Ramlila: श्रवण कुमार को बाण लगने का मंचन देख दर्शक हुए भावुक
साहिबाबाद में रामलीला का भव्य मंचन शुरू हो गया है। इंदिरापुरम के न्याय खंड स्थित सेंट्रल पार्क में जय बद्री केदार रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला में श्रवण कुमार लीला रावण तपस्या राम जन्म सहित कई लीलाओं का मंचन किया जा रहा है। रामलीला के उद्घाटन के मौके पर गणेश पूजन किया गया और कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। आइए जानते हैं आज रामलीलाओं में क्या-क्या मंचन होगा।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। साहिबाबाद में इंदिरापुरम के न्याय खंड स्थित सेंट्रल पार्क में बुधवार से जय बद्री केदार रामलीला समिति द्वारा रामलीला मंचन किया गया। मंचन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित व मंत्रोच्चारण के साथ गणेश पूजा से शुरू हुआ।
लीला मंचन में दिखाया गया कि पितृ भक्त श्रवण कुमार अपने अंधे माता-पिता को तीर्थाटन के लिए ले जाते हैं। रास्ते में प्यास लगने के कारण वह जल लेने जाते हैं। उसी समय राजा दशरथ भी शिकार के लिए गए होते हैं। श्रवण जब जलपात्र में जल भर रहे होते हैं तो दशरथ को लगता है कि कोई हिरण पानी पी रहा है। वे शब्द भेदी बाण चला देते हैं। इसके लगने से श्रवण की मृत्यु हो जाती है।
वहीं, दुखी होकर श्रवण के माता-पिता दशरथ को पुत्र वियोग में मरने का श्राप देते हैं। श्रवण को बाण लगने से पंडाल में मौजूद जनता की आंखें भर आती हैं। आगे दिखाया गया कि कैसे रावण, कुंभकरण व विभीषण के साथ ब्रह्मा की तपस्या करता है।
इससे प्रसन्न होकर ब्रह्म उन्हें वर मांगने को कहते हैं तो रावण कहता है कि मुझे यह वर दीजिए कि मैं देव, दानव, किन्नर आदि को निर्भय हो कर जीत सकूं। ब्रह्मा वर देते हैं। इसके बाद अहंकार में चूर रावण देव ऋषि नारद के उकसाने पर शंभु सहित कैलाश पर्वत उठाने चला जाता है।
भगवान शिव उसे दंड देते हैं अपने भुज बल के घमंड के कारण रावण ने नर व वानरों को जीतने का वर लेना आवश्यक नहीं समझा। इसीलिए रावण जैसे दानवों का वध करने के लिए भगवान श्री विष्णु ने नर के रूप में अवतार लिया।
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इस मौके पर अध्यक्ष बलदेव भंडारी, संरक्षिका मीना भंडारी, महासचिव जगपाल रावत, कोषाध्यक्ष मान सिंह रावत, उपाध्यक्ष एचएस बुटोला, दिलवर कठैत, सचिव जगदीश रावत, निर्देशक रघुवीर रावत आदि मौजूद रहे।
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