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Ghaziabad: करदाताओं की जेब पर पड़ेगा भार, डीएम सर्किल रेट के आधार पर तय होगी संपत्ति कर की दर

गाजियाबाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में हाउस टैक्स का निर्धारण वर्ष 2018 के डीएम सर्किल रेट के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए शासन से निर्देश जारी हुए हैं जिसके बाद प्रस्तावित दर का अंतिम रूप से नगर निगम द्वारा प्रकाशन कराया गया है। डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण होने पर करदाताओं की जेब पर भार पड़ेगा। हालांकि इससे राजस्व भी बढ़ेगा।

By Jagran News Edited By: Sonu SumanUpdated: Sat, 13 Jan 2024 01:38 PM (IST)
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डीएम सर्किल रेट के आधार पर तय होगी संपत्ति कर की दर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में हाउस टैक्स का निर्धारण वर्ष 2018 के डीएम सर्किल रेट के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए शासन से निर्देश जारी हुए हैं, जिसके बाद प्रस्तावित दर का अंतिम रूप से नगर निगम द्वारा प्रकाशन कराया गया है।

डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण होने पर करदाताओं की जेब पर भार पड़ेगा तो दूसरी तरह नगर निगम के राजस्व में सौ करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा भी होगा। हालांकि, महापौर सुनीता दयाल ने इसका विरोध जताया है। उनका कहना है कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लागू नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो वह खुद इस मामले में लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से वार्ता कर इसे रुकवाने का कार्य करेंगी।

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300 से अधिक लोगों ने दर्ज कराई आपत्तियां

शासन ने डीएम सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स का निर्धारण करने के लिए तीन साल पहले भी पत्र जारी किया था, जिसके बाद नगर निगम ने आपत्तियां मांगी थीं। 300 से अधिक लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थीं, नियम के तहत आपत्तियां दर्ज कराने वाले 10 प्रतिशत लोगों को तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा गठित कमेटी ने कार्यालय में बुलाकर सुना था, उनकी आपत्तियों का निस्तारण कर उनको सूचित किया गया था। प्रस्तावित दर को कार्यकारिणी और सदन के समक्ष चर्चा के लिए रखा गया था, लेकिन इस पर चर्चा नहीं की गई थी। 

संपत्ति कर निर्धारण करने के लिए सचिव को पत्र

इसके बाद डीएम सर्किल रेट की प्रस्तावित दर के आधार पर संपत्ति कर निर्धारण करने के लिए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा गया था। तब से मामला शासन में लंबित था, अब गत अक्टूबर माह में शासन ने पत्र जारी कर कहा कि हाउस टैक्स का निर्धारण करने का अधिकार नगर निगम अधिनियम में नगर आयुक्त को दिया गया है, इसलिए प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया जाता है। डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण जल्द से जल्द किया जाए। शासन से पत्र मिलने के बाद नगर निगम की ओर से इस मामले में आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

4.51 लाख लोगों से वसूला जा रहा संपत्ति कर

नगर निगम द्वारा वर्तमान में 4.51 लाख लोगों से संपत्ति कर की वसूली की जा रही है। संपत्ति कर के दायरे में आने से छूटी संपत्तियों को शामिल करने के लिए जीआइएस सर्वे कराया जा रहा है, जिसके तहत शहर में कुल 6.61 लाख संपत्तियों को चिह्नित किया जा चुका है। इस आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण कर नोटिस जारी किए जा रहे हैं, नए करदाताओं से वित्तीय वर्ष 2024-25 से संपत्ति कर की वसूली करने की तैयारी है।

वर्तमान में यह है स्थिति 

वर्तमान में गाजियाबाद नगर निगम के संपत्ति कर की अधिकतम दर 1.32 प्रति वर्गफुट है, मध्यम दर 1.10 रुपये प्रति वर्गफुट और न्यूनतम दर 0.87 रुपये प्रति वर्गफुट है। जबकि, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद नगर निगम और पिलखुवा नगर पालिका में यह दर गाजियाबाद से अधिक है।

डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर की दर

(रुपये प्रति वर्गफुट के हिसाब से)

24 मीटर से अधिक चौड़े मार्ग पर स्थित भवन

श्रेणी आरसीसी छत सहित पक्का अन्य पक्का भवन कच्चा भवन
श्रेणी ए 4.00 3.75 1.75
श्रेणी बी  3.50 3.25 1.25
श्रेणी सी 2.75 1.00 1.00
12 मीटर से 24 मीटर तक चौड़े मार्ग पर स्थित भवन

श्रेणी आरसीसी छत सहित पक्का अन्य पक्का भवन कच्चा भवन
श्रेणी ए 3.75 3.50 1.50
श्रेणी बी 3.25 3.00 1.00
श्रेणी सी 2.75 2.50 0.75
12 मीटर से कम चौड़े मार्ग पर स्थित भवन

श्रेणी आरसीसी छत सहित पक्का अन्य पक्का भवन कच्चा भवन
श्रेणी ए 3.50 3.25 1.25
श्रेणी बी 3.00 2.75 0.90
श्रेणी सी 2.50 2.25 0.75

शासन के निर्देश पर डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर की दर का निर्धारण करने के लिए अंतिम रूप से प्रकाशन कराया गया है। उत्तर प्रदेश के ही कई नगर निगमों में संपत्ति कर की दर गाजियाबाद से ज्यादा है, ऐसे में गाजियाबाद में भी डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण शासन के निर्देश पर किया जाएगा। -विक्रमादित्य सिंह मलिक, नगर आयुक्त

डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण नहीं होने दिया जाएगा। इस पर पहली आपत्ति मेरी तरफ से ही है, वित्तीय वर्ष 2023 - 24 में ही हाउस टैक्स में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी। अब डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण किए जाने से करदाताओं की जेब पर भार पड़ेगा, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो विरोध जताने के लिए लखनऊ तक जाऊंगी। -सुनीता दयाल, महापौर

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