देश की पहली नमो भारत ट्रेन में सफर कर यात्री हुए उत्साहित, अनूठी और अलग हैं सुविधाएं; महिलाओं की तो चांदी ही चांदी
नमो भारत ट्रेन में अनूठी और अलग सुविधाओं के मिलने से यात्री बेहद उत्साहित हैं। यात्रियों का कहना है कि इस ट्रेन में बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही है जो कि अच्छी बात है। इससे महिलाओं को बढ़ावा मिलेगा।
एएनआई, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश की पहली सेमी हाईस्पीड नमो भारत रैपिडएक्स के पहले भाग का उद्घाटन कर दिया है। उद्घाटन के बाद शनिवार से इस ट्रेन को यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। यात्रियों ने शनिवार को साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक जाने वाली नमो भारत ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों ने खुशी जाहिर की है।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का नाम नमो भारत ट्रेन रखा गया है, जिसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा होगी और इसमें एक महिला कोच और एक प्रीमियम कोच सहित कई सुविधाएं होगी। साथ ही ट्रेन में एक अटेंडेंट भी होगा।
1700 यात्रियों के बैठने की होगी क्षमता
नमो भारत सेमी हाईस्पीड ट्रेन में छह डिब्बे होंगे, जिसमें 1700 यात्री सफर कर सकेंगे। ट्रेन में यात्रियों के लिए बैठने और खड़े होने दोनों की जगह शामिल है।
रैपिडएक्स में मेट्रो की तरह एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा, जिसमें 72 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। वहीं, ट्रेन के अन्य कोचों में महिलाओं के लिए अतिरिक्त 10 सीटें भी आरक्षित होंगी।
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इन पांच स्टेशनों में दौड़ेगी नमो भारत
आपको बता दें कि RRTS के अभी साहिबाबाद से दुहाई डिपो स्टेशन तक पहले भाग का उद्घाटन किया गया है। हालांकि, नमो भारत ट्रेन के पहले खंड की कुल लंबाई 82 किमी लंबा होगा जो दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा। ट्रेन के इस खंड में पांच स्टेशन हैं, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो।
- सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक चलेगी ट्रेन
- हर स्टेशन पर 30 सेकंड का होगा स्टॉप
- हर स्टेशन पर 15 मिनट के अंतराल में मिलेगी ट्रेन
- ट्रेन को ऑपरेशन और मेंटेनेंस करने वाला 50 प्रतिशत से ज्यादा स्टाफ में महिलाएं होंगी
- 20 से 50 रुपये होगा जनरल कोच का किराया
- 40 से 100 रुपये होगा प्रीमियम कोच का किराया
- एप आधारित होंगी टिकट
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एक यात्री ने कहा कि पैसे कितने भी खर्च हो जाए पर वक्त बचाना चाहिए, क्योंकि मुझे ऑफिस में समय पर अपनी हाजिरी लगानी होती है। यहां बहुत अच्छी सुविधा लगती है। मैं 2002 से मेट्रो में यात्रा कर रहा हूं। यहां महिलाएं काम कर रही हैं, उन्हें बढ़ावा देना अच्छी बात है।
एक अन्य यात्री ने कहा कि मेरा रूट अलग है, लेकिन मैं यहां यह देखने आया हूं कि नया क्या है। मेरा जो रूट एक घंटे में तय होता है, उसे आधे घंटे में पूरा किया जा रहा है। मैं इससे बहुत खुश हूं। यहां सुविधाएं भी अच्छी हैं।