सुलझेगी लक्ष्मी गुप्ता की मौत की गुत्थी, दो दिसंबर को होगा पालीग्राफ टेस्ट; छह आरोपी उगलेंगे खौफनाक हत्या का राज
जून 2023 में हुई मेडिकल छात्रा लक्ष्मी गुप्ता की मौत का मामला अब सुलझने वाली है। पुलिस जांच में सामने आए छह संदिग्धों का दो दिसंबर को लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में पॉलीग्राफी टेस्ट होगा। इसको लेकर गाजियाबाद पुलिस को एक हफ्ते का पैनल दिया गया है। प्रत्येक दिन एक-एक व्यक्ति का टेस्ट होगा। यदि पॉलीग्राफी से भी साक्ष्य सामने नहीं आए तो सभी का नार्काे टेस्ट होगा।
जागरण संवाददाता, मोदीनगर। जून 2023 में हुई मेडिकल छात्रा लक्ष्मी गुप्ता की मौत की गुत्थी अब सुलझने की संभावना है। पुलिस जांच में सामने आए छह संदिग्धों का दो दिसंबर को लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में पॉलीग्राफी टेस्ट होगा। इसको लेकर गाजियाबाद पुलिस को एक हफ्ते का पैनल दिया गया है। प्रत्येक दिन एक-एक व्यक्ति का टेस्ट होगा। यदि पॉलीग्राफी से भी साक्ष्य सामने नहीं आए तो सभी का नार्काे टेस्ट होगा। इसको लेकर गाजियाबाद पुलिस को कोर्ट से अनुमति मिल चुकी है।
पुलिस सूत्रों की माने तो कुछ दिन पहले भी पॉलीग्राफी की तारीखें घोषित हुई थी। लेकिन तकनीकी कारणों के चलते तारीख बढ़ाई थी। मामले में अब तक पुलिस क्राइम सीन री-क्रिएट करा चुकी है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट से भी पुलिस राय ले चुकी है। अब तक की जांच में पुलिस के प्राइम सस्पेक्ट मकान मालिक, उनका बेटा, एक किरायेदार व लक्ष्मी के तीन दोस्त हैं। इनपर बार-बार बयान बदलने का आरोप है। पुलिस को इनपर पूरा संदेह है, लेकिन इनके खिलाफ कोई साक्ष्य पुलिस को नहीं मिला है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आरोपितों ने इतनी सफाई से घटना को अंजाम दिया कि पुलिस साक्ष्य तक नहीं जुटा सकी।
बदल गए दो डीसीपी, एक एसीपी और तीन कोतवाल
जिस समय घटना हुई तो डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार थे। उनके बाद डीसीपी विवेक चंद यादव रहे। अब डीसीपी सुरेंद्रनाथ तिवारी हैं। इसके अलावा उस समय एसीपी रितेश त्रिपाठी थे। अब ज्ञान प्रकाश राय हैं। साथ ही घटना के दौरान कोतवाल भानु प्रताप सिंह थे। इसके बाद पुष्पराज सिंह, फिर सुभाष चंद पांडेय। अब प्रशांत त्यागी कोतवाल हैं। इतने अधिकारी बदल गए। लेकिन घटना का पर्दाफाश नहीं हो सका।ये होता है पॉलीग्राफी टेस्ट
पॉलीग्राफी टेस्ट को लाई डिटेक्टर मशीन यानी झूठ पकड़ने वाली मशीन से किया जाता है। इसमें व्यक्ति के शरीर पर तमाम स्ट्रीप लगाई जाती है। इस टेस्ट के अंतर्गत सच जानने के लिए इंसान की फिजिकल और मेंटल एक्टिविटी को नापा जाता है। टेस्ट के दौरान कुछ सवाल किए जाते हैं। इन सवालों के जवाब देते वक्त मशीन इंसान की सभी तरह की एक्टिविटी का चार्ट तैयार करती है। यह मशीन अपराधियों से जरूरी जानकारी और सच उगलवाने के लिए बनाई गई है। इसमें हार्टबीट, श्वसन दर, होठ हिलाने जैसी तमाम चीजों को नोट किया जाता है।
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कन्नौज जिले के छिपरा मऊ की लक्ष्मी गुप्ता मोदीनगर के दिव्य ज्योति शिक्षण संस्थान में बीएएमएस तीसरे वर्ष की छात्रा थी। वे निवाड़ी रोड पर सूर्या एनक्लेव कॉलोनी में मनोज शर्मा के घर पर किराये के कमरे में रहती थी। 15 जून 2023 को लक्ष्मी का शव कमरे में चौखट से लटका मिला। साथ में एक नोट भी मिला। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई तो हत्या का मामला दर्ज किया गया। अब डेढ़ साल बीत चुका है। लेकिन अब तक पर्दाफाश नहीं हुआ है।संदिग्धों का पॉलीग्राफी टेस्ट दो दिसंबर को कराया जाएगा। प्रयास है कि जल्द से जल्द घटना का पर्दाफाश किया जाए। - ज्ञान प्रकाश राय, एसीपी मोदीनगर