल है। इसका निर्माण गुजरात के सावली में किया जा रहा है। देश में ऐसा पहली बार है, जब नमो भारत ट्रेनें और मेरठ मेट्रो दोनों ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS के ट्रैक पर चलेंगी।
एनसीआरटीसी के एमडी शलभ गोयल ने बताया कि मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किमी है, जिसमें 18 किमी का हिस्सा एलिवेटेड है और 5 किमी का हिस्सा भूमिगत है। मेरठ में कुल 13 स्टेशन हैं, जिनमें से 9 स्टेशन एलिवेटेड और 3 स्टेशन भूमिगत हैं। एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) ग्राउंड लेवल पर होगा।
मेरठ मेट्रो में होंगी ये सुविधाएं
- मेरठ मेट्रो का डिजाइन बेहद ही आकर्षक और आधुनिक है। इसमें यात्रियों के अधिकतम आराम और सिक्योरिटी को ध्यान में रखा गया है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा आदि की हैं।
- मेरठ मेट्रो की ट्रेन अत्याधुनिक हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं। एक ट्रेन में 173 सीटें होंगी और इसमें 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे। सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा।
- ऊर्जा खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे, जहां पुश बटन को दबाया जाएगा।
- आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसी सुरक्षा सिस्टम दिए गए हैं। आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था, व्हील चेयर के लिए भी स्थान होगा।
- मेरठ मेट्रो के शुरुआत होने के बाद ये देश में एक अच्छी पहल होगी। इस तरह यह देश में एक कॉरिडोर पर दो तरह की ट्रेनें चलेंगी। मेरठ कॉरिडोर 23 किलोमीटर लंबा होगा। मेरठ मेट्रो के ट्रेन सेट को आधुनिक तरीके से मेक इन इंडिया मुहिम के तहत तैयार किया गया है।