Ghaziabad News: अब संपत्ति का आकार छिपाया, तो होगी कार्रवाई; निगम अधिकारी खुद मौके पर जाकर करेंगे जांच
संपत्ति मालिक नगर निगम में विवरण दे रहे हैं। संदेह होने पर नगर निगम की टीम मौके पर जाकर खुद जांच करेगी। यदि संपत्ति का आकार अधिक मिलता है तो कार्रवाई होगी। यदि कोई व्यक्ति संपत्ति का विवरण देने से बचता है तो नगर निगम की टीम मौके पर जाकर खुद ही संपत्ति की पैमाइश करेगी। इसके बाद कर का निर्धारण कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। लोग कामर्शियल संपत्ति का आकार नहीं छिपा पाएंगे। संपत्ति का विवरण देने के लिए पूरे शहर में नगर निगम ने 2600 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया है। यदि कोई व्यक्ति संपत्ति का आकार छिपाकर विवरण प्रस्तुत करता है, उस पर निगम की ओर से जुर्माना लगाया जाएगा। निगम के अधिकारी खुद मौके पर जाकर जांच करेंगे।
संपत्ति कर से छूटी कमर्शियल संपत्तियों की जांच की जा रही है। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि कमर्शियल संपत्ति के आकार में परिवर्तन और परिवर्धन पूर्व में या अब कोई बदलाव किया गया है या नहीं। इस विवरण के मिलने पर कर का निर्धारण करने में आसानी होगी। बढ़े हुए क्षेत्रफल के अनुसार संपत्ति कर लगाया जाएगा।
साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट चार, हर्ष कंपाउंड अर्थला, आनंद औद्योगिक क्षेत्र, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, लोहिया नगर, कवि नगर औद्योगिक क्षेत्र, विजयनगर औद्योगिक क्षेत्र, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र, मोहन नगर औद्योगिक क्षेत्र साइट दो, राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र सहित अन्य कुल 4696 संपत्तियां है।
नोटिस जारी होने के बाद इनमें से 1367 मालिकों ने अपनी संपत्ति के आकार का विवरण उपलब्ध करा दिया। उन्होंने संपत्ति के प्लाट एरिया और कवर्ड एरिया का विवरण जोनल कार्यालयों पर जमा कराया है। संपत्ति का विवरण उपलब्ध कराने के लिए लोगों के पास जुलाई तक का समय है।
गलत विवरण देने वालों पर इस तरह होगी कार्रवाई
संपत्ति मालिक नगर निगम में विवरण दे रहे हैं। संदेह होने पर नगर निगम की टीम मौके पर जाकर खुद जांच करेगी। यदि संपत्ति का आकार अधिक मिलता है तो कार्रवाई होगी। यदि कोई व्यक्ति संपत्ति का विवरण देने से बचता है तो नगर निगम की टीम मौके पर जाकर खुद ही संपत्ति की पैमाइश करेगी। इसके बाद कर का निर्धारण कर दिया जाएगा।बढ़ेगा राजस्व तो होगा विकास
नगर निगम राजस्व बढ़ाने के लिए संपत्ति के आकार का विवरण ले रही है। कुछ लोगों ने संपत्ति का आकार बदल लिया है लेकिन वह टैक्स पुराने आकार के आधार पर ही दे रहे हैं। जिससे राजस्व कम मिल रहा है। बढ़ी हुई संपत्ति पर टैक्स लगाने से राजस्व में इजाफा होगा। जिससे शहर का विकास में मदद मिलेगी।
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2019 - 20 | 3,61,172 | 1,25,649 |
2020 - 21 | 3,68,396 | 1,49,145 |
2021 - 22 | 4,37,151 | 1,43,064 |
2022 - 23 | 4,51,881 | 1,50,834 |
2023 - 24 | 4,52,569 | 2,63,139 |
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