NITRA ने तैयार की वाहनों के लिए ईको फ्रेंडली रूफलाइनर और पार्सल ट्रे, जानिए कितना है कारगर
उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (निटरा) ने वाहनों के लिए पर्यावरण के अनुकूल रूफलाइनर और पार्सल ट्रे विकसित की है। जूट और पाली पापलिन कॉटन से बने ये रूफलाइनर और पार्सल ट्रे हल्के रिसाइकिल करने योग्य और अग्निरोधी हैं। निटरा का दावा है कि गाड़ी में किसी हादसे के दौरान आग लगने पर रूफलाइनर और पार्सल ट्रे पर आग का असर आसानी से नहीं होगा।
शाहनवाज अली, गाजियाबाद। सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए हर क्षेत्र में कार्य कर रही है, लेकिन बढ़ते वाहनों की संख्या और उनसे निकलने वाला स्क्रैप कहीं न कहीं पर्यावरण संरक्षण में बाधा बन रहा है। पर्यावरण संरक्षण में आने वाली बाधा का समाधान उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (निटरा, NITRA) ने ढूंढ लिया है।
निटरा ने वाहनों के लिए ईको-फ्रेंडली रूफलाइनर और पार्सल ट्रे तैयार की है। यह रूफलाइनर और पार्सल ट्रे पर्यावरण के लिए पूरी तरह से अनुकूल है। मौजूदा वाहनों में लगी रुफलाइन और पार्सल ट्रे से ये हल्की हैं, जिससे वाहनों की ऊर्जा दक्षता भी बढ़ेगी। गर्मी में धूप की तपिश का असर भी गाड़ी के अंदर बैठे लोगों पर कम होगा।
निटरा का दावा है कि गाड़ी में किसी हादसे के दौरान आग लगने पर रूफलाइनर और पार्सल ट्रे पर आग का असर आसानी से नहीं होगा। अभी तक समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों में लगे रूफलाइनर और पार्सल ट्रे पर्यावरण के लिए खतरा साबित हो रहे है, लेकिन निटरा के विज्ञानियों ने करीब डेढ़ वर्ष के शोध के बाद इससे होने वाले पर्यावरणीय खतरे को खत्म करने की खोज की है।
जूट और पाली पापलिन काटन से विज्ञानियों ने रूफलाइनर और पार्सल ट्रे तैयार की है, जो कबाड़ हुए वाहनों से निकालकर फेंक दिए जाने पर पर्यावरण के लिए खतरा नहीं बनेगी और इसे रिसाइकिल भी किया जा सकेगा। निटरा ने हाल में ही एक कंपनी से इसका करार किया है।
यह मौजूदा वाहनों में लगे रूफलाइनर की लागत से करीब 15 प्रतिशत सस्ती और वजन में करीब 35 से 40 प्रतिशत हल्की है। संस्थान का कहना है कि जिन वाहनों में इनको लगाया जाएगा। हल्का होने के कारण उनके माइलेज पर भी इसका असर होगा।
मैसर्स आरएफएम कंपनी से हुआ करार
निटरा के विज्ञानियों ने शोध करके करीब डेढ़ वर्ष में ईको फ्रेंडली रुफलाइनर और पार्सल ट्रे तैयार की है, जिसका मेसर्स आरएफएम आटोमेटिव प्राइवेट लिमिटेड से करार किया गया है। यह कंपनी वाल्वो और सोनालिका कंपनी को रूफ लाइनर और पार्सल ट्रे की शुरुआत में आपूर्ति करेगी।
गाड़ियों के रूफलाइनर और पार्सल ट्रे
गाड़ी के अंदर छत पर लगने वाला रुफलाइनर सिंथेटिक मेट और शीशे से बना होता है। गाड़ी में पीछे डिग्गी में लगने वाली पार्सल ट्रे भी इसी सिंथेटिक मेट और शीशे से बनी होती है। समय सीमा समाप्त होने या स्क्रेप में जाने पर गाड़ियों से निकलने वाले स्क्रेप का इस्तेमाल कहीं न कहीं होता है, लेकिन रूफलाइन और पार्सल ट्रे पर्यावरण के लिए खतरा होते हैं।
गाड़ियों का ईको फ्रेंडली रूफलाइनर और पार्सल ट्रे बनाने में उनके साथ दो सहायक विज्ञानियों नेहा कपिल और प्रीति सचदेवा का करीब डेढ़ वर्ष का समय लगा। इसमें जूट, पाली पापलीन का उपयोग किया गया है जो न केवल हल्के हैं बल्कि रिसाइकिल किए जा सकते हैं। यह कपड़ा अग्निरोधी भी है, जो आसानी से आग नहीं पकड़ेगा। यह स्वच्छ और बेहतर परिवहन की दिशा में एक अच्छा कदम साबित होगा। -डॉ. अरिंदम बासु, महानिदेशक निटरा