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दिल्ली और मेरठ मेट्रो में कौन सबसे फास्ट और सुविधाएं किसमें ज्यादा? नमो भारत ट्रेन से कितना होगी अलग, जानिए सबकुछ

Meerut Metro मेरठ मेट्रो और नमो भारत ट्रेन एक ही ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी। मेरठ में जो कॉरिडोर नमो भारत के लिए बना है उसी पर मेरठ मेट्रो का संचालन हुआ करेगा। मेट्रो ट्रेन का परिचालन यात्रियों के लिए जून 2025 में शुरू किया जाएगा। मेरठ मेट्रो की रफ्तार अधिकतम 135 और औसत 120 किमी किमी प्रतिघंटे की होगी।

By Abhishek Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 08 Sep 2024 06:00 AM (IST)
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Meerut Metro: आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलेगी मेरठ मेट्रो।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। देश में पहली बार उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में अधिकतम 135 और औसत 120 किमी किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन का परिचालन होगा। 23 किमी. की दूरी में जिस ट्रैक पर मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी, उसी ट्रैक पर हाइस्पीड नमो भारत ट्रेन भी मेरठ शहर के अंदर 23 किमी के बीच दौड़ती हुई नजर आएगी। यह बातें शनिवार दोपहर को गाजियाबाद स्थित आरआरटीएस के दुहाई डिपो में आधुनिक मेरठ मेट्रो, मेट्रो के इंटीरियर, यात्री केंद्रित सुविधाओं का अनावरण करते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने करते हुए कहीं।

मेट्रो ट्रेनसेट का बाहरी भाग फ्लोरासेंटर हरे, नीले और नारंगी रंग का आकर्षक और आधुनिक कलर संयोजन प्रस्तुत करता है, जो तकनीकी उन्नति और नए भारत के लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है। मेट्रो ट्रेन का परिचालन यात्रियों के लिए जून 2025 में शुरू किया जाएगा।

जून से होगा पूरे कॉरिडोर पर नमो भारत का संचालन

जून 2025 में ही दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी. लंबे संपूर्ण कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेन का परिचालन भी शुरू हो जाएगा। इस कॉरिडोर के साहिबाबाद से मेरठ साउथ के बीच के हिस्से में नमो भारत ट्रेन का परिचालन वर्तमान में हो रहा है। ऐसे में जून 2025 से न केवल मेरठ बल्कि गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली तक के यात्रियों को मेरठ से दिल्ली तक आवागमन करने में आसानी होगी।

मेरठ मेट्रो में तीन कोच

मेरठ मेट्रो के एक ट्रेनसेट में तीन कोच होंगे, जिसमें 130 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी और कुल 700 यात्री इस ट्रेन में सफर कर सकेंगे। मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो स्टेशन तक 23 किमी के बीच में मेट्रो के कुल 13 स्टेशन होंगे। इनमें से नौ स्टेशन एलिवेटेड, तीन भूमिगत और एक स्टेशन धरातल पर होगा। इनमें से चार स्टेशन पर नमो भारत ट्रेन का ठहराव भी होगा।

गुजरात में हैं कोच

मेक इन इंडिया के तहत गुजरात के सवाली में विश्व स्तरीय ट्रेनसेट को स्टेनलेस स्टील से निर्मित किया गया है। अब तक पांच ट्रेनसेट तैयार हो चुके हैं। मेट्रो में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और स्वचालित ट्रेन संचालन की सुविधा होगी।

मेरठ में मेट्रो लाएगी क्रांति

मेरठ शहर के परिवहन परिदृश्य में मेरठ मेट्रो क्रांति लेकर आएगी। यह ट्रेन लोगों के लिए कनेक्टिविटी और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढाएगी। आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे यात्रा में समय की बचत होगी और सड़कों पर भीड़ भी कम होगी।

मेट्रो के अंदर मरीजों के लिए व्हीलचेयर और स्ट्रेचर ले जाने की भी सुविधा होगी। ट्रेन के दरवाजे बटन से खुलेंगे और इसके अंदर सामान रखने के लिए रैक भी उपलब्ध होगी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज करने के लिए सभी सीट के पास चार्जिंग प्वाइंट दिए गए हैं।

मेरठ में मेट्रो स्टेशन के नाम

  • मेरठ साउथ
  • परतापुर
  • रिठानी
  • शताब्दी नगर
  • ब्रह्मपुरी
  • मेरठ सेंट्रल
  • भैंसाली
  • बेगमपुल
  • एमईएस कॉलोनी
  • दौरली
  • मेरठ नार्थ
  • मोदीपुरम
  • मोदीपुरम डिपो स्टेशन

इन चार स्टेशनों पर मेट्रो और नमो भारत ट्रेन का होगा ठहराव

  • मेरठ साउथ
  • शताब्दी नगर
  • बेगमपुल
  • मोदीपुरम स्टेशन

ट्रेन की खासियत

  • मेरठ मेट्रो ट्रेन वातानुकूलित है।
  • लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, चार्जिंग सुविधाएं, डायनमिक रूट मैप ट्रेन में होगा।
  • सभी मेट्रो स्टेशन पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे।
  • ट्रेन में इमरजेंसी कम्यूनिकेशन सिस्टम, अग्निशामक यंत्र , अलार्म, टाक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपकरण होंगे।
  • प्रत्येक कोच में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित सीटें होंगी।

दिल्ली मेट्रो और मेरठ मेट्रो में अंतर

  • दिल्ली मेट्रो की अधिकतम स्पीड 90 किमी प्रतिघंटा है, जबकि मेरठ मेट्रो की अधिकतम स्पीड 135 किमी प्रतिघंटा होगी।
  • दिल्ली मेट्रो की सीट पर कुशन नहीं लगा होता है, जबकि मेरठ मेट्रो में बैठने के लिए कुशन वाली सीट होगी।
  • दिल्ली मेट्रो के सभी दरवाजे एक साथ खुलते और बंद होते हैं। मेरठ मेट्रो के बटन दबाने पर दरवाजे खुलेंगे और बंद होंगे
  • सामान रखने के लिए रैक नहीं और मेरठ मेट्रो में सामान रखने के लिए रैक है।
  • दिल्ली मेट्रो में चार्जिंग प्वाइंट कम हैं और मेरठ मेट्रो में चार्जिंग प्वाइंट अधिक हैं।
  • दिल्ली मेट्रो में स्ट्रेचर, व्हीलचेयर के लिए जगह नहीं है, जबकि मेरठ मेट्रो में स्ट्रेचर, व्हीलचेयर ले जाने की सुविधा है।
  • कोच में यात्रियों के लिए जगह कम और मेरठ मेट्रो में कोच में यात्रियों के लिए जगह अधिक है।