Ghaziabad Pollution: ग्रेप लागू होने के बाद से रोजाना बढ़ रहा प्रदूषण, सतर्क नहीं अधिकारी
गाजियाबाद में ग्रेप लागू होने के बाद से रोजाना प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इसे लेकर अधिकारी सतर्क नजर नहीं आ रहे हैं। ट्रांस हिंडन में बुधवार को जगह-जगह सड़कों पर धूल उड़ती मिली। पुराने वाहन से निकलने वाला धुआं प्रदूषण फैला रहा है। कई जगह कूड़ा जलता भी पाया गया। प्रदूषण बढ़ने से सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ रही है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस प्लान) लागू होने के बाद से रोजाना जिले का वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इससे सांस के मरीजों को परेशानी व विभिन्न बीमारियां होने का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है।
अधिकारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 200 के पार पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण को रोकने के उपाय करने के बजाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के नियमों का हवाला दे रहे हैं।
एनसीआर में प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए एक अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू हो चुका है। इसके अनुसार एक्यूआइ 200 के पार जाने पर ही कार्रवाई करने के आदेश हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बढ़नेे के बाद भी विभागीय अधिकारी अभी तक सक्रिय नहीं हुए हैं। एक से चार अक्टूबर तक एक्यूआइ 23 अंक बढ़ गया है। ट्रांस हिंडन में बुधवार को जगह-जगह सड़कों पर धूल उड़ती मिली। पुराने वाहन से निकलने वाला धुआं प्रदूषण फैला रहा है।
कई जगह कूड़ा जलता भी पाया गया। कनावनी पुस्ता रोड, अहिंसा खंड-दो, नीति खंड, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, जीटी रोड आदि पर दिनभर धुल उड़ती रही। जीडीए व नगर निगम की कोई गाड़ी छिड़काव करती नहीं दिखी। विभागों अपना काम नहीं कर रहे हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है।
अहिंसा खंड दो में कूड़े में जलता मिला
अहिंसा खंड दो में एक खाली प्लाट में पड़ा कूड़ा जलता मिला। इसके आस पास रेहड़ी लगाने वालों व वहां के लोगों से पूछा गया तो वह आग लगने का कारण नहीं बता पाए। इसी तरह कई जगह कूड़ा जलता पाया गया।
ग्रेप लागू होने के बाद पिछले चार दिन में बढ़ा जिले का एक्यूआई
दिनांक एक्यूआई
चार अक्टूबर 180
तीन अक्टूबर 168
दो अक्टूबर 165
एक अक्टूबर 157
बुधवार को लोनी व वसुंधरा का एक्यूआइ 200 के पार पहुंचा
स्टेशन एक्यूआइ
वसुंधरा 218
इंदिरापुरम 154
संजयनगर 137
लोनी 209
स्वास्थ्य पर प्रदूषण का कब कितना प्रभाव होता है?
एक्यूआई श्रेणी प्रभाव
0-50 अच्छा कम प्रभाव
51-100 संतोषजनक बीमार लोगों को सांस लेने में दिक्कत
101-200 मध्यम फेफड़े, अस्थमा व हृदय रोग से पीड़ितों को सांस लेने में दिक्कत
201-300 खराब अधिकांश लोगों को सांस लेने में तकलीफ
301-400 बेहद खराब लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी
401 से अधिक आपात स्वस्थ लोगों के साथ बीमारियों से ग्रस्त लोगों को गंभीर प्रभावित
जिन सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है उनकी सूची तैयार की जा रही है। सड़कों से संबंधित विभागों को पत्र जारी किया जाएगा। रोजाना छिड़काव कराना अनिवार्य है। इसके लिए एक्यूआइ 200 के पार जाने का इंतजार नहीं करना है।
-विकास मिश्र, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी
नगर निगम की 10 गाड़ियां सड़कों पर पानी का छिड़काव करने के लिए लगाई गई हैं। जरूरत पड़ने पर टैंकरों के फेरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
-आनंद त्रिपाठी, जीएम, जलकल विभाग
राहुल कुमार