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'साइबर स्पेस और लेबोरेटरी की सुरक्षा जरूरी' हिंडन एयरबेस में आयोजित कार्यक्रम में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वायुसेना न केवल देश के एयर स्पेस की सुरक्षा कर रही है बल्कि भारत स्पेस कार्यक्रम में भी अपना अहम योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि जल-थल-नभ की रक्षा महत्वपूर्ण होने के साथ साइबर स्पेस और लेबोरेटरी की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारतीय वायुसेना में महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए...

By Hasin Shahjama Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Fri, 08 Mar 2024 08:45 PM (IST)
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हिंडन एयरबेस में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं राष्ट्रपति

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि जल-थल-नभ की रक्षा महत्वपूर्ण होने के साथ साइबर स्पेस और लेबोरेटरी की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। भारतीय वायुसेना देश के स्पेस की सुरक्षा कर रही है। स्पेस के कार्यक्रम में अहम योगदान भी दे रही है। उन्होंने शुक्रवार को यह बातें हिंडन एयरबेस में आयोजित प्रेसिडेंट्स स्टैंडर्ड एंड कलर्स सम्मान कार्यक्रम के दौरान कहीं।

स्पेस कार्यक्रम में योगदान दे रही वायुसेना- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वायुसेना न केवल देश के एयर स्पेस की सुरक्षा कर रही है, बल्कि भारत स्पेस कार्यक्रम में भी अपना अहम योगदान दे रही है। भारतीय वायुसेना की चार यूनिट को एक साथ स्टैंडर्ड और कलर्स सम्मान प्रदान कर अत्याधिक प्रसन्नता हो रही है। देश की रक्षा में वायुसेना का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। सेना के वीरों ने 1948, 1965, 1971, 1998 के युद्धों में साहस और समर्पण का परिचय दिया है।

वायुसेना के जवानों ने देश-विदेश में आपदा के समय राहत बचाव कार्य में अपना अहम योगदान दिया है। 509 सिगनल यूनिट, उन वायु रक्षा-प्रणालियों का एक अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है जो सभी हवाई गतिविधियों की निगरानी करती है। यह यूनिट सतत् तत्पर के अपने आदर्श वाक्य पर निष्ठापूर्वक अडिग रही है। यह खुशी की बात है कि जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन इसरो के गगनयान मिशन के लिए किया गया है, वह सभी वायुसेना के अधिकारी हैं।

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रक्षा क्षेत्र में बढ़ रही टेक्नोलॉजी की भूमिका

तेजी से बदलते युग में रक्षा संबंधी जरूरतें और प्राथमिकताएं भी तेजी से बदल रही हैं। रक्षा क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ती जा रही है। केवल जल-थल-नभ की रक्षा महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि साइबर स्पेस और लैबोरेटरी की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि भारतीय वायुसेना पिछले कुछ वर्षों से आधुनिक तकनीक अपना रही है।

राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि भारतीय वायुसेना में महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्हें वायुसेना में भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में अधिक से अधिक महिलाएं वायुसेना में शामिल होंगी। वह देश की सेवा करेंगी। वायुसेना में महिलाओं की संख्या बढ़ने पर भारतीय वायुसेना और भी अधिक समावेशी होगी।

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