Good News: लाखों लोगों के लिए राहत की खबर, नहीं देना पड़ेगा बढ़ा टैक्स; बैठक में हुआ फैसला
Ghaziabad News गाजियाबाद के लोगों के लिए एक राहत की खबर है। अब शहरवासियों को बढ़ा हुआ टैक्स नहीं देना पड़ेगा। दरअसल बुधवार को निगम की बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से डीएम सर्किल रेट के आधार पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया। वहीं नगर आयुक्त ने कहा कि सदन के निर्णय से शासन को अवगत कराएंगे। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। Ghaziabad News गाजियाबाद शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है। डीएम सर्किल रेट के आधार पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव बुधवार को नगर निगम मुख्यालय में हुई निगम की बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया।
पार्षदों के साथ महापौर सुनीता दयाल, कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा व मुरादनगर विधायक अजित पाल त्यागी ने इसका खुलकर विरोध किया। इसके बाद सदन ने प्रस्ताव निरस्त करने का निर्णय लिया। सदन के निर्णय से निगम के अधिकारी शासन को अवगत कराएंगे। इसके बाद शासन मामले में निर्णय लेगा।
11 बजे शुरू हुई थी बैठक
नगर निगम मुख्यालय में बुधवार सुबह 11 बजे निगम की बोर्ड बैठक शुरू हुई। पार्षदों ने डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स के बिल जारी करने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स बढ़ाकर शहर की जनता पर चार गुना अतिरिक्त कर का बोझ पड़ेगा, जो सरासर गलत है।वहीं, सभी ने एक सुर में कहा कि शहर की सभी संपत्ति पर सही तरीके से टैक्स लगाकर वसूली नहीं की जा रही। कर निर्धारण करने वाले अधिकारियों से शपथ पत्र लिया जाए, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। प्रस्ताव खारिज होने के बाद महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि डीएम सर्किल रेट की दर से जो लोग टैक्स जमा करा चुके हैं उन्हें बढ़ी हुई टैक्स की राशि का समायोजन अगले साल के टैक्स में किया जाएगा।
डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स नहीं लगाया जाए
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स नहीं लगाया जाए। यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। संभावना है कि शासन प्रस्ताव को वापस कर दे। नगर निगम के अधिकारी शासन के उच्चाधिकारियों को भरोसा दिलाएं, कि आय बढ़ाई जाएगी। सरकार से अतिरिक्त फंड लेने के लिए टैक्स बढ़ाए बिना ही 25 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए।उन्होंने नगर आयुक्त को टैक्स बढ़ाने के लिए योजना बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि वेवसाइट बनाकर टैक्स की व्यवस्था को ऑनलाइन किया जाए, जिससे यह स्पष्ट रहे कि किस संपत्ति पर कितना टैक्स लगा है। कॉलेज, मॉल और बैंक्वेट हॉल आदि पर टैक्स लगाकर आय बढ़ाई जा सकती है।
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