RapidX Inauguration: एयरपोर्ट की तरह होगी रैपिडएक्स की सुरक्षा, जवानों के साथ मुस्तैद होगी AI बेस्ड बैगेज स्कैनर
देश की पहली रैपिड ट्रेन लोगों को 180 किमी की रफ्तार से सफर कराने को तैयार है जिसे रैपिडएक्स नाम दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से विकसित किए जा रहे क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली मेरठ कारिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद दिन में उद्घाटन करेंगे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। देश की पहली रैपिड ट्रेन लोगों को 180 किमी की रफ्तार से सफर कराने को तैयार है, जिसे रैपिडएक्स नाम दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से विकसित किए जा रहे क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद दिन में उद्घाटन करेंगे।
रैपिडएक्स की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपी एसएसएफ) की पांचवी बटालियन को दिया गया है। इस बटालियन का परिसर सहारनपुर में तैयार हो रहा है। फिलहाल इसका संचालन मेरठ स्थित पीएसी की 44वीं बटालियन से हो रहा है।
इसके कमांडेंट सचिंद्र पटेल को ही यूपी एसएसएफ की पांचवी बटालियन का चार्ज दिया गया है। रैपिडएक्स की सुरक्षा को लेकर 2012 बैच के आइपीएस अधिकारी सचिंद्र पटेल से दैनिक जागरण के आयुष गंगवार ने विस्तृत बातचीत की। पेश हैं इसके कुछ अंश...
रैपिडएक्स की सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या योजना बनाई है? क्या इंतजाम होंगे?
रैपिडएक्स की सुरक्षा एयरपोर्ट की भांति चाक-चौबंद होगी। योजना महीनों पहले बन गई थी, जिसका पहले चरण में पांचों स्टेशनों पर पर्याप्त जवान तीन माह से तैनात हैं। आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में 24 घंटे तैनाती की गई है। हर शिफ्ट के इंचार्ज दारोगा हैं।
हर प्रवेश द्वार पर एक बुलेट प्रूफ मोर्चा बनाया है, जहां असलहा से लैस जवान तैनात हैं। इसके बाद महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगा है, जहां एक-एक जवान तैनात है। एक या दो जवान बैगेज स्कैनर मशीन पर रहेंगे।
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रैपिडएक्स में क्या ले जा सकते हैं और क्या नहीं? मेट्रो में कई लोग प्रतिबंधित चीजें ले जा चुके हैं, जो पकड़ी नहीं जा सकीं। रैपिडेक्स में ऐसा होने से कैसे रोकेंगे?
हर स्टेशन के बाहर इसकी सूची विस्तार से लगाई है। पहली बार जाएं तो पहले इस सूची को पढ़ लें। रैपिडएक्स में एनसीआरटीसी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) बेस्ड बैगेज स्कैनर लगाए हैं, जो मेट्रो से भी उन्नत हैं।
बैग में रखी सुई या इसके जितनी बड़ी कोई भी प्रतिबंधित चीज को भी यह मशीन स्कैन कर लेगी। इसलिए ऐसा बिल्कुल न करें।
आजकल रील बनाने का क्रेज बहुत है। मेट्रो, एक्सप्रेस वे व एलिवेटेड रोड पर लोग छोटे-छोटे वीडियो बनाने के लिए नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। रैपिडएक्स भी इससे अछूता नहीं रहेगा। इन्हें कैसे रोकेंगे?
तीन कार्डन में तैनाती के साथ स्टेशन परिसर व प्लेटफार्म पर गश्त के लिए भी जवान तैनात हैं, जो ऐसे ही तत्वों पर नजर रखेंगे। स्टेशन परिसर के अंदर नियमों का उल्लंघन करता पकड़े जाने पर स्टेशन कंट्रोलर की ओर शिकायत दी जाएगी, जिसके आधार पर आरोपित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
कोई आपात स्थिति जैसे आग लगने या भगदड़ होने की स्थिति में एसएसएफ इससे कैसे निपटेगी?
हर स्टेशन और ट्रेन के अंदर भी आइपी बेस्ड हाई रेजोल्यूशन कैमरे लगे हैं। दुहाई डिपो में आपरेशनल कंट्रोल रूम के साथ हर स्टेशन पर स्थानीय कंट्रोल रूम है। सुरक्षा के साथ कंट्रोल रूम के लिए अलग से दारोगा तैनात किए हैं।
ये वायरलेस कंट्रोल रूम हैं, जिन्हें स्थानीय पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और एनडीआरएफ से इंटीग्रेट हैं। अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम हैं। कानून व्यवस्था को चुनौती की स्थिति में तुरंत सभी को सूचना देकर बैकअप के लिए बनाई दो क्यूआरटी तुरंत संबंधित स्टेशन या स्थान पर पहुंचेंगे। स्टेशन के साथ ट्रैक के बीच भी आपात निकास बनाए गए हैं, जहां से लोगों को सुरक्षित निकालकर स्थिति से निपटा जाएगा।
मेट्रो स्टेशन के बाहर पिक एंड ड्राप लेन होने के बाद भी अव्यवस्था फैलती है। जाम लगता है। मुख्य रूप से मेरठ रोड पर यातायात का दबाव अधिक रहता है। ऐसे में रैपिडएक्स स्टेशनों के बाहर क्या इंतजाम होंगे?
यूपी एसएसएफ का कार्यक्षेत्र स्टेशन में प्रवेश के बाद शुरू होता है। इस व्यवस्था को संभालने के लिए एनसीआरटीसी ने हर स्टेशन पर पुलिस आउट पोस्ट (चौकी) की योजना बनाई है। भवन रैपिडएक्स का होगा और स्थानीय पुलिस यहां तैनात होगी। स्टेशन के बाहर व्यवस्था बनाकर रखेगी।
स्टेशन या ट्रेन में यात्रा से कोई वारदात होने पर इसी पुलिस चौकी पर प्राथमिक सुनवाई होगी। दुहाई डिपो में एक थाना भी बन रहा है, जहां सिर्फ रैपिडएक्स में हुए अपराध के मामले दर्ज किए जाने की योजना है।
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