RapidX: 25 साल में कैसे साकार हुआ 'नमो भारत' का सपना, एक क्लिक में पढ़ें इसकी हर जानकारी
PM Modi आज हाईस्पीड़ नमो भारत रैपिडएक्स ट्रेन का उद्घाटन करने गाजियाबाद बाद पहुंचेंगे। नमो भारत रैपिडएक्स ट्रेन नए भारत की एक बढ़ते हुए कदम हैं। यह ट्रेन न सिर्फ एनसीआर के लोगों को तेज रफ्तार सुरक्षित सफर उपलब्ध कराएगी बल्कि प्रदूषण के खिलाफ जंग में भी मददगार बनेगी।
By Abhishek SinghEdited By: Nitin YadavUpdated: Fri, 20 Oct 2023 09:52 AM (IST)
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी ने जो नए भारत की संकल्पना की है, उस दिशा में देश नमो भारत ट्रेन (RapidX) के रूप में आज एक कदम और आगे बढ़ने जा रहा है। यह ट्रेन न सिर्फ एनसीआर के लोगों को तेज रफ्तार सुरक्षित सफर उपलब्ध कराएगी, बल्कि प्रदूषण के खिलाफ जंग में भी मददगार बनेगी। दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में इसका परिचालन शुरु होने के बाद करीब एक लाख वाहनों का दबाव एनसीआर में कम होगा।
63 प्रतिशत तक हो जाएगी सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी
सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उपयोग 37 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत हो जाएगा। रोजाना आठ लाख लोग रैपिडएक्स ट्रेनों में सफर करेंगे। ऐसे में प्रतिवर्ष 2.50 टन कार्बन-डाई-आक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने दुहाई डिपो में 585 किलोवाट की क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है। जो डिपो को ग्रीन डिपो के रूप में स्थापित करता है। इस सौर संयंत्र से प्रत्येक साल 6.66 लाख यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न होने का अनुमान है।
कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन 615 टन कम होने की उम्मीद
इस संयंत्र से प्रतिवर्ष 615 टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है। एनसीआरटीसी ने स्टेशनों और डिपो के डिजाइन और वायाडक्ट के किनारे रिचार्ज पिट या वर्षा जल संचयन संरचनाओं का प्रावधान किया गया है। ये संरचनाएं वर्षा जल को एकत्रित करने एक टैंक में संग्रहित करेंगी। इससे काफी मात्रा में पानी बचाने में मदद मिलेगी।
रैपिडएक्स ट्रेन प्रोजेक्ट पर एक नजर
1998 में इंडियन रेलवे ने आरआरटीएस कारिडोर की स्थापना संभावित की2009 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्लानिंग बोर्ड ने आठ आरआरटीएस कारिडोर का प्लान तैयार किया
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ये हैं आठ कॉरिडोर
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर - 82 किलोमीटर
- दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर कारिडोर - 198 किलोमीटर
- दिल्ली-पानीपत कारिडोर - 103 किलोमीटर
- दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लभगढ़- पलवल कारिडोर
- गाजियाबाद- खुर्जा कारिडोर
- दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक कारिडोर
- गाजियाबाद- हापुड़ कारिडोर
- दिल्ली-शाहदरा-बडौत कारिडोर
ऐसे आगे बढ़ा प्रोजेक्ट
- 2011 में मिनिस्ट्री आफ अर्बन डेवलपमेंट एंड नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड, भारत सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच एमओयू हुआ।
- 2013-14 में नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड का पंजीकरण हुआ।
- 2016 में पहले तीन कारिडोर के लिए रेलवे अफसर विनय कुमार सिंह को एनसीआरटीसी में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया।
- फरवरी 2017 में केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने एनसीआरटीसी का लोगाे और टैग लाइन जारी की।
- सितंबर 2017 में कॉरिडोर के लिए निर्माण से पहले किया जाने वाला सर्वे शुरू किया गया था।
- 2019 के जनवरी में साहिबाबाद में एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए पाइल लोड टेस्ट किया गया।
- आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर का शिलान्यास किया।
- तीन जून 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर पर सिविल निर्माण कार्य शुरू किया गया।
- दिसंबर 2019 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के लिए गुलधर में पहले पिलर का निर्माण हुआ।
- 2020 जनवरी में वसुंधरा कास्टिंग यार्ड में गर्डर बनाए।
- जुलाई 2020 में गुलधर और दुहाई के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर की पहली पटरी बिछाई गई।
- नवंबर 2020 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन एग्रीमेंट हुआ।
- दिसंबर 2020 में दुहाई डिपो स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
- अप्रैल 2021 में आरआरटीएस कारिडोर पर ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू किया गया।
- जुलाई 2021 में गुजरात में रैपिडएक्स ट्रेन की मैन्यूफैक्चरिंग का कार्य शुरू हुआ।
- दिसंबर 2021 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर में पहले स्पेशन स्टील स्पैन को स्थापित किया गया।
- फरवरी 2022 में 150 मीटर स्टील स्पैन असैंबल किया गया। यह इस कॉरिडोर पर सबसे लंबा स्टील स्पैन है, जिसका वज 3000 टन है।
- मार्च 2022 में रैपिडएक्स ट्रेन के कोच की झलक दिखाई गई।
- सात मई 2022 को पहली रैपिडएक्स ट्रेन एनसीआरटीसी को मिली।
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- मई 2022 में पहली ट्रेन सेट NCRTC को सौंपी गई।
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- जनवरी2023 में पहले ट्रायल रन शुरू हुआ।
- मई 2023 में प्रायोरिटी कॉरिडोर पर सभी तरह के निर्माण और आधारभूत ढांचे का काम पूरा कर लिया गया।
रैपिडएक्स ट्रेन की खासियत
- प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में छह कोच होंगे, एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
- रैपिडएक्स ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा, ट्रेन परिचालन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा और औसत स्पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।
- ट्रेन के अंदर सामान रखने के लिए रैक, सीसीटीवी कैमरे, चार्जिंग सुविधा होगी।
- ट्रेन का परिचालन यात्रियों के लिए 21 अक्टूबर से सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक होगा।
- प्रत्येक स्टेशन पर 15 मिनट के अंतराल पर ट्रेन आएगी।
- रैपिडएक्स के प्रत्येक स्टैंडर्ड कोच में 72 और प्रीमियम कोच में 62 यात्रियों के लिए सीट है।
- प्रत्येक कोच में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित होंगी।
- रैपिडएक्स ट्रेन के दरवाजे ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने पर बटन दबाने से खुलेंगे।
- यात्री पेपर क्यूआर कोड, टिकट वेंडिग मशीन, एनसीएमसी कार्ड, रैपिडएक्स कनेक्ट एप, टिकट काउंटर से टिकट ले सकेंगे।
- प्रत्येक ट्रेन क अंतिम कोच में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के लिए स्थान आरक्षित होगा।
- प्रत्येक स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल के पेड एरिया में पेयजल और वाशरूम की व्यवस्था है।
- हर स्टेशन पर महिला शाैचालय में डायपर चेंजिंग स्टेशन की व्यवस्था है।
- किसी भी जानकारी के लिए यात्री 8069651515 नंबर पर फाेन कर ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
- खोई-पाई वस्तुओं के लिए गाजियाबाद स्टेशन पर एक खोया-पाया केंद्र बनाया गया है।
- ट्रेन में आपातकालीन संचार प्रणाली प्रदान की गई है, जिसके माध्यम से आपरेटर को समस्या बता सकते हैं।
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर का उपयोग होगा।
- यूपी सरकार ने सभी आरआरटीएस स्टेशनों की सुरक्षा का दायित्व यूपीएसएसएफ को सौंपा है।
- स्टेशनों पर पार्किंग, लिफ्ट और एस्केलेटर की व्यवस्था की गई है।
- दिल्ली से मेरठ के बीच 2025 में रैपिडएक्स ट्रेन का परिचालन संभावित है।
- इस कारिडोर में कुल 25 स्टेशन हैं।
- 82 किलोमीटर का सफर 60 मिनट में तय होगा।
- कारिडोर का प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबा है।
- प्राथमिक खंड में पांच स्टेशन गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं।
- प्राथमिक खंड में महिला कर्मचारियों की संख्या पुरुष कर्मचारियों की अपेक्षा ज्यादा है।