Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

लव जिहाद मामले में नया मोड़, खतना हुआ या नहीं; जानने के लिए तीन साल के बच्चे का पुलिस ने कराया टेस्ट

गाजियाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू बनकर एक महिला डॉक्टर से शादी की और धर्म परिवर्तन करवा लिया। जब यह सच सामने आया तो महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बच्चे के खतने की भी बात सामने आई है।

By Madan Panchal Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 22 Sep 2024 10:31 AM (IST)
Hero Image
खतना की जांच रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। हिंदू बनकर मुस्लिम ने पहले हिंदू महिला चिकित्सक से शादी कर ली। शादी के कई साल बाद जब यह राज खुला कि चिकित्सक का पति एक मुस्लिम है तब तक एक बेटा पैदा हो गया। धर्म परिवर्तन कर धोखे से शादी करने को लेकर कोतवाली थाने में महिला चिकित्सक ने सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करवा दी।

आरोपी पति को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। चूंकि बेटा विवाद के बाद पति के पास रह रहा था ऐसे में बेटे का खतना करवा दिया। पुलिस ने महिला चिकित्सक के अनुरोध पर तीन साल के बेटे के सुन्नत (खतना) की मेडिकल जांच को एक पत्र सीएमओ को भेज दिया। सीएमओ के निर्देश पर जिला एमएमजी अस्पताल के दो चिकित्सकों के पैनल ने खतना की जांच की।

जांच में खतना होना पाया गया

जांच कराने वाले चिकित्सकों में सर्जन डॉ. महेन्द्र वर्मा और ईएमओ डॉ. राजीव वर्मा शामिल हैं। जांच करने वाले चिकित्सकों ने मेडिकल जांच में खतना कराए जाने की पुष्टि की करते हुए रिपोर्ट पुलिस को भेज दी है। सर्जन डॉ. महेन्द्र वर्मा ने बताया कि पुलिस ने केवल खतना होने और न होने की जांच का अनुरोध किया था। उनके अनुसार जांच में खतना होना पाया गया।

खास बात यह है कि खतना की जांच करने और रिपोर्ट भेजने के बाद भी चिकित्सक इस प्रकरण को लेकर डरे हुए हैं। धर्मपरिवर्तन जैसे गंभीर मामलों में प्रदेश सरकार बेहद सख्त है। तीन साल के बच्चे के खतना की मेडिकल जांच गाजियाबाद में पहली बार हुई है।

सामान्य परिस्थिति में मुस्लिम परिवार में पैदा होने वाले बच्चे का खतना एक महीने के भीतर कराने की परंपरा है। परिस्थिति सामान्य न होने पर ढ़ाई वर्ष की उम्र तक कभी भी कराया जाना चाहिए। नाबालिग बच्चे का जबरन खतना किया जाना कानून गंभीर अपराध है। - अनीस चौधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता