Ghaziabad: आंख दान करने के नाम पर आंख दिखा रहे, नेत्रदान के लिए सामने नहीं आ रहे लोग
Eye Donate राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत आंख दान करने के लिए लोग कम आगे आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड 75 नेत्रबैंकों के मुकाबले सिर्फ 11 नेत्रबैंकों ने ही आंख दान करने की रिपोर्ट दी है बाकी के नेत्रबैंकों में कोई दान कराने पहुंचा ही नहीं है। 11 नेत्रबैंकों ने भी रिपोर्ट में बताया कि यहां भी लोग आंखें दान करने नहीं आए हैं।
- वित्त वर्ष 2023-24 में 1500 कार्निया कलेक्शन का लक्ष्य रखा गया
- अब तक 1406 कार्निया दान में मिले और 1066 का सफल प्रत्यारोपण किया गया
- अकेले गाजियाबाद में प्रतिमाह सड़क हादसों में डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत होती है।
- यदि लोग जागरूक होकर आंख दान करने को आगे आएं तो अनेक लोगों को रोशनी मिल सकती है।
जनता में नेत्रदान की जागरूकता की कमी एवं सामाजिक रूढ़ियों के कारण लक्ष्य के सापेक्ष अपेक्षित उपलब्धियां प्राप्त नहीं हो पा रही हैं। हादसों में होने वाली मौतों के तुरंत बाद नेत्रदान के प्रयास शून्य हैं। नेत्रदान शपथपत्र भरवाने का काम भी सुस्त है। इस संबंध में सोसायटी के लोगों में जानकारी पहुंचाना बहुत जरूरी है। जिले में नेत्रबैंक स्थापित किया जाना चाहिए। लोग नोएडा, मेरठ और दिल्ली में संपर्क करते हैं। महीने-दो महीने में उनके पास एक-दो लोग आंख दान करने के लिए जानकारी करने आते हैं। -डॉ. नरेन्द्र कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं नोडल राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान