Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Mid-Day-Meal : रोज-रोज बना देते हैं चावल, गाजियाबाद में बीएसए कार्यालय के बराबर में स्कूल का यही हाल

स्कूलों में बृहस्पतिवार को मेन्यू के हिसाब से मध्याह्न भोजन में रोटी-चावल बनने थे लेकिन बीएसए आफिस से सटे प्राथमिक विद्यालय नासिरपुर में रोटी की जगह चावल बनाकर दिए गए। लंच का समय खत्म होने के बाद भी स्कूल के मैदान में घूम रहे बच्चों से जब पूछा गया कि खाने में आज क्या बना है तो बच्चों ने बताया कि खाने में दाल चावल दिए गए।

By Deepa SharmaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Fri, 22 Sep 2023 08:00 AM (IST)
Hero Image
मिड-डे-मील : रोज-रोज बना देते हैं चावल, गाजियाबाद में बीएसए कार्यालय के बराबर में स्कूल का यही हाल

गाजियाबाद [दीपा शर्मा]। जिले भर के कुछ ही स्कूल हैं जिनमें तय मेन्यू के हिसाब से खाना बनता है। ज्यादातर स्कूल आए दिन चावल बनाकर रख देते हैं। कभी दाल चावल तो कभी नमकीन चावल बच्चों को खाने के लिए दिए जाते हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बराबर में बने प्राथमिक विद्यालय नासिरपुर का भी यही हाल है।

हर दिन के हिसाब से मध्याह्न भोजन का मेन्यू निर्धारित हैं। समय-समय पर खाने की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जाते रहते हैं। मध्याह्न भोजन को लेकर विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि लोनी के परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में मिले दूध को पीने से बच्चों की तबीयत खराब हो गई।

जिला व ब्लाक स्तर पर स्कूलों में मध्याह्न भोजन के निरीक्षण के लिए टीम बनी हुई हैं। हर माह पांच स्कूलों में खाने की जांच करने होती है। इसके बावजूद स्कूलों में मिड-डे-मील को लेकर लापरवाही पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

दैनिक जागरण की टीम ने बृहस्पतिवार को तीन स्कूलों में मध्याह्न भोजन की पड़ताल की जिसमें एक कंपोजिट विद्यालय रघुनाथपुर में तय मेन्यू के हिसाब से खाना बना हुआ मिला।

Also Read-

Ghaziabad News: स्कूल की प्रधानाध्यापिका निलंबित, मिड-डे मील का दूध पीने से 25 बच्चे हुए थे बीमार

चावल बनाकर चला दिया काम

स्कूलों में बृहस्पतिवार को मेन्यू के हिसाब से मध्याह्न भोजन में रोटी-चावल बनने थे, लेकिन बीएसए आफिस से सटे प्राथमिक विद्यालय नासिरपुर में रोटी की जगह चावल बनाकर दिए गए। लंच का समय खत्म होने के बाद भी स्कूल के मैदान में घूम रहे बच्चों से जब पूछा गया कि खाने में आज क्या बना है तो बच्चों ने बताया कि खाने में दाल चावल दिए गए।

प्राथमिक विद्यालय नासिरपुर के प्रधानाचार्य का कहना है कि जो बच्चे बिहार से हैं वह चावल खाना ज्यादा पसंद करते हैं। बृहस्पतिवार को स्थानीय बच्चों को रोटी और जो बच्चे चावल खाना पसंद करते हैं उनको चावल दिए जाते हैं। बच्चों को पहले रोटी बंटवा दी थी बाद में बच्चों को चावल बंटवाए गए।

रोटी की बजाय बनाई तहरी

डॉ. केएन मोदी कामर्स एंड साइंस कालेज में कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है। बृहस्पतिवार को दोपहर स्कूल में जाकर मध्याह्न भोजन के बारे में जानकारी ली गई तो बच्चों ने बताया कि तहरी बनी है। बच्चों से पूरे सप्ताह का पूछने पर बताया गया कि स्कूल में ज्यादातर चावल ही बनाकर दिए जाते हैं। कभी-कभार ही स्कूल में रोटी या मेन्यू के हिसाब से खाना मिलता है।

 मिड-डे-मील साप्ताहिक आहार योजना तालिका

दिन - मेन्यू - सामग्री विशेष

सोमवार - रोटी-सब्जी - रोटी, हरी सब्जी, सोयाबीन

मंगलवार - चावल-दाल - चावल, अरहर/चना/अन्य दाल

बुधवार - तहरी एवं दूध - तहरी, उबला हुआ गर्म दूध

बृहस्पतिवार - रोटी-दाल - रोटी, चना/अरहर/अन्य दाल

शुक्रवार - सोयाबीन युक्त तहरी - चावल, मौसमी सब्जी व सोयाबीन

शनिवार - चावल-सब्जी - चावल, सोयाबीन मौसमी, सब्जी

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता जांच के लिए जिले व ब्लाक स्तर की टीम गठित है। दोनों टीम द्वारा हर माह पांच-पांच स्कूल में निरीक्षण कर रिपोर्ट आनलाइन पोर्टल पर दी जाती हैं। ज्यादातर विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की स्थिति ठीक है। स्कूल की शिकायत है तो उस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को लेकर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

- ओपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी